द्वितीय
श्रेणी शिक्षक भर्ती में आरपीएससी की सुस्त रफ्तार को भी जिम्मेदार बताया
जा रहा है। इस परीक्षा में प्रविष्ट हुए अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने
प्रत्येक विषय के 2373 पदों के लिए पहला परिणाम 6 मार्च 2012 को जारी किया
था लेकिन गलत प्रश्नों के चलते परिणाम संशोधित किया गया।
बाद में जारी संशोधित परिणाम केवल 2250 पदों के लिए था। 123 पद अंग्रेजी माध्यम तथा अपात्रों का परिणाम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए रोक लिया गया था। बाद में अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक गए और 18666 एसएलपी के संदर्भ में आउटर को भी राहत दी गई। शिक्षा निदेशालय ने राज्य सरकार से सामाजिक विज्ञान और गणित के 400 पदों की वित्तीय स्वीकृति लेकर नियुक्ति दी। साथ ही हिंदी, अंग्रेजी विज्ञान में 630 पदों की अलग से वित्तीय स्वीकृति लेकर नियुक्ति दी गई। इसकी वित्त विभाग द्वारा 29 मई 2015 को जारी आईडी संख्या 101502060 द्वारा सहमति प्रदान की गई है। इस स्वीकृति की प्रति अभ्यर्थियों ने आयोग अध्यक्ष डॉ. पंवार सचिव नरेश कुमार ठकराल को भी उपलब्ध कराई है।
अब हाईकोर्ट राजस्थान जयपुर का 21 सितंबर 2015 को एक आदेश आया है। इसमें आयोग को निर्देश हैं कि रोके गए 123 पदों अपात्र का परिणाम जारी किया जाए। इधर, आयोग के इस सवाल पर कि पद रिक्त नहीं हैं, तो परिणाम कैसे जारी किया जाए, इसके जवाब में अभ्यर्थियों का तर्क है कि जब अतिरिक्त नए पद सृजित करते हुए वित्त विभाग 400 और 630 अतिरिक्त पदों की सहमति प्रदान की थी, तो मुख्य मेरिट की सीटें कैसे प्रभावित होंगी। इन अभ्यर्थियों ने आयोग से आग्रह किया है कि इन सभी 123 सीटों को एक परिणाम से भरा जाए। आरपीएससी अध्यक्ष डा. ललित के पंवार ने बताया कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2011 के मामले को लेकर समीक्षा करा रहे हैं।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बाद में जारी संशोधित परिणाम केवल 2250 पदों के लिए था। 123 पद अंग्रेजी माध्यम तथा अपात्रों का परिणाम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए रोक लिया गया था। बाद में अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक गए और 18666 एसएलपी के संदर्भ में आउटर को भी राहत दी गई। शिक्षा निदेशालय ने राज्य सरकार से सामाजिक विज्ञान और गणित के 400 पदों की वित्तीय स्वीकृति लेकर नियुक्ति दी। साथ ही हिंदी, अंग्रेजी विज्ञान में 630 पदों की अलग से वित्तीय स्वीकृति लेकर नियुक्ति दी गई। इसकी वित्त विभाग द्वारा 29 मई 2015 को जारी आईडी संख्या 101502060 द्वारा सहमति प्रदान की गई है। इस स्वीकृति की प्रति अभ्यर्थियों ने आयोग अध्यक्ष डॉ. पंवार सचिव नरेश कुमार ठकराल को भी उपलब्ध कराई है।
अब हाईकोर्ट राजस्थान जयपुर का 21 सितंबर 2015 को एक आदेश आया है। इसमें आयोग को निर्देश हैं कि रोके गए 123 पदों अपात्र का परिणाम जारी किया जाए। इधर, आयोग के इस सवाल पर कि पद रिक्त नहीं हैं, तो परिणाम कैसे जारी किया जाए, इसके जवाब में अभ्यर्थियों का तर्क है कि जब अतिरिक्त नए पद सृजित करते हुए वित्त विभाग 400 और 630 अतिरिक्त पदों की सहमति प्रदान की थी, तो मुख्य मेरिट की सीटें कैसे प्रभावित होंगी। इन अभ्यर्थियों ने आयोग से आग्रह किया है कि इन सभी 123 सीटों को एक परिणाम से भरा जाए। आरपीएससी अध्यक्ष डा. ललित के पंवार ने बताया कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2011 के मामले को लेकर समीक्षा करा रहे हैं।
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