माध्यमिक शिक्षा, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग सचिव नरेशपाल गंगवार ने कहा कि
राजकीय विद्यालयों में आधारभूत एवं सुविधाओं का जनप्रतिनिधियों के सहयोग से
जन सहभागिता के माध्यम से विकास कराएं।
यह निर्देश गंगवार ने मंगलवार को स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग कर अच्छे परिणाम सामने ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के विकास के लिए स्थानीय भामाशाहों एवं उद्योगपतियों के सहयोग से प्राप्त होने वाली राशि से विद्यालय विकास कोष की स्थापना कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि जिले के खेल मैदान रहित विद्यालयों के लिए भूमि आवंटन कराकर खेल मैदान का विकास नरेगा योजना के तहत मेड़बंदी एवं पौधरोपण के कार्य कराएं। बीएड में अध्ययनरत प्रशिक्षु शिक्षकों को शिक्षण अनुभव के लिए की जाने वाली इंटर्नशिप का पूरा उपयोग शिक्षण कार्य में लें। उसके पश्चात ही उनको प्रमाण पत्र जारी करें। उन्होंने बताया कि शिक्षक भर्ती एवं रीट के परिणाम भी शीघ्र ही आने वाले हैंं। जिससे राज्य में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा। उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों को विद्यालय परिसर के नजदीक संचालित करने के निर्देश दिए। जिससे पूर्व प्रवेशिका शिक्षा का प्रभावी पर्यवेक्षण किया जा सके।बैठक में भरतपुर अलवर की जिला प्रभारी तुलिका सैनी, उपनिदेशक माध्यमिक बंशीधर गुर्जर, उपनिदेशक प्राथमिक गणेश धाकरे, जिला शिक्षा अधिकारी मा.शि. कैलाश चन्द यादव, जिला शिक्षा अधिकारी प्रा.शि कुसुमलता वर्मा, अतिरिक्त जिला परियोजना अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान मुंशी खान आदि मौजूद थे।
यह निर्देश गंगवार ने मंगलवार को स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग कर अच्छे परिणाम सामने ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के विकास के लिए स्थानीय भामाशाहों एवं उद्योगपतियों के सहयोग से प्राप्त होने वाली राशि से विद्यालय विकास कोष की स्थापना कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि जिले के खेल मैदान रहित विद्यालयों के लिए भूमि आवंटन कराकर खेल मैदान का विकास नरेगा योजना के तहत मेड़बंदी एवं पौधरोपण के कार्य कराएं। बीएड में अध्ययनरत प्रशिक्षु शिक्षकों को शिक्षण अनुभव के लिए की जाने वाली इंटर्नशिप का पूरा उपयोग शिक्षण कार्य में लें। उसके पश्चात ही उनको प्रमाण पत्र जारी करें। उन्होंने बताया कि शिक्षक भर्ती एवं रीट के परिणाम भी शीघ्र ही आने वाले हैंं। जिससे राज्य में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा। उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों को विद्यालय परिसर के नजदीक संचालित करने के निर्देश दिए। जिससे पूर्व प्रवेशिका शिक्षा का प्रभावी पर्यवेक्षण किया जा सके।बैठक में भरतपुर अलवर की जिला प्रभारी तुलिका सैनी, उपनिदेशक माध्यमिक बंशीधर गुर्जर, उपनिदेशक प्राथमिक गणेश धाकरे, जिला शिक्षा अधिकारी मा.शि. कैलाश चन्द यादव, जिला शिक्षा अधिकारी प्रा.शि कुसुमलता वर्मा, अतिरिक्त जिला परियोजना अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान मुंशी खान आदि मौजूद थे।
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