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स्टाफिंग पैटर्न के विरोध में शिक्षक संघ का प्रदर्शन : राजस्थान शिक्षकों का ब्लॉग

पाली। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के तत्वावधान में सोमवार को पाली, सिरोही जालोर के शिक्षकों ने सरकारी विद्यालयों में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर गलत तरीके से किए गए स्थानांतरण आदेशों मे संशोधन करने विद्यालयों का समय परिवर्तन करने के विरोध में कलेक्ट्रेट पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
साथ ही इस दौरान कलेक्टर को मुख्यमंत्री शिक्षामंत्री के नाम ज्ञापन दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष शिवदत्त आर्य के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारी माध्यमिक उपनिदेशक माध्यमिक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध व्यक्त किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष आर्य ने धरना स्थल पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग में जानबूझकर शिक्षकों के पद तोड़कर शिक्षकों को अधिशेष कर मनमानी करते हुए शिक्षाधिकारियों ने नियम विरुद्ध भेदभावपूर्ण तरीके से स्थानांतरण के प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भिजवाए, जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ा है।
उन्होंने तीनों जिलों के शिक्षाधिकारियों उपनिदेशक से शिक्षकों को प्रताड़ित करना छोड़ दें अन्यथा फिर से आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर किए गए स्थानांतरण में संशोधन करने की मांग की।
प्रदेश उपसभाध्यक्ष पृथ्वीराजसिंह राजपुरोहित ने ने विद्यालयों का समय पहले कि भांति यथावत रखने की मांग की। इस मौके पर संभाग संगठन मंत्री छगनलाल माली, पाली जिलाध्यक्ष अमरजीतसिंह, सभाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौड़, जालोर जिलाध्यक्ष देवराज चौधरी सिरोही जिलाध्यक्ष प्रदीपसिंह ने भी संबोधित किया।

उपनिदेशक कार्यालय को भी घेरा : कलेक्ट्रेट पर धरना देने के बाद तीनों जिलों के शिक्षक नेताओं ने उपनिदेशक कार्यालय को भी घेर लिया। शिक्षकों ने उपनिदेशक से दूरभाष पर डीईओ से परिवेदनाओं की अनुशंषा करने स्टाफिंग पैटर्न में त्रुटियां सुधारने की मांग की।
यह मांगें दोहराई

स्टाफिंग पैटर्न के आदेश में संशोधन किया जाए। स्कूलों में शिक्षकों की नियम विरुद्ध नियुक्ति नहीं की जाए। समय परिवर्तन को वापस लेने की मांग। विद्यालयों में जल विद्युत की व्यवस्था कराने की मांग। 2012 में नियुक्त शिक्षकों का वेतन स्थायीकरण किया जाए।

यह रहे मौजूद

धरने में जालोर कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष दलपतसिंह आर्य, पाली मंत्री शेषाराम बारूपाल, हीरादास, इब्राहीम भाटी, भंवरसिंह राजपुरोहित, मोहनलाल आगलेचा, तरूण भाटी, सिरोही से कानाराम कुम्हार, मनोहरसिंह, नथाराम परमार, सतीश शर्मा, शैतानसिंह, गोपालसिंह मदनसिंह राठौड़ सहित तीनों जिलों के अनेक शिक्षक मौजूद थे।

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