सिरोही । शहर में अस्थाई बसेरे में निवास करने वाले कई परिवारों के नौनिहाल आज भी आंगनबाड़ी व स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। सरकार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कही तरह के जतन कर रही है, लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ ओर की बयां कर रही है।
परिवार के मुखिया खुद के बच्चों को भी नहीं पढ़ाई करवा रहे है। शहर के अम्बेडकर सर्किल समेत आसपास अस्थाई रहने वाले परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। रमेश जोगी व उदाराम जोगी ने बताया कि वैसे तो शाम को एक-दो घंटे एक संस्था इन बच्चों को पढ़ाने के लिए आते है। स्कूल व आंगनबाड़ी पास में होने के बावजूद इन नौनिहालों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है। स्कूल के शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी इन बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
मौत को बुलावा
अम्बेडकर सर्किल के पास निवास करने वाल अस्थाई परिवार के नौनिहाल दिनभर खेलते रहते है। सर्कल के पास में विद्युत के खुले ताला होने के कारण हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है। छोटे बच्चे होने के कारण पोल के आसपास की खेलते है। ऐसे में हर समय करंट लगने का अंदेशा रहता है।
परिवार के मुखिया खुद के बच्चों को भी नहीं पढ़ाई करवा रहे है। शहर के अम्बेडकर सर्किल समेत आसपास अस्थाई रहने वाले परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। रमेश जोगी व उदाराम जोगी ने बताया कि वैसे तो शाम को एक-दो घंटे एक संस्था इन बच्चों को पढ़ाने के लिए आते है। स्कूल व आंगनबाड़ी पास में होने के बावजूद इन नौनिहालों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है। स्कूल के शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी इन बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
मौत को बुलावा
अम्बेडकर सर्किल के पास निवास करने वाल अस्थाई परिवार के नौनिहाल दिनभर खेलते रहते है। सर्कल के पास में विद्युत के खुले ताला होने के कारण हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है। छोटे बच्चे होने के कारण पोल के आसपास की खेलते है। ऐसे में हर समय करंट लगने का अंदेशा रहता है।
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