जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के यू.जी.सी. मानव संसाधन विकास केन्द्र में भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के नवनियुक्त शिक्षकों के लिए आयोजित 28 दिवसीय 100वें ओरिएन्टेशन प्रोग्राम (अभिमुखीकरण कार्यक्रम) का उद्घाटन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो. जसबीर जैन (अंग्रेजी की सुप्रसिद्ध लेखिका तथा पूर्व निदेशक, एचआरडीसी, राजस्थान विश्वविद्यालय) ने कहा कि आजकल इन्टरनेट पर उपलब्ध ज्ञान को पेस्ट्री की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है जो एक खतरनाक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि वास्तविक ज्ञान श्रेष्ठ साहित्य के अध्ययन, मनन एवं अनुशीलन की जटिल प्रक्रिया से प्राप्त होता है।
उन्होंने शिक्षकों में नैतिक चेतना एवं करूणा की भावना विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रतियोगिता किसी दूसरे से नहीं, स्वयं अपने आप से करनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जे.पी. सिंघल ने कहा कि एचआरडीसी में नवनियुक्त शिक्षकों को ओरिएन्टेशन कार्यक्रम के माध्यम से अभिनव ज्ञान में तो सुशिक्षित किया जाता ही है, साथ ही अप्रसांगिक एवं भ्रमात्मक ज्ञान से मुक्त करने का प्रयास भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को समाज के लिए अधिक उपयोगी बनाए जाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. हरिशंकर शर्मा (सुप्रसिद्ध भूगोलवेत्ता तथा पूर्व निदेशक, एचआरडीसी, राजस्थान विश्वविद्यालय) ने कहा कि वैश्वीकरण एवं सूचना क्रांति ने शिक्षा जगत में अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तनों का सूत्रपात किया है। उन्होंने कहा कि इन्टरनेट के वर्चस्व से शोध की सृजनात्मकता एवं फील्डवर्क में कमी आई है। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका असाधारण होती है।
यू.जी.सी.-मानव संसाधन विकास केन्द्र, राजस्थान विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. कृष्णगोपाल शर्मा ने कहा कि अभिमुखीकरण (ओरिएन्टेशन) कार्यक्रम के माध्यम से नवनियुक्त शिक्षकों को न केवल नवीन ज्ञान, विज्ञान एवं तकनीक में दीक्षित किया जाता है।
बल्कि यह प्रयास भी किया जाता है कि वे खुद के मुकाबिल और खुद से मुखातिब हों तथा अपने भीतर व्याप्त असीम संभावनाओं की पहचान करें। एचआरडीसी की डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. मीता माथुर ने प्रतिभागियों के समक्ष 28 दिवसीय ओरिएन्टेशन कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। एचआरडीसी की असिस्टेंट डायरेक्टर डाॅ. निधि मेहता ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि इस ओरिएन्टेशन कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विभिन्न विषयों के 74 शिक्षक भाग ले रहे हैं।
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इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो. जसबीर जैन (अंग्रेजी की सुप्रसिद्ध लेखिका तथा पूर्व निदेशक, एचआरडीसी, राजस्थान विश्वविद्यालय) ने कहा कि आजकल इन्टरनेट पर उपलब्ध ज्ञान को पेस्ट्री की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है जो एक खतरनाक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि वास्तविक ज्ञान श्रेष्ठ साहित्य के अध्ययन, मनन एवं अनुशीलन की जटिल प्रक्रिया से प्राप्त होता है।
उन्होंने शिक्षकों में नैतिक चेतना एवं करूणा की भावना विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रतियोगिता किसी दूसरे से नहीं, स्वयं अपने आप से करनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जे.पी. सिंघल ने कहा कि एचआरडीसी में नवनियुक्त शिक्षकों को ओरिएन्टेशन कार्यक्रम के माध्यम से अभिनव ज्ञान में तो सुशिक्षित किया जाता ही है, साथ ही अप्रसांगिक एवं भ्रमात्मक ज्ञान से मुक्त करने का प्रयास भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को समाज के लिए अधिक उपयोगी बनाए जाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. हरिशंकर शर्मा (सुप्रसिद्ध भूगोलवेत्ता तथा पूर्व निदेशक, एचआरडीसी, राजस्थान विश्वविद्यालय) ने कहा कि वैश्वीकरण एवं सूचना क्रांति ने शिक्षा जगत में अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तनों का सूत्रपात किया है। उन्होंने कहा कि इन्टरनेट के वर्चस्व से शोध की सृजनात्मकता एवं फील्डवर्क में कमी आई है। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका असाधारण होती है।
यू.जी.सी.-मानव संसाधन विकास केन्द्र, राजस्थान विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. कृष्णगोपाल शर्मा ने कहा कि अभिमुखीकरण (ओरिएन्टेशन) कार्यक्रम के माध्यम से नवनियुक्त शिक्षकों को न केवल नवीन ज्ञान, विज्ञान एवं तकनीक में दीक्षित किया जाता है।
बल्कि यह प्रयास भी किया जाता है कि वे खुद के मुकाबिल और खुद से मुखातिब हों तथा अपने भीतर व्याप्त असीम संभावनाओं की पहचान करें। एचआरडीसी की डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. मीता माथुर ने प्रतिभागियों के समक्ष 28 दिवसीय ओरिएन्टेशन कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। एचआरडीसी की असिस्टेंट डायरेक्टर डाॅ. निधि मेहता ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि इस ओरिएन्टेशन कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विभिन्न विषयों के 74 शिक्षक भाग ले रहे हैं।
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