कोटा.नए
सेशन में लाखों रुपए खर्च कर सरकार भले ही स्कूल भवन से लेकर शिक्षकों की
व्यवस्था कर रही है, लेकिन शहर के स्टेशन स्थित भदाना अफोर्डेबल भदाना
स्थित गणेशनगर प्राथमिक स्कूल की विकट स्थिति बनी है। यहां विभागीय आदेश
में बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन शिक्षक नहीं हैं। ऐसी स्थिति 21 जून को
प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षा की हुई काउंसलिंग में यहां नियुक्त एकल शिक्षक
अवधेश सिंह हाड़ा का करीब 80 किमी दूर रामाबावि गैंता में पोस्टिंग हो
चुकी है।
विभाग ने यहां शिक्षक
नहीं लगाया है। शिक्षक विहीन इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के संकट को
देखते हुए हाड़ा ने एसएमसी के माध्यम से प्रस्ताव लेकर इलाके की तीन
महिलाओं को बच्चों को पढ़ाने के लिए रख दिया है। एेसे में यहां व्यवस्थाएं
सुचारू होने लगी है। हाड़ा का कहना है कि अभी उन्हें मौखिक रुप से व्यवस्था
संभालने के लिए कहा गया है।
यहां रेलवे लाइन पटरी लाइन भदाना एरिया में करीब डेढ़ किमी तक सरकारी स्कूल नहीं है। जबकि यहां आसपास काफी संख्या में बच्चे हैं। यहां स्कूल के उद् घाटन के साथ हर दिन नामांकन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां 145 नामांकन के साथ यहां यहां 21 को 13, 22, 23 और 24 को 9-9 बच्चों का नामांकन हो चुका है।
यहां रेलवे लाइन पटरी लाइन भदाना एरिया में करीब डेढ़ किमी तक सरकारी स्कूल नहीं है। जबकि यहां आसपास काफी संख्या में बच्चे हैं। यहां स्कूल के उद् घाटन के साथ हर दिन नामांकन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां 145 नामांकन के साथ यहां यहां 21 को 13, 22, 23 और 24 को 9-9 बच्चों का नामांकन हो चुका है।
अधिकारी बोले-
एसएमसी में निर्णय लेकर कर सकते हैं वैकल्पिक व्यवस्था
माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी नरेंद्र कुमार गहलोत का कहना है कि एसएमसी के निर्णय के अनुसार यहां वैकल्पिक रूप से पढ़ाने की व्यवस्था की जा सकती है। ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। अभी स्कूल में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शिक्षक को माैखिक रुप से कहा गया है। इसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार निर्णय हो सकेगा। संस्था प्रधान हाड़ा का कहना है कि एसएमसी के निर्णय के अनुसार यह व्यवस्था की है।
माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी नरेंद्र कुमार गहलोत का कहना है कि एसएमसी के निर्णय के अनुसार यहां वैकल्पिक रूप से पढ़ाने की व्यवस्था की जा सकती है। ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। अभी स्कूल में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शिक्षक को माैखिक रुप से कहा गया है। इसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार निर्णय हो सकेगा। संस्था प्रधान हाड़ा का कहना है कि एसएमसी के निर्णय के अनुसार यह व्यवस्था की है।
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