जोधपुर .
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में १०२
शिक्षकों की भर्ती में विवि ने महिलाओं और दिव्यांगों के लिए कोई पद
आरक्षित नहीं किया है। किसी भी श्रेणी में महिला और द्विव्यांग का पद नहीं
है।
एेसे में १०२ शिक्षकों में से एक भी महिला व दिव्यांग इंजीनियर का चयन नहीं होता है, तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। विवि ने बैकलॉग पदों को भी अलग से नहीं दिखाकर सामान्य पदों में ही समायोजित करने का कारनामा कर दिखाया। जेएनवीयू ने पिछले महीने इंजीनियरिंग संकाय के विभिन्न विभागों में १०२ शिक्षकों की भर्ती को लेकर विज्ञापन जारी किया था।
विज्ञापन में अनारक्षित श्रेणी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पदों का आरक्षण दिया गया है। इन सभी आरक्षण में महिला और दिव्यांग गायब हैं, जो आरक्षण के नियमों का उल्लंघन है। सितम्बर में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई ३४ पदों में से २२ शिक्षकों भर्ती में भी आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया। इसमें भी एक भी पद दिव्यांग का नहीं रखा गया था और न ही किसी दिव्यांग का चयन किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछली भर्ती घोटाले के दाग जेएनवीयू के दामन से अभी तक धुले भी नहीं है। लेकिन विवि प्रशासन लगातार नए भर्ती घोटालों में लिप्त होने लगा है।
रोस्टर के अनुसार यह होने चाहिए पद
विवि की सिण्डीकेट ने ११ मई को इंजीनियरिंग संकाय का रोस्टर पारित किया था। इसके अनुसार पदों के वर्गीकरण में महिला, दिव्यांग अभ्यर्थी और बैकलॉग पदों को अलग से दर्शाया जाना चाहिए था, जो विवि ने शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में नहीं दर्शाया। रोस्टर के अनुसार विवि की ओर विज्ञापित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर के ३९ पदों में से ८ पद दिव्यांग और चार पद महिला अभ्यर्थी के होने चाहिए थे। इसी तरह से एसोसिएट प्रोफेसर के ३९ पद और प्रोफेसर के २४ पदों में से आठ-आठ पद दिव्यांग के लिए आरक्षित होने चाहिए थे। इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर में बैकलॉग के १६, एसोसिएट प्रोफेसर के १० और प्रोफेसर के ८ पदों का निर्धारण किया जाना था।
एेसे में १०२ शिक्षकों में से एक भी महिला व दिव्यांग इंजीनियर का चयन नहीं होता है, तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। विवि ने बैकलॉग पदों को भी अलग से नहीं दिखाकर सामान्य पदों में ही समायोजित करने का कारनामा कर दिखाया। जेएनवीयू ने पिछले महीने इंजीनियरिंग संकाय के विभिन्न विभागों में १०२ शिक्षकों की भर्ती को लेकर विज्ञापन जारी किया था।
विज्ञापन में अनारक्षित श्रेणी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पदों का आरक्षण दिया गया है। इन सभी आरक्षण में महिला और दिव्यांग गायब हैं, जो आरक्षण के नियमों का उल्लंघन है। सितम्बर में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई ३४ पदों में से २२ शिक्षकों भर्ती में भी आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया। इसमें भी एक भी पद दिव्यांग का नहीं रखा गया था और न ही किसी दिव्यांग का चयन किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछली भर्ती घोटाले के दाग जेएनवीयू के दामन से अभी तक धुले भी नहीं है। लेकिन विवि प्रशासन लगातार नए भर्ती घोटालों में लिप्त होने लगा है।
रोस्टर के अनुसार यह होने चाहिए पद
विवि की सिण्डीकेट ने ११ मई को इंजीनियरिंग संकाय का रोस्टर पारित किया था। इसके अनुसार पदों के वर्गीकरण में महिला, दिव्यांग अभ्यर्थी और बैकलॉग पदों को अलग से दर्शाया जाना चाहिए था, जो विवि ने शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में नहीं दर्शाया। रोस्टर के अनुसार विवि की ओर विज्ञापित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर के ३९ पदों में से ८ पद दिव्यांग और चार पद महिला अभ्यर्थी के होने चाहिए थे। इसी तरह से एसोसिएट प्रोफेसर के ३९ पद और प्रोफेसर के २४ पदों में से आठ-आठ पद दिव्यांग के लिए आरक्षित होने चाहिए थे। इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर में बैकलॉग के १६, एसोसिएट प्रोफेसर के १० और प्रोफेसर के ८ पदों का निर्धारण किया जाना था।
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