पाली। 2012 में नियुक्त तृतीय श्रेणी शिक्षकों का परिवीक्षाकाल पूरा होने के एक साल भी उनको सरकार की ओर से सिर्फ 13 हजार 200 रुपए ही वेतन मिल रहा है। इतना ही नहीं, सरकार द्वारा इनको तो स्थायी किया जा रहा है और ही पूरे वेतन का लाभ दिया जा रहा है। इसके चलते जिले के करीब 2400 शिक्षकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि 2012 में सरकार ने इन्हें नियुक्ति तो दे दी तथा 2014 में परिवीक्षाकाल भी पूरा हो गया, फिर भी इनको तो नियमित किया जा रहा है और ही इनकाे वेतन वृद्धि दी जा रही है।
जनप्रतिनिधियों के पास एक ही जबाव- मामला कोर्ट में
परिवीक्षाकालपूरा होने के एक साल बाद भी शिक्षकों को पूरे वेतन का लाभ नहीं मिल रहा है। शिक्षकों ने आंदोलन के किए, जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी दिए। लेकिन जनप्रतिनिधियों के पास एक ही रटा- रटाया जबाव है, जबकि कोर्ट ने तो नियमितिकरण स्थायीकरण के आदेश जारी कर दिए है। कोर्ट ने परीवीक्षा काल पूरा होने के बाद सभी कार्मिकों को नियमित करने का आदेश दे रखा है। इसके बाद भी सरकार इन शिक्षकों को नियमित नहीं कर रही है।
अब भी 13 हजार 200 के वेतन पर दे रहे हैं सेवाएं
2014 में परिवीक्षाकाल पूरा होने के बाद सभी शिक्षकों को नियमित कर पूरे लाभ देने थे। नियमित नहीं होने से अभी भी इन शिक्षकों को परिवीक्षाकाल की भांति 13 हजार 200 रुपए फिक्स मानदेय दिया जा रहा है। यदि इन्हें नियमित कर दिया जाता है तो इनका वेतन करीब 28 हजार 500 रुपए हो जाएगा। यानी, एक साल बाद भी इन शिक्षकों को पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा है।
2012 में हुई थी नियुक्ति
राज्यसरकार ने 2012 में शिक्षकों की भर्ती की थी। इसके तहत प्रारंभिक शिक्षा के अधीन स्कूलों में 2400 शिक्षकों को मई-जून 2012 में नियुक्ति दी गई थी। सभी नवनियुक्त शिक्षकों को दो साल का परिवीक्षाकाल निर्धारित किया गया था। इसके बाद इन सभी शिक्षकों को नियमित कर राज्य सरकार के नियमानुसार लाभ देना था। यह परिवीक्षाकाल मई 2014 में ही पूरा हो चुका है। यानी, एक साल पहले, इसके बावजूद इन शिक्षकों को अभी तक नियमित नहीं किया गया है। ऐसे में उन्हें शिक्षा विभाग या राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों को मिलने वाले फायदे भी नहीं मिल पा रहे हैं।
नए शिक्षकों का परिवीक्षाकाल पूरा हुए एक साल हो चुका है। इस दौरान कई बार सरकार से इन्हें नियमित करने की मांग की जा चुकी है। इसे लेकर जयपुर में प्रदर्शन भी किया, लेकिन बात नहीं बनी। इन शिक्षकों को नियमित करने तक आंदोलन जारी रहेगा। -पृथ्वीराज राजपुरोहित, प्रदेश उपसभाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जनप्रतिनिधियों के पास एक ही जबाव- मामला कोर्ट में
परिवीक्षाकालपूरा होने के एक साल बाद भी शिक्षकों को पूरे वेतन का लाभ नहीं मिल रहा है। शिक्षकों ने आंदोलन के किए, जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी दिए। लेकिन जनप्रतिनिधियों के पास एक ही रटा- रटाया जबाव है, जबकि कोर्ट ने तो नियमितिकरण स्थायीकरण के आदेश जारी कर दिए है। कोर्ट ने परीवीक्षा काल पूरा होने के बाद सभी कार्मिकों को नियमित करने का आदेश दे रखा है। इसके बाद भी सरकार इन शिक्षकों को नियमित नहीं कर रही है।
अब भी 13 हजार 200 के वेतन पर दे रहे हैं सेवाएं
2014 में परिवीक्षाकाल पूरा होने के बाद सभी शिक्षकों को नियमित कर पूरे लाभ देने थे। नियमित नहीं होने से अभी भी इन शिक्षकों को परिवीक्षाकाल की भांति 13 हजार 200 रुपए फिक्स मानदेय दिया जा रहा है। यदि इन्हें नियमित कर दिया जाता है तो इनका वेतन करीब 28 हजार 500 रुपए हो जाएगा। यानी, एक साल बाद भी इन शिक्षकों को पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा है।
2012 में हुई थी नियुक्ति
राज्यसरकार ने 2012 में शिक्षकों की भर्ती की थी। इसके तहत प्रारंभिक शिक्षा के अधीन स्कूलों में 2400 शिक्षकों को मई-जून 2012 में नियुक्ति दी गई थी। सभी नवनियुक्त शिक्षकों को दो साल का परिवीक्षाकाल निर्धारित किया गया था। इसके बाद इन सभी शिक्षकों को नियमित कर राज्य सरकार के नियमानुसार लाभ देना था। यह परिवीक्षाकाल मई 2014 में ही पूरा हो चुका है। यानी, एक साल पहले, इसके बावजूद इन शिक्षकों को अभी तक नियमित नहीं किया गया है। ऐसे में उन्हें शिक्षा विभाग या राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों को मिलने वाले फायदे भी नहीं मिल पा रहे हैं।
नए शिक्षकों का परिवीक्षाकाल पूरा हुए एक साल हो चुका है। इस दौरान कई बार सरकार से इन्हें नियमित करने की मांग की जा चुकी है। इसे लेकर जयपुर में प्रदर्शन भी किया, लेकिन बात नहीं बनी। इन शिक्षकों को नियमित करने तक आंदोलन जारी रहेगा। -पृथ्वीराज राजपुरोहित, प्रदेश उपसभाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय।
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