राजसमंद।शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखने वाले अभ्यर्थियों के बीए में 50 फीसदी से कम अंक होने पर पीटीईटी में प्रवेश नहीं मिला, तो जम्मू- कश्मीर से विशेष छूट के तहत स्नातक में पचास फीसदी से कम अंक होने पर भी प्रवेश मिलने के बाद बीएड की डिग्री भी मिल गई। फिर भी प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा के नियमों में विरोधाभास की वजह से बीएड की डिग्री वाले हजारों बेरोजगार युवा रीट के लिए अपात्र होकर रह गए हैं। इसके चलते न तो उनकी पढ़ाई की सार्थकता रही और न ही बीएड की डिग्री का महत्त्व रहा।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से 2009 में नियमों में संशोधन किया गया। उसके तहत सामान्य वर्ग में 50 फीसदी व आरक्षित वर्ग में 45 अंकों से स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही बीएड के लिए पीटीईटी में प्रवेश योग्य है। इस कारण राजस्थान में स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पचास फीसदी से कम अंक होने पर जम्मु कश्मीर से विशेष छूट का फायदा उठाते हुए बीएड कर ली। फिर भी स्नातक में 50 फीसदी से कम अंक होने की वजह से बीएड की डिग्री होते हुए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। इस कारण हजारों अभ्यर्थी तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने की ख्वाहिश में रीट से वंचित रह जाएंगे।
फिर भी सरकार से संशोधन की आस
राज्य सरकार द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने के लिए एक ही प्रतियोगी परीक्षा (रीट) का प्रावधान लागू होने के बाद अभ्यर्थियों में उम्मीद है कि राज्य सरकार केन्द्र से रीट के नियमों में संशोधन कराएगी। फिर पचास फीसदी अंको के साथ स्नातक उतीर्ण की बाध्यता समाप्त हो जाएगी, जिससे न्यायालय के वर्ष 2009 के निर्णय से पहले स्नातक कर चुके अभ्यर्थी रीट में शामिल हो सकेंगे।
रूझान घटा, खाली रही सीटें
प्रदेश में शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों से बीएड करने के लिए स्नातक में पचास फीसदी अंकों की बाध्यता के चलते अभ्यर्थियों को रूझान घट रहा है। इस कारण शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में कई सीटें खाली रहने लगी है।
नियम लागू होने से पहले स्नातक कर चुके अभ्यर्थियों को भी पीटीईटी में प्रवेश नहीं मिल रहा है, जो कुठाराघात है। सरकार की दोहरी नीति की वजह से बेरोजगार ठगे जा रहे हैं। जम्मु की डिग्री नहीं मान रहे हैं, तो राजस्थान के बेरोजगारों को जम्मु से बीएड के लिए प्रवेश ही क्यों दिया जा रहा है। नियम संशोधित निष्पक्ष व्यवस्था लागू करें, ताकि सभी अभ्यर्थी रीट में शामिल हो सके। जगदीश पालीवाल, अध्यक्ष मेवाड़ शिक्षित युवा संघर्ष समिति राजसमंद
पांचवीं रेंक का आवेदन भी रद्द
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 में सादड़ी रेलमगरा के गोपाललाल शर्मा ने आवेदन के बाद परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसमें जिला मेरिट में पांचवीं रेंक रही। वर्ष 2008 -09 में जम्मु से बीएड की, जिसमें 53 फीसदी अंक अर्जित किए, जबकि आरटेट भी 6 8 फीसदी अंक से उत्तीर्ण करने के बावजूद स्नातक में 44.67 प्रतिशत रहने पर अंतिम दौर में आवेदन रद्द कर दिया।
तो जम्मु में प्रवेश ही क्यों
धारा 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त राज्य जम्मू-कश्मीर से बीएड के लिए कॉलेज में प्रवेश मिल रहा है, तो बीएड की डिग्री भी उसी लिहाज से देशभर में मान्य है। अगर राजस्थान में रीट में प्रवेश के लिए जम्मु की बीएड की डिग्री अपात्र है, तो फिर राजस्थान के विद्यार्थियों को जम्मु में बीएड के लिए प्रवेश ही क्यों मिल रहा है। सरकार की इस दोहरी नीति के चलते हजारों बेरोजगार अभ्यर्थी पीस रहे हैं।
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