पाली. अनोपपुरा ग्राम पंचायत के सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल में दो दिन पहले सरपंच के स्कूल में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान प्रिंसीपल को नहीं देखकर उपस्थिति पंजिका में उनकी छुट्टी लगा देने से विवाद हो गया है। सरपंच में एक साथ 4 दिनों की सीएल लगाई है। बताया जाता है कि प्रिंसीपल स्कूल के कार्य से ही कुछ बिल जमा कराने सुमेरपुर गए हुए थे।
वापस लौटने पर उनको जानकारी मिली तो प्रिंसीपल ने भी सरपंच के नाम पर नोटिस जारी कर दिया। नियमानुसार कोई भी सरपंच किसी राजपत्रित अधिकारी की उपस्थिति पंजिका में कोई टिप्पणी या छुट्टी नहीं लगा सकते हैं। वहीं शैक्षिक जगत का कोई राजपत्रित अधिकारी भी सरपंच को नोटिस नहीं दे सकता। इस मामले ने ऐसा तुल पकड़ लिया है कि सरपंच तथा प्रिंसीपल एक-दूसरे पर आराेप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। इस मामले में शिक्षा विभाग के उपनिदेशक भरत कुमार मेहता ने पूरे मामले की जानकारी मांगी है।
जानकारी के अनुसार अनोपपुरा गांव में सरकारी माध्यमिक स्कूल में सरपंच सूरज कंवर स्कूल का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान स्कूल के प्रिंसीपल बाबूलाल गुर्जर मौजूद नहीं थे। स्कूल के स्टाफ ने भी संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। इसके बाद सरपंच ने उपस्थिति पंजिका मंगवाकर देखी तो उसमें प्रिंसीपल के 4 दिन से साइन ही नहीं थे। इस पर सरपंच ने चारों दिन की सीएल मार्क कर दी।
अधिकारों से अनजान सरपंच-प्रिंसीपल आमने-सामने
-अनोपपुरा प्रिंसीपल स्कूल में हुए कार्यों के बिल जमा कराने सुमेरपुर गए थे,पीछे से सरपंच पहुंचीं,प्रिंसीपल को नहीं देखकर उपस्थिति पंजिका में लगा दी छुट्टी
-प्रिंसीपल ने वापस आकर रजिस्टर में छुट्टी देखी तो गुस्सा हो गए। पता चलने के बाद सरपंच को जारी कर दिया नोटिस,दोनों के अापसी झगड़े से गांव में खराब हो रहा माहौल
अब आरोप-प्रत्यारोप पर उतरे
सुमेरपुर के अनोपपुरा ग्राम पंचायत के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक-दूसरे पर जमकर लगाए आरोप-प्रत्यारोप। एक-दूसरे पर गांव में माहौल खराब करने का आरोप।
बड़ा सवाल:दोनों जिम्मेदार,मगर नियम-कायदे भूले
नियमानुसार कोई भी सरपंच किसी भी राजपत्रित अधिकारी के उपस्थिति पंजिका में छुट्टी या कोई टिप्पणी नहीं कर सकता है। इसके बाद भी सरपंच ने नियमों की परवाह किए बगैर ही खुद ने ही रजिस्टर मंगवाकर उसमें प्रिंसीपल की छुट्टी लगा दी। वहीं प्रिंसीपल भी उनसे आगे निकल गए तथा हाथों-हाथ सरपंच के नाम पर नोटिस जारी कर दिया। नियमों को लेकर दोनों जिम्मेदारों के पास कोई जबाव नहीं है?
वापस लौटने पर उनको जानकारी मिली तो प्रिंसीपल ने भी सरपंच के नाम पर नोटिस जारी कर दिया। नियमानुसार कोई भी सरपंच किसी राजपत्रित अधिकारी की उपस्थिति पंजिका में कोई टिप्पणी या छुट्टी नहीं लगा सकते हैं। वहीं शैक्षिक जगत का कोई राजपत्रित अधिकारी भी सरपंच को नोटिस नहीं दे सकता। इस मामले ने ऐसा तुल पकड़ लिया है कि सरपंच तथा प्रिंसीपल एक-दूसरे पर आराेप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। इस मामले में शिक्षा विभाग के उपनिदेशक भरत कुमार मेहता ने पूरे मामले की जानकारी मांगी है।
जानकारी के अनुसार अनोपपुरा गांव में सरकारी माध्यमिक स्कूल में सरपंच सूरज कंवर स्कूल का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान स्कूल के प्रिंसीपल बाबूलाल गुर्जर मौजूद नहीं थे। स्कूल के स्टाफ ने भी संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। इसके बाद सरपंच ने उपस्थिति पंजिका मंगवाकर देखी तो उसमें प्रिंसीपल के 4 दिन से साइन ही नहीं थे। इस पर सरपंच ने चारों दिन की सीएल मार्क कर दी।
अधिकारों से अनजान सरपंच-प्रिंसीपल आमने-सामने
-अनोपपुरा प्रिंसीपल स्कूल में हुए कार्यों के बिल जमा कराने सुमेरपुर गए थे,पीछे से सरपंच पहुंचीं,प्रिंसीपल को नहीं देखकर उपस्थिति पंजिका में लगा दी छुट्टी
-प्रिंसीपल ने वापस आकर रजिस्टर में छुट्टी देखी तो गुस्सा हो गए। पता चलने के बाद सरपंच को जारी कर दिया नोटिस,दोनों के अापसी झगड़े से गांव में खराब हो रहा माहौल
अब आरोप-प्रत्यारोप पर उतरे
सुमेरपुर के अनोपपुरा ग्राम पंचायत के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक-दूसरे पर जमकर लगाए आरोप-प्रत्यारोप। एक-दूसरे पर गांव में माहौल खराब करने का आरोप।
बड़ा सवाल:दोनों जिम्मेदार,मगर नियम-कायदे भूले
नियमानुसार कोई भी सरपंच किसी भी राजपत्रित अधिकारी के उपस्थिति पंजिका में छुट्टी या कोई टिप्पणी नहीं कर सकता है। इसके बाद भी सरपंच ने नियमों की परवाह किए बगैर ही खुद ने ही रजिस्टर मंगवाकर उसमें प्रिंसीपल की छुट्टी लगा दी। वहीं प्रिंसीपल भी उनसे आगे निकल गए तथा हाथों-हाथ सरपंच के नाम पर नोटिस जारी कर दिया। नियमों को लेकर दोनों जिम्मेदारों के पास कोई जबाव नहीं है?
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