कोटा. प्रायोगिक परीक्षा में अच्छे अंक देने की एवज में दो स्कूलों से करीब 55 हजार रुपए रिश्वत लेने के दो साल पुराने मामले में अदालत ने अजमेर जिले के ब्यावर स्थित राजकीय पटेल उच्च माध्यमिक विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य के खिलाफ अदालत ने सोमवार को आरोप तय किए हैं।
प्रधानाचार्य रामदेव चौधरी पर आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 12 में भौतिक विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा में नियुक्त बाह्य परीक्षक के तौर पर इटावा के दो स्कूलों से 55 हजार रुपए रिश्वत राशि ली।
इनमें से माधव बाल विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय के मुरारीलाल से 30 हजार व स्वामी विवेकानंद शिक्षा निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय के मोहनलाल पारेता से 25 हजार रुपए रिश्वत राशि ली गई।
एसीबी की विशेष यूनिट ने रामदेव चौधरी को 29 जनवरी 2014 को 55 हजार रुपए रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया था।
मामले में अदालत ने आरोपित चौधरी के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा 13 (1)(डी) ई और धारा 13 (2) में आरोप तय किए हैं। अब इस मामले में 30 नवम्बर को सुनवाई होगी।
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प्रधानाचार्य रामदेव चौधरी पर आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 12 में भौतिक विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा में नियुक्त बाह्य परीक्षक के तौर पर इटावा के दो स्कूलों से 55 हजार रुपए रिश्वत राशि ली।
इनमें से माधव बाल विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय के मुरारीलाल से 30 हजार व स्वामी विवेकानंद शिक्षा निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय के मोहनलाल पारेता से 25 हजार रुपए रिश्वत राशि ली गई।
एसीबी की विशेष यूनिट ने रामदेव चौधरी को 29 जनवरी 2014 को 55 हजार रुपए रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया था।
मामले में अदालत ने आरोपित चौधरी के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा 13 (1)(डी) ई और धारा 13 (2) में आरोप तय किए हैं। अब इस मामले में 30 नवम्बर को सुनवाई होगी।
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