ऑनलाइन जांची जाएंगी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाएं!
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं को ऑनलाइन ही जंचवाने की व्यवस्था शुरू करने पर मंथन कर रहा है। इसके पीछे मंशा यही है कि सराडा कांड के बाद बोर्ड के मूल्यांकन सिस्टम को लेकर जनमानस में फैले अविश्वास को दूर किया जा सके और बोर्ड की विश्वसनीयता बहाल हो सके। प्रायोगिक तौर पर अगले माह होने वाली पूरक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की ऑनलाइन मूल्यांकन से इसकी शुरुआत हो सकती है। नई व्यवस्था में उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटलाइजेशन होगा।
उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन कराई जाएंगी और इसे ऑनलाइन जांचने के लिए कंप्यूटर पर डाला जाएगा। परीक्षक उत्तर पुस्तिका को ऑनलाइन जांचेगा, अंक देगा और कुल टोटल भी देगा।
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राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं को ऑनलाइन ही जंचवाने की व्यवस्था शुरू करने पर मंथन कर रहा है। इसके पीछे मंशा यही है कि सराडा कांड के बाद बोर्ड के मूल्यांकन सिस्टम को लेकर जनमानस में फैले अविश्वास को दूर किया जा सके और बोर्ड की विश्वसनीयता बहाल हो सके। प्रायोगिक तौर पर अगले माह होने वाली पूरक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की ऑनलाइन मूल्यांकन से इसकी शुरुआत हो सकती है। नई व्यवस्था में उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटलाइजेशन होगा।
उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन कराई जाएंगी और इसे ऑनलाइन जांचने के लिए कंप्यूटर पर डाला जाएगा। परीक्षक उत्तर पुस्तिका को ऑनलाइन जांचेगा, अंक देगा और कुल टोटल भी देगा।
^बोर्ड उत्तर
पुस्तिकाओं के डिजिटलाइजेशन को लेकर मंथन कर रहा है। इस संबंध में कवायद
जारी है। -प्रो.बीएल चौधरी, अध्यक्ष,रामाशिबो, अजमेर
इसलिए भी की जा रही है कवायद
बोर्डकी मौजूदा मूल्यांकन पद्धति को लेकर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं। कक्षा 10 की मेरिट में एक ही स्कूल के 17 विद्यार्थी आने के बाद मामला एसओजी तक भी पहुंच गया है। इससे पूर्व उदयपुर के सराड़ा में प्रलोभन देकर परीक्षकों से अंक बढ़वाने का मामला सामने चुका है।
बोर्डमें हुआ डेमो : बोर्डमें सोमवार को इस नई व्यवस्था को लेकर डेमाे हुआ। इसमें बोर्ड की सूचना एवं प्रौद्योगिकी शाखा और गोपनीय शाखा के परिणाम तैयार करने वाले कार्मिक उपस्थित थे। बोर्ड सचिव मेघना चौधरी, एफए अानंद आसुतोष, निदेशक गोपनीय जीके माथुर, उपनिदेशक परीक्षा शिव शंकर अग्रवाल, उपनिदेशक जनसंपर्क राजेंद्र गुप्ता समेत विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
प्रायोगिक तौर पर पूरक परीक्षा से हो सकती है शुरुआत
व्यय को लेकर है चिंता: बोर्डनई व्यवस्था के तहत शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी करेगा। इसमें ऑनलाइन मूल्यांकन के संबंध में तकनीकी जानकारी दी जाएगी। बोर्ड आकलन कर रहा है कि नई व्यवस्था पर संभावित खर्च कितना होगा।
अभी यहां होता है ऑनलाइन मूल्यांकन
बोर्डसूत्रों के मुताबिक वर्तमान में सीबीएसई, एमपी बोर्ड, छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड, मेघालय शिक्षा बोर्ड में यह व्यवस्था लागू है। केरल में शिक्षा बोर्ड के साथ ही विभिन्न तकनीकी कोर्सेज की उत्तर पुस्तिकाएं भी ऑनलाइन ही जांची जा रही हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में कैट, जेईई मेंस और एआईपीएमटी में भी इसी सिस्टम के तहत उत्तर पुस्तिकाओं की जांच हो रही है।
