शिक्षक भर्ती 1998 में चयनित तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पात्र होते हुए भी
पिछले 20 साल से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने
बड़ी राहत दी है। प्रदेश की जिला परिषदों के जरिए वर्ष 1998 में हुई शिक्षक
भर्ती के मामले में नियुक्ति से वंचित शिक्षकों के लिए कोर्ट ने फैसला दिया
है
कि बोनस अंक हटाकर अंकों की पुनर्गणना की जाए। शिक्षक संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को निस्तारित करते हुए ये आदेश दिए है। अब न्यूनतम वरियता सूची के हिसाब से नियुक्ति दी जाएगी। उक्त मामले में प्रदेश के 26 जिलों के 1400 से ज्यादा शिक्षक प्रभावित है, जिनमें चूरू जिले के करीब 100 शिक्षक शामिल हैं। बताया जा रहा है कि चूरू जिला परिषद में आवेदन के अलावा अगर अन्य जिलों में आवेदन करने वाले चूरू के प्रभावित शिक्षकों की संख्या भी इतनी हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आए इस फैसले से इन वंचित शिक्षकों में खुशी है। पिछले लंबे समय से ये मांग चल रही थी। लगातार संगठन राज्य सरकार और कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे।
कि बोनस अंक हटाकर अंकों की पुनर्गणना की जाए। शिक्षक संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को निस्तारित करते हुए ये आदेश दिए है। अब न्यूनतम वरियता सूची के हिसाब से नियुक्ति दी जाएगी। उक्त मामले में प्रदेश के 26 जिलों के 1400 से ज्यादा शिक्षक प्रभावित है, जिनमें चूरू जिले के करीब 100 शिक्षक शामिल हैं। बताया जा रहा है कि चूरू जिला परिषद में आवेदन के अलावा अगर अन्य जिलों में आवेदन करने वाले चूरू के प्रभावित शिक्षकों की संख्या भी इतनी हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आए इस फैसले से इन वंचित शिक्षकों में खुशी है। पिछले लंबे समय से ये मांग चल रही थी। लगातार संगठन राज्य सरकार और कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे।
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