बीकानेर। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही शिक्षा विभाग में तबादलों
का दौर शुरू होगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग में हलचल तेज हो गई है। तबादलों
के लिए गाइड लाइन तैयार की जा रही है। ग्रीष्मावकाश के दौरान ही तबादलों की
प्रक्रिया पूरी होने की बात पर शिक्षा मंत्री ने भी मुहर लगाई है। शिक्षा
विभाग में तबादले पूर्ववर्ती सरकार की भांति प्रार्थना पत्र लेकर किए
जाएंगे अथवा अन्य किसी पैर्टन पर इसका खाका खीचा जा रहा है।
विधानसभा चुनाव से पहले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने तबादलों से रोक हटाकर बड़े पैमाने पर शिक्षा विभाग में तबादले किए थे। शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए ग्रीष्मावकाश का समय ही तय है। ताकि बीच सेशन स्थानांतरण से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं हो।
भाजपा के सत्ता से बाहर होने और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अभी शिक्षा विभाग में तबादले नहीं हुए है। शिक्षा निदेशालय में जहां कर्मचारी और अधिकारी तबादलों के लिए गाइड लाइन तैयार करने और चुनाव से ठीक पहले की तबादला सूचियों की रिपोर्ट बनाने में जुटे है। वही शिक्षक नेता भी अब स्कूलों में अवकाश के बाद शिक्षा निदेशालय के चक्कर लगाने लगे है।
पत्रिका से बातचीत में शिक्षामंत्री ने स्वीकार किया कि तबादलों के लिए गाइड लाइन तैयार करने का काम चल रहा है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने तक इस सत्र के तबादलों के लिए नीति तय हो जाएगी। तबादलें के लिए मापदंड तय किए जा रहे है।
पिछली बार आवेदन मांगे
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने शिक्षकों के तबादलें के लिए अप्रेल 2018 में आवेदन लिए थे। लाखों की संख्या में तृतीय श्रेणी शिक्षक से लेकर प्रिंसिपल तक ने तबादलों के लिए आवेदन दिए। आवेदन भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से शिक्षा निदेशालय ने लिए थे। तब विधायक और सांसदों की डिजायर के बिना ही आवेदन लिए गए थे। इनके आधार पर तत्कालीन शिक्षामंत्री की सहमति के बाद तबादला सूचियां जारी की गई।
नीति से करेंगे तबादले
भाजपा सरकार ने शासन के पांच साल में तबादलों के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई। ऐसे में तबादलों की पारदर्शिता पूर्ण व्यवस्था के लिए राज्य सरकार नीति बनाएगी। शिक्षा सत्र पर तबादलों का असर नहीं हो इसके लिए शिक्षकों के तबादले ग्रीष्मावकाश के दौरान ही किए जाएंगे।
गोविन्दसिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री, राजस्थान सरकार
विधानसभा चुनाव से पहले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने तबादलों से रोक हटाकर बड़े पैमाने पर शिक्षा विभाग में तबादले किए थे। शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए ग्रीष्मावकाश का समय ही तय है। ताकि बीच सेशन स्थानांतरण से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं हो।
भाजपा के सत्ता से बाहर होने और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अभी शिक्षा विभाग में तबादले नहीं हुए है। शिक्षा निदेशालय में जहां कर्मचारी और अधिकारी तबादलों के लिए गाइड लाइन तैयार करने और चुनाव से ठीक पहले की तबादला सूचियों की रिपोर्ट बनाने में जुटे है। वही शिक्षक नेता भी अब स्कूलों में अवकाश के बाद शिक्षा निदेशालय के चक्कर लगाने लगे है।
पत्रिका से बातचीत में शिक्षामंत्री ने स्वीकार किया कि तबादलों के लिए गाइड लाइन तैयार करने का काम चल रहा है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने तक इस सत्र के तबादलों के लिए नीति तय हो जाएगी। तबादलें के लिए मापदंड तय किए जा रहे है।
पिछली बार आवेदन मांगे
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने शिक्षकों के तबादलें के लिए अप्रेल 2018 में आवेदन लिए थे। लाखों की संख्या में तृतीय श्रेणी शिक्षक से लेकर प्रिंसिपल तक ने तबादलों के लिए आवेदन दिए। आवेदन भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से शिक्षा निदेशालय ने लिए थे। तब विधायक और सांसदों की डिजायर के बिना ही आवेदन लिए गए थे। इनके आधार पर तत्कालीन शिक्षामंत्री की सहमति के बाद तबादला सूचियां जारी की गई।
नीति से करेंगे तबादले
भाजपा सरकार ने शासन के पांच साल में तबादलों के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई। ऐसे में तबादलों की पारदर्शिता पूर्ण व्यवस्था के लिए राज्य सरकार नीति बनाएगी। शिक्षा सत्र पर तबादलों का असर नहीं हो इसके लिए शिक्षकों के तबादले ग्रीष्मावकाश के दौरान ही किए जाएंगे।
गोविन्दसिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री, राजस्थान सरकार
No comments:
Post a Comment