भास्कर संवाददाता | बांसवाड़ा प्रारंभिक शिक्षा विभाग के 45 शिक्षकों को देर से चयनित वेतनमान देने के
मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर पूछा
है कि क्यों याची की प्रार्थना स्वीकार की जाए।
प्रकरण में शिक्षकों ने सीपीसी की धारा 80 के तहत नोटिस देकर विभाग से देरी से भुगतान पर 17 लाख 64 हजार रुपए के ब्याज की मांग की थी, जिस पर विभागीय अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इससे परेशान शिक्षकों ने जोधपुर हाईकोर्ट में वाद दायर किया। हाईकोर्ट ने राज्य के प्रमुख शासन सचिव शिक्षा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा, डीईओ, बांसवाड़ा और बीईईओ घाटोल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि जिला परिषद के जरिए 1985 से 1989 के बीच नियुक्त शिक्षकों को तीसरे चयनित वेतनमान का लाभ नियमितीकरण तिथि से देना था, लेकिन तत्कालीन बीईओ घाटोल ने दूसरी चयनित वेतनमान का लाभ छीनकर उन्हें नियमित तिथि से कर दिया। इसके विरोध में राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने लंबी अवधि का धरना दिया था।
संघ के जिला मंत्री लक्ष्मीनारायणसिंह के अनुसार बाद में सरकार के आदेशानुसार कार्रवाई हुई, लेकिन भुगतान में देरी हो गई। इसके चलते हुए नुकसान पर शिक्षकों ने विभाग में गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने नहीं सुनी। तब हाईकोर्ट की शरण ली गई और कोर्ट ने जिला स्तर के साथ मंडल और राज्यस्तर के अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।
डीईओने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट : रिटपर हाईकोर्ट का नोटिस आने पर डीईओ प्रारंभिक ने बीईओ घाटोल से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। इस संबंध में डीईओ ने भेजे पत्र में कहा कि इस बारे में पहले भी निर्देश दिए गए, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं दी गई। हाईकोर्ट में जवाब दावा पेश करने में विलंब हो रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रकरण में शिक्षकों ने सीपीसी की धारा 80 के तहत नोटिस देकर विभाग से देरी से भुगतान पर 17 लाख 64 हजार रुपए के ब्याज की मांग की थी, जिस पर विभागीय अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इससे परेशान शिक्षकों ने जोधपुर हाईकोर्ट में वाद दायर किया। हाईकोर्ट ने राज्य के प्रमुख शासन सचिव शिक्षा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा, डीईओ, बांसवाड़ा और बीईईओ घाटोल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि जिला परिषद के जरिए 1985 से 1989 के बीच नियुक्त शिक्षकों को तीसरे चयनित वेतनमान का लाभ नियमितीकरण तिथि से देना था, लेकिन तत्कालीन बीईओ घाटोल ने दूसरी चयनित वेतनमान का लाभ छीनकर उन्हें नियमित तिथि से कर दिया। इसके विरोध में राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने लंबी अवधि का धरना दिया था।
संघ के जिला मंत्री लक्ष्मीनारायणसिंह के अनुसार बाद में सरकार के आदेशानुसार कार्रवाई हुई, लेकिन भुगतान में देरी हो गई। इसके चलते हुए नुकसान पर शिक्षकों ने विभाग में गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने नहीं सुनी। तब हाईकोर्ट की शरण ली गई और कोर्ट ने जिला स्तर के साथ मंडल और राज्यस्तर के अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।
डीईओने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट : रिटपर हाईकोर्ट का नोटिस आने पर डीईओ प्रारंभिक ने बीईओ घाटोल से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। इस संबंध में डीईओ ने भेजे पत्र में कहा कि इस बारे में पहले भी निर्देश दिए गए, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं दी गई। हाईकोर्ट में जवाब दावा पेश करने में विलंब हो रहा है।
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