टोंक. राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) रविवार को दो पारियों में
हुई। प्रथम पारी सुबह 10 से दोपहर साढ