बार कोडिंग होगी, जिले तक का पता नहीं लग सकेगा
बोर्डसूत्रों का कहना है कि परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका स्कैन कर ऑनलाइन लोड होगी। प्रदेश के कुछ जिलों में सेंट्रलाइज जांच सेंटर बनाए जाएंगे। उत्तर पुस्तिका का मुख्य पृष्ठ हटा होगा और उत्तर पुस्तिका से कोई परीक्षक पहचान नहीं सकेगा कि यह किस परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका है और कौन से जिले या स्कूल की उत्तर पुस्तिका है। बार कोडिंग व्यवस्था रहेगी।
ये होंगे फायदे
>उत्तरपुस्तिकाओं का परिवहन पर होने वाला व्यय बच सकेगा।
>परिवहन के दौरान उत्तर पुस्तिका के खोने का डर खत्म हो जाएगा।
>परीक्षक को भी उत्तर पुस्तिका संग्रहण केंद्र तक उत्तर पुस्तिका लाने ले जाने की झंझट खत्म हो सकेगी।
>संवीक्षा में गलती के चांसेज कम हो सकेंगे।
इसलिए भी की जा रही है कवायद
बोर्डकी मौजूदा मूल्यांकन पद्धति को लेकर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं। कक्षा 10 की मेरिट में एक ही स्कूल के 17 विद्यार्थी आने के बाद मामला एसओजी तक भी पहुंच गया है। इससे पूर्व उदयपुर के सराड़ा में प्रलोभन देकर परीक्षकों से अंक बढ़वाने का मामला सामने चुका है।
बोर्डमें हुआ डेमो : बोर्डमें सोमवार को इस नई व्यवस्था को लेकर डेमाे हुआ। इसमें बोर्ड की सूचना एवं प्रौद्योगिकी शाखा और गोपनीय शाखा के परिणाम तैयार करने वाले कार्मिक उपस्थित थे। बोर्ड सचिव मेघना चौधरी, एफए अानंद आसुतोष, निदेशक गोपनीय जीके माथुर, उपनिदेशक परीक्षा शिव शंकर अग्रवाल, उपनिदेशक जनसंपर्क राजेंद्र गुप्ता समेत विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
प्रायोगिक तौर पर पूरक परीक्षा से हो सकती है शुरुआत
व्यय को लेकर है चिंता: बोर्डनई व्यवस्था के तहत शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी करेगा। इसमें ऑनलाइन मूल्यांकन के संबंध में तकनीकी जानकारी दी जाएगी। बोर्ड आकलन कर रहा है कि नई व्यवस्था पर संभावित खर्च कितना होगा।
अभी यहां होता है ऑनलाइन मूल्यांकन
बोर्डसूत्रों के मुताबिक वर्तमान में सीबीएसई, एमपी बोर्ड, छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड, मेघालय शिक्षा बोर्ड में यह व्यवस्था लागू है। केरल में शिक्षा बोर्ड के साथ ही विभिन्न तकनीकी कोर्सेज की उत्तर पुस्तिकाएं भी ऑनलाइन ही जांची जा रही हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में कैट, जेईई मेंस और एआईपीएमटी में भी इसी सिस्टम के तहत उत्तर पुस्तिकाओं की जांच हो रही है।
बार कोडिंग होगी, जिले तक का पता नहीं लग सकेगा
बोर्डसूत्रों का कहना है कि परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका स्कैन कर ऑनलाइन लोड होगी। प्रदेश के कुछ जिलों में सेंट्रलाइज जांच सेंटर बनाए जाएंगे। उत्तर पुस्तिका का मुख्य पृष्ठ हटा होगा और उत्तर पुस्तिका से कोई परीक्षक पहचान नहीं सकेगा कि यह किस परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका है और कौन से जिले या स्कूल की उत्तर पुस्तिका है। बार कोडिंग व्यवस्था रहेगी।
ये होंगे फायदे
>उत्तरपुस्तिकाओं का परिवहन पर होने वाला व्यय बच सकेगा।
>परिवहन के दौरान उत्तर पुस्तिका के खोने का डर खत्म हो जाएगा।
>परीक्षक को भी उत्तर पुस्तिका संग्रहण केंद्र तक उत्तर पुस्तिका लाने ले जाने की झंझट खत्म हो सकेगी।
>संवीक्षा में गलती के चांसेज कम हो सकेंगे।
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