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पति की आखिरी इच्छा के लिए पत्नी बनी अफसर, 13 साल से छोड़ रखी थी पढ़ाई

झालावाड़।पति की मौत के बाद महिलाएं टूट जाती हैं, लेकिन झालावाड़ की सरिता पहाड़िया ने पति की अंतिम इच्छा को अपनी जिद और जुनून बनाया। पत्नी को कुछ पढ़ता देखकर पति उनके आरएएस अफसर बनने की इच्छा जताते, जिसे सरिता ने उनकी मौत के बाद पूरा कर दिखाया।13 साल पढ़ाई से दूर रहने के बाद ऐसे बनी अफसर..
- पति की मौत के बाद उन्होंने ठान लिया कि आरएएस अधिकारी बनकर रहेंगी और इस बार वह आरएएस परीक्षा में सफल रहीं।
- मृतकाश्रित में सरिता की नौकरी जिला परिषद में संगणक के पद पर लगी, लेकिन उनकी मंजिल यह नहीं थी।
- उन्हें हमेशा पति का वो सपना याद आता, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं थीं। नौकरी, दो बच्चियों की परवरिश, उनकी शिक्षा, घर और बाहर के काम करना बड़ी चुनौती था।
- वह ऑफिस से शाम छह बजे घर आने के बाद दोनों बेटियों को पढ़ातीं, घर के काम से निपटने के बाद रात में पढ़ाई करने बैठतीं। पूरी रात पढ़ाई करतीं।
- फिर सुबह बच्चों को स्कूल भेजना और ऑफिस जाना पड़ता। पूरी घर की जिम्मेदारी अकेले संभालते हुए वह आरएएस अफसर बनीं।
13 साल पढ़ाई से दूर रहने के बाद फिर पढ़ाई में जुटीं
- सरिता पहाड़िया ने बताया कि शादी के बाद 13 साल तक वह पढ़ाई से पूरी तरह दूर रहीं।
- इसके बाद जब आरएएस अधिकारी बनने का सपना देखा तो फिर से पूरी लगन और मेहनत से पढ़ाई में जुट गईं।
- ताजा घटनाक्रम से लेकर सामान्य ज्ञान हर टॉपिक को पढ़ा। अथाह मेहनत के बाद उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ।
- अभी उनकी एक बेटी वेदांशी 10वीं और दूसरी संस्कृति पहाड़िया 7वीं में अध्ययनरत है।
2013 में परीक्षा पर रोक लगी, लेकिन करती रहीं तैयारी, सफल होकर ही मानीं
- ब्यावर निवासी सरिता की शादी झालावाड़ निवासी अनिल पहाड़िया से 2001 में हुई थी। पति कोर्ट में एलडीसी थे।
- सरिता गृहिणी थीं। एमकॉम पत्नी सरिता को अनिल कोई किताब पढ़ते देखते तो प्रशासनिक अफसर बनने के लिए प्रेरित करते।
- बकौल सरिता- वह कहा करते थे कि उनका सपना है पत्नी को आरएएस अफसर बना देखूं। लेकिन उस समय केवल घर और बच्चों तक ही उन्होंने खुद को सीमित कर लिया था।
चार साल पहले हुई पति की मौत
- बीमारी के कारण 9 जनवरी, 2012 को पति की मौत हो गई। इसके बाद से ही सरिता ने पति की इच्छा को अपनी जिद बना लिया और आरएएस परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।
- 2013 की परीक्षा में जब उन्होंने आवेदन किया तो पहले ही प्रयास में उनका आरएएस प्री में सिलेक्शन हो गया, लेकिन इस परीक्षा पर रोक लग गई। लेकिन उन्होंने तैयारी जारी रखी।
- नतीजा रहा कि इस साल के रिजल्ट में प्री, मेन और इंटरव्यू सभी पास कर लिए। उन्होंने ओबीसी विधवा कैटेगरी में 7वीं और ओबीसी में 22 वीं रैंक प्राप्त की है।

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