बांसवाड़ा| हाईकोर्ट ने प्रबोधकों के लेवल को लेकर लगाई गई याचिका पर दो माह
में शिक्षा विभाग को यह तय करने के निर्देश दिए है कि प्रबोधकों की
योग्यता के अनुसार ही उनका भी लेवल तय किया जाए। बांसवाड़ा निवासी प्रबोधक
हितेश स्वर्णकार ने याचिका दायर की थी।
जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए विभाग को यह व्यवस्था करने के लिए दो माह का समय दिया है।
याचिका ने बताया था कि 2008 में प्रबोधकों की नियुक्ति की गई थी। जहां तक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए प्राइमरी और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए लेवल प्रथम और द्वितीय शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तय है। जैसे एसटीसी शिक्षक है, तो लेवल प्रथम और 5वीं तक पढ़ाने की योग्यता तय की गई है। इसी तरह से बीएड है, तो लेवल द्वितीय और 8वीं तक की कक्षाएं लेने के लिए तय किया गया है। दूसरी ओर प्रबोधकों के मामले में उनकी योग्यता को विभाग ने दरकिनार कर उन्हें प्राइमरी कक्षाओं के लिए ही काउंसलिंग में पदस्थापन किया गया है। जबकि कई प्रबोधक बीएड और एमए धारी है। वही एनसीईआरटी ने भी राज्य सरकार को नई भर्ती में लेवल निर्धारित कर के ही नियुक्ति देने के निर्देश दिए है। स्वर्णकार ने बताया कि दोनों के पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने प्रबोधक से कहा है कि तीन सप्ताह में लेवल निर्धारण को लेकर अपना नया प्रतिवेदन शिक्षा विभाग के समक्ष प्रस्तुत करें।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए विभाग को यह व्यवस्था करने के लिए दो माह का समय दिया है।
याचिका ने बताया था कि 2008 में प्रबोधकों की नियुक्ति की गई थी। जहां तक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए प्राइमरी और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए लेवल प्रथम और द्वितीय शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तय है। जैसे एसटीसी शिक्षक है, तो लेवल प्रथम और 5वीं तक पढ़ाने की योग्यता तय की गई है। इसी तरह से बीएड है, तो लेवल द्वितीय और 8वीं तक की कक्षाएं लेने के लिए तय किया गया है। दूसरी ओर प्रबोधकों के मामले में उनकी योग्यता को विभाग ने दरकिनार कर उन्हें प्राइमरी कक्षाओं के लिए ही काउंसलिंग में पदस्थापन किया गया है। जबकि कई प्रबोधक बीएड और एमए धारी है। वही एनसीईआरटी ने भी राज्य सरकार को नई भर्ती में लेवल निर्धारित कर के ही नियुक्ति देने के निर्देश दिए है। स्वर्णकार ने बताया कि दोनों के पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने प्रबोधक से कहा है कि तीन सप्ताह में लेवल निर्धारण को लेकर अपना नया प्रतिवेदन शिक्षा विभाग के समक्ष प्रस्तुत करें।
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