श्रीगंगानगर।
पिछले पांच साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों को स्थायीकरण का फायदा नहीं मिल रहा है। इस संबंध में घड़साना, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, सूरतगढ़ सहित कई ब्लॉक के तृतीय श्रेणी अध्यापक काफी संख्या में बुधवार को यहां जिला परिषद के समक्ष प्रदर्शन कर मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्राम मीणा का घेराव किया।
इसके बाद सीईओ के साथ हुई वार्ता में पच्चीस दिसम्बर तक स्थायीकरण के आदेश की पालना कराने के लिए सहमति हुई। वर्ष 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को चयनित होने के बावजूद स्थाईकरण क्यों नहीं दिया जा रहा है, इस कारण नियमानुसार सभी शिक्षकों का स्थायीकरण किया जाएं।
इस वार्ता में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष गुरमीत सिंह गिल, शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश महामंत्री अभिमन्यु भदौरिया, अनूपगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष पवन स्वामी, घड़साना के देवेन्द्र, संपतराम आदि शामिल हुए। इन शिक्षकों का कहना था कि वर्ष 2012 में प्रदेश में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती हुई थी, इसमें चयनित हुए शिक्षकों को अभी तक स्थायीकरण नहीं किया गया है। इस कारण वेतनमान की सिफारिशें लागू नहीं हो रही है।
जिला परिषद सीईओ से आश्वासन मिलने के उपरांत शिक्षक वापस चले गए। आदेश दिए लेकिन लागू नहीं शिक्षकों का कहना था कि 9 दिसम्बर 2017 को पंचायतराज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त नवीन महाजन ने प्रदेश के सभी सीईओ को आदेश दिए थे। इस आदेश में बताया गया है कि हाईकोर्ट में अलग अलग याचिकाओं में राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश दिया है कि वर्ष 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को चयनित होने के बावजूद स्थाईकरण क्यों नहीं दिया जा रहा है, इस कारण नियमानुसार सभी शिक्षकों का स्थायीकरण किया जाएं।
इस आदेश को अभी तक जिला परिषद प्रशासन ने लागू नहीं किए है। इधर, जिला परिषद प्रशासन का कहना था कि सरकार ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की है, बीस दिसम्बर को पंचायतराज विभाग की बैठक के दौरान इस मामले को निपटा दिया जाएगा।
पिछले पांच साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों को स्थायीकरण का फायदा नहीं मिल रहा है। इस संबंध में घड़साना, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, सूरतगढ़ सहित कई ब्लॉक के तृतीय श्रेणी अध्यापक काफी संख्या में बुधवार को यहां जिला परिषद के समक्ष प्रदर्शन कर मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्राम मीणा का घेराव किया।
इसके बाद सीईओ के साथ हुई वार्ता में पच्चीस दिसम्बर तक स्थायीकरण के आदेश की पालना कराने के लिए सहमति हुई। वर्ष 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को चयनित होने के बावजूद स्थाईकरण क्यों नहीं दिया जा रहा है, इस कारण नियमानुसार सभी शिक्षकों का स्थायीकरण किया जाएं।
इस वार्ता में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष गुरमीत सिंह गिल, शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश महामंत्री अभिमन्यु भदौरिया, अनूपगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष पवन स्वामी, घड़साना के देवेन्द्र, संपतराम आदि शामिल हुए। इन शिक्षकों का कहना था कि वर्ष 2012 में प्रदेश में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती हुई थी, इसमें चयनित हुए शिक्षकों को अभी तक स्थायीकरण नहीं किया गया है। इस कारण वेतनमान की सिफारिशें लागू नहीं हो रही है।
जिला परिषद सीईओ से आश्वासन मिलने के उपरांत शिक्षक वापस चले गए। आदेश दिए लेकिन लागू नहीं शिक्षकों का कहना था कि 9 दिसम्बर 2017 को पंचायतराज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त नवीन महाजन ने प्रदेश के सभी सीईओ को आदेश दिए थे। इस आदेश में बताया गया है कि हाईकोर्ट में अलग अलग याचिकाओं में राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश दिया है कि वर्ष 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को चयनित होने के बावजूद स्थाईकरण क्यों नहीं दिया जा रहा है, इस कारण नियमानुसार सभी शिक्षकों का स्थायीकरण किया जाएं।
इस आदेश को अभी तक जिला परिषद प्रशासन ने लागू नहीं किए है। इधर, जिला परिषद प्रशासन का कहना था कि सरकार ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की है, बीस दिसम्बर को पंचायतराज विभाग की बैठक के दौरान इस मामले को निपटा दिया जाएगा।
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