नागौर शिक्षक
संघ के पदाधिकारियों के भारी विरोध को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी
(मा.़शि.़प्र.़) सीताराम गर्ग को पुलिस बुलानी पड़ी। बाद में शिक्षा निदेशक
तक बात पहुंची और निदेशक के संदेशवाहकों के बीचबचाव पर छह घंटे बाद
काऊंसलिंग शुरू हो सकी।
शिक्षकों की काउंसलिंग निर्धारित समय सुबह आठ बजे से शुरू होनी थी, लेकिन राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिला अध्यक्ष अर्जुन लोमरोड, अन्य पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारी गर्ग के बीच हुई बहस के बाद गर्मागर्मी की नौबत आने पर पुलिस उप अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव मौके पर पहुंचे और शिक्षक संघ पदाधिकारियों से बातचीत की। इस दौरान दूर दराज से काउंसल्ंिाग के लिए आए शिक्षक और शिक्षिकाएं हंगामे के बीच परेशान होते रहे। करीब ६ घंटे तक हुए हंगामे के बाद दोपहर दो बजे से काउंसलिंग शुरू हो सकी।
यह था मामला
शिक्षकों की प्रथम व द्वितीय लेवल की काउंसलिंग के लिए सुबह आठ बजे से ही शिक्षक कांकरिया स्कूल पहुंचने लगे। काउंसलिंग अभी शुरू भी नहीं हुई थी कि शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध की से हंगामे की नौबत आने पर काउंसलिंग बंद करवा दी गई। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि काउंसलिंग में सीनियर को प्राथमिकता देने के स्थान पर जूनियर को प्राथमिकता दी जा रही थी। इसके साथ ही पदाधिकारियों ने डीईओ से मांग करते हुए कहा कि प्रारम्भिक के जो शिक्षक पदस्थापन करवाना नहीं चाहते हैं उनके साथ जबरदस्ती नहीं की जाए। इस पर डीईओ ने कहा कि जो शिक्षक काउंसलिंग में नहीं आना चाहते वे जा सकते हैं। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने इसे लिखित में देने की मांग कर दी। डीईओ के यह कहने पर कि इस बारे में लिखकर नहीं दे सकते हैं। हंगामा बढ़ता गया और काउंसलिंग रूकवा दी गई।
निदेशक से की बात
काउंसलिंग बंद होने पर डीईओ ने शिक्षा निदेशक से बात कर स्थिति से अवगत कराया। डीईओ के सारी स्थिति समझाने पर भी बात नहीं बनी। इस बारे में शिक्षा निदेशक से दूसरी बार बात करने पर दो संदेशवाहक अरूण शर्मा व संजय को नागौर भेजा। दोनों संदेशवाहकों के शिक्षक संघ पदाधिकारियों व डीईओ को शिक्षा निदेशक के आदेश के बारे में अवगत कराने पर कि जो शिक्षक काउंसलिंग से अनुपस्थित रहेंगे उनका पदस्थापन आदेश नहीं निकाला जाएगा। इस पर शिक्षक संघ ने काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने दी। इसके बाद शाम ६ बजे तक काउंसलिंग हुई। इस दौरान काउंसलिंग में ५०३ में से ४४२ शिक्षक उपस्थित रहे। इससे आगे की काउंसलिंग रविवार को की जाएगी।
शिक्षकों की काउंसलिंग निर्धारित समय सुबह आठ बजे से शुरू होनी थी, लेकिन राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिला अध्यक्ष अर्जुन लोमरोड, अन्य पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारी गर्ग के बीच हुई बहस के बाद गर्मागर्मी की नौबत आने पर पुलिस उप अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव मौके पर पहुंचे और शिक्षक संघ पदाधिकारियों से बातचीत की। इस दौरान दूर दराज से काउंसल्ंिाग के लिए आए शिक्षक और शिक्षिकाएं हंगामे के बीच परेशान होते रहे। करीब ६ घंटे तक हुए हंगामे के बाद दोपहर दो बजे से काउंसलिंग शुरू हो सकी।
यह था मामला
शिक्षकों की प्रथम व द्वितीय लेवल की काउंसलिंग के लिए सुबह आठ बजे से ही शिक्षक कांकरिया स्कूल पहुंचने लगे। काउंसलिंग अभी शुरू भी नहीं हुई थी कि शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध की से हंगामे की नौबत आने पर काउंसलिंग बंद करवा दी गई। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि काउंसलिंग में सीनियर को प्राथमिकता देने के स्थान पर जूनियर को प्राथमिकता दी जा रही थी। इसके साथ ही पदाधिकारियों ने डीईओ से मांग करते हुए कहा कि प्रारम्भिक के जो शिक्षक पदस्थापन करवाना नहीं चाहते हैं उनके साथ जबरदस्ती नहीं की जाए। इस पर डीईओ ने कहा कि जो शिक्षक काउंसलिंग में नहीं आना चाहते वे जा सकते हैं। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने इसे लिखित में देने की मांग कर दी। डीईओ के यह कहने पर कि इस बारे में लिखकर नहीं दे सकते हैं। हंगामा बढ़ता गया और काउंसलिंग रूकवा दी गई।
निदेशक से की बात
काउंसलिंग बंद होने पर डीईओ ने शिक्षा निदेशक से बात कर स्थिति से अवगत कराया। डीईओ के सारी स्थिति समझाने पर भी बात नहीं बनी। इस बारे में शिक्षा निदेशक से दूसरी बार बात करने पर दो संदेशवाहक अरूण शर्मा व संजय को नागौर भेजा। दोनों संदेशवाहकों के शिक्षक संघ पदाधिकारियों व डीईओ को शिक्षा निदेशक के आदेश के बारे में अवगत कराने पर कि जो शिक्षक काउंसलिंग से अनुपस्थित रहेंगे उनका पदस्थापन आदेश नहीं निकाला जाएगा। इस पर शिक्षक संघ ने काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने दी। इसके बाद शाम ६ बजे तक काउंसलिंग हुई। इस दौरान काउंसलिंग में ५०३ में से ४४२ शिक्षक उपस्थित रहे। इससे आगे की काउंसलिंग रविवार को की जाएगी।