बांसवाड़ा आरक्षण के मसले पर पिछले दिनों यहां समानता मंच और मिशन-73 की ओर से रैलियों के बाद शुक्रवार को अनुसूचित जाति के लोगों ने भी इस मसले पर पहली बार अलग से हुंकार भरी। उन्होंने मांग उठाई कि सरकारी नौकरियों में राज्य की जनसंख्या के अनुपात में उन्हें 18 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। इस मांग को पूरा करने के लिए उन्होंने लिए सरकार को दो माह का समय दिया है।
अनुसूचित जाति आरक्षण संघर्ष समिति मिशन-16 बैनर तले आयोजित अधिकार रैली व सभा में संभाग के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों से भी अनुसूचित जाति वर्ग के लोग भारी तादाद में शामिल हुए। खेल मैदान पर सभा में 18 प्रतिशत आरक्षण को लेकर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका किसी अन्य वर्ग की मांगों से कोई विरोध नहीं है। उनका मकसद यही है कि मौलिक अधिकारों के तहत अनुसूचित जाति वर्ग को अपना हक मिलना चाहिए। साथ ही यह मांग भी की कि राज्यपाल की ओर से 22 मार्च1995 व 16 जून 13 के अध्यादेश समाप्त किए जाएं। तय अवधि में मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
सभा के बाद रैली निकाली गई, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होकर कलक्टरी पहुंची। वहां मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित को सौंपा। रैली की विशालता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि जब आगे की पंक्ति कलक्टरी पर थीं, तब अंतिम पंक्ति पुराना बस स्टैण्ड के पास थी। हाथों में जय भीम की झण्डियां एवं अधिकारों से जुड़ी तख्तियां लिए महिला-पुरुष कलक्टरी के मुख्य द्वार के सामने पहुंचे। वहां जमकर नारेबाजी की
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अनुसूचित जाति आरक्षण संघर्ष समिति मिशन-16 बैनर तले आयोजित अधिकार रैली व सभा में संभाग के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों से भी अनुसूचित जाति वर्ग के लोग भारी तादाद में शामिल हुए। खेल मैदान पर सभा में 18 प्रतिशत आरक्षण को लेकर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका किसी अन्य वर्ग की मांगों से कोई विरोध नहीं है। उनका मकसद यही है कि मौलिक अधिकारों के तहत अनुसूचित जाति वर्ग को अपना हक मिलना चाहिए। साथ ही यह मांग भी की कि राज्यपाल की ओर से 22 मार्च1995 व 16 जून 13 के अध्यादेश समाप्त किए जाएं। तय अवधि में मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
सभा के बाद रैली निकाली गई, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होकर कलक्टरी पहुंची। वहां मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित को सौंपा। रैली की विशालता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि जब आगे की पंक्ति कलक्टरी पर थीं, तब अंतिम पंक्ति पुराना बस स्टैण्ड के पास थी। हाथों में जय भीम की झण्डियां एवं अधिकारों से जुड़ी तख्तियां लिए महिला-पुरुष कलक्टरी के मुख्य द्वार के सामने पहुंचे। वहां जमकर नारेबाजी की
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