अजमेर / बीकानेर। माध्यमिक
शिक्षा विभाग को करीब 1600 वरिष्ठ अध्यापकों का पता ही नहीं चल रहा कि वे
वर्तमान में कहां कार्यरत हैं। काफी कोशिश के बाद भी जब इनकी कोई जानकारी
विभाग को नहीं मिली तो निदेशालय ने इनके नाम प्रधानाध्यापक की पात्रता
सूचियों से हटा दिए। माध्यमिक शिक्षा विभाग में इन दिनों पदोन्नतियों का
दौर चल रहा है।
विभाग पिछली सारी बकाया डीपीसी करा चुका है तथा वर्तमान सत्र 2016-17 की डीपीसी कराने जा रहा ।
लेकिन विभिन्न मंडलों में वर्ष 1985-86 से 1990-91 तक नियुक्त व पदोन्नत वरिष्ठ अध्यापकों की जानकारी विभाग के पास नहीं है। विभाग ये जानकारी शाला दर्पण व पे-मैनेजर से ले सकता है, लेकिन विभिन्न अनुभागों में समन्वय नहीं होने व पोर्टल की समझ नहीं होने से विभाग जानकारी नहीं ले पा रहा है।
यह है विभागीय लापरवाही
आरपीएससी की ओर से पदोन्नति कर सूचियां जारी की जा रही है। लेकिन इसकी सूची निदेशालय से प्राप्त होती हैं। निदेशालय को यह समस्त जानकारी मंडल के उप निदेशकों की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। फीडिंग भी उप निदेशक कार्यालय से होती है। अगर अध्यापकों की जानकारी उपलब्ध नहीं है तो उप निदेशक कार्यालय स्तर पर कहां गड़बड़ी हुई, जब जानकारी ही नहीं तो निदेशालय को सूचना क्यों भेजी गई। उप निदेशक स्तर की लापरवाही के चलते करीब डेढ़ हजार वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति से बाहर का रास्ता देखना पड़ा है।
माध्यमिक स्कूलों को मिलेंगे संस्था प्रधान
राज्य की माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के खाली चल रहे पदों में से शिक्षा विभाग ने करीब 1575 पदों पर संस्था प्रधान लगाने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को वर्ष 2016-17 की अजमेर में हुई पदोन्नति समिति ने करीब 1575 पात्र वरिष्ठ अध्यापकों को माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति देने की अनुशंसा की है। पदोन्नति समिति ने करीब 65 वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति देने की अनुशंसा भी की है।
प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों को मिलेगा मानदेय
ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा ले रहे सेवारत शिक्षकों को अब प्रशिक्षण अवधि का मानदेय मिलेगा। राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने इस बारे मे आदेश जारी कर दिए है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
विभाग पिछली सारी बकाया डीपीसी करा चुका है तथा वर्तमान सत्र 2016-17 की डीपीसी कराने जा रहा ।
लेकिन विभिन्न मंडलों में वर्ष 1985-86 से 1990-91 तक नियुक्त व पदोन्नत वरिष्ठ अध्यापकों की जानकारी विभाग के पास नहीं है। विभाग ये जानकारी शाला दर्पण व पे-मैनेजर से ले सकता है, लेकिन विभिन्न अनुभागों में समन्वय नहीं होने व पोर्टल की समझ नहीं होने से विभाग जानकारी नहीं ले पा रहा है।
यह है विभागीय लापरवाही
आरपीएससी की ओर से पदोन्नति कर सूचियां जारी की जा रही है। लेकिन इसकी सूची निदेशालय से प्राप्त होती हैं। निदेशालय को यह समस्त जानकारी मंडल के उप निदेशकों की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। फीडिंग भी उप निदेशक कार्यालय से होती है। अगर अध्यापकों की जानकारी उपलब्ध नहीं है तो उप निदेशक कार्यालय स्तर पर कहां गड़बड़ी हुई, जब जानकारी ही नहीं तो निदेशालय को सूचना क्यों भेजी गई। उप निदेशक स्तर की लापरवाही के चलते करीब डेढ़ हजार वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति से बाहर का रास्ता देखना पड़ा है।
माध्यमिक स्कूलों को मिलेंगे संस्था प्रधान
राज्य की माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के खाली चल रहे पदों में से शिक्षा विभाग ने करीब 1575 पदों पर संस्था प्रधान लगाने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को वर्ष 2016-17 की अजमेर में हुई पदोन्नति समिति ने करीब 1575 पात्र वरिष्ठ अध्यापकों को माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति देने की अनुशंसा की है। पदोन्नति समिति ने करीब 65 वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति देने की अनुशंसा भी की है।
प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों को मिलेगा मानदेय
ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा ले रहे सेवारत शिक्षकों को अब प्रशिक्षण अवधि का मानदेय मिलेगा। राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने इस बारे मे आदेश जारी कर दिए है।
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