बांसवाड़ा. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल प्रथम के
अभ्यर्थियों की नियुक्ति में लापरवाही के आरोप के चलते जिला परिषद के मुख्य
कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मीकांत बालोत पर गाज गिर गई है।
उन्हें तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया गया है। कार्मिक विभाग के संयुक्त शासन सचिव आशीष मोदी की ओर से शनिवार को जारी आदेश में बालोत को उदयपुर के संभागीय आयुक्त कार्यालय में उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल प्रथम के अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर १३ फरवरी को वीडियो कांफ्रेंस थी और नियुक्ति के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिला परिषद की ओर पूर्व में हुई काउंसलिंग के बाद पंचायत समिति स्तर पर सूचियों का अनुमोदन नहीं कराया गया था। वीसी के बाद सीईओ के आदेशानुसार पंचायत समितियां आवंटित कर दी गई, लेकिन इसी दिन न्यायालय के स्थगन आदेश से नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो सके। इसे लेकर तीन दिन तक अभ्यर्थी जिला परिषद के बाहर डेरा डाले हुए थे। इसमें बुधवार को तो अभ्यर्थियों को पुलिस का अमानवीय व्यवहार भी झेलना पड़ा था। इसके बाद शुक्रवार रात राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने अभ्यर्थियों को पहले नियुक्ति और फिर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
कांगे्रस पदाधिकारियों ने सीएम को भेजा था पत्र
इसी मामले में बागीदौरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया, जिलाध्यक्ष चांदमल जैन, जिला प्रमुख रेशम मालवीया, प्रदेश सचिव जैनेन्द्र त्रिवेदी और पूर्व विधायक नानालाल निनामा की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया था, जिसमें अवगत कराया था कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सीईओ की उदासीनता से देरी हुई। वे विकास अधिकारियों को चेम्बर में लेकर बैठे रहे और समय पर कार्य नहीं हुआ। साथ ही अभ्यर्थियों के साथ भी असंतोषजनक व्यवहार किया। पत्र में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंदनदान बारहठ की ओर से अभ्यर्थियों के साथ अमानवीय व्यवहार की जानकारी भी दी गई थी।
उन्हें तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया गया है। कार्मिक विभाग के संयुक्त शासन सचिव आशीष मोदी की ओर से शनिवार को जारी आदेश में बालोत को उदयपुर के संभागीय आयुक्त कार्यालय में उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल प्रथम के अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर १३ फरवरी को वीडियो कांफ्रेंस थी और नियुक्ति के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिला परिषद की ओर पूर्व में हुई काउंसलिंग के बाद पंचायत समिति स्तर पर सूचियों का अनुमोदन नहीं कराया गया था। वीसी के बाद सीईओ के आदेशानुसार पंचायत समितियां आवंटित कर दी गई, लेकिन इसी दिन न्यायालय के स्थगन आदेश से नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो सके। इसे लेकर तीन दिन तक अभ्यर्थी जिला परिषद के बाहर डेरा डाले हुए थे। इसमें बुधवार को तो अभ्यर्थियों को पुलिस का अमानवीय व्यवहार भी झेलना पड़ा था। इसके बाद शुक्रवार रात राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने अभ्यर्थियों को पहले नियुक्ति और फिर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
कांगे्रस पदाधिकारियों ने सीएम को भेजा था पत्र
इसी मामले में बागीदौरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया, जिलाध्यक्ष चांदमल जैन, जिला प्रमुख रेशम मालवीया, प्रदेश सचिव जैनेन्द्र त्रिवेदी और पूर्व विधायक नानालाल निनामा की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया था, जिसमें अवगत कराया था कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सीईओ की उदासीनता से देरी हुई। वे विकास अधिकारियों को चेम्बर में लेकर बैठे रहे और समय पर कार्य नहीं हुआ। साथ ही अभ्यर्थियों के साथ भी असंतोषजनक व्यवहार किया। पत्र में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंदनदान बारहठ की ओर से अभ्यर्थियों के साथ अमानवीय व्यवहार की जानकारी भी दी गई थी।
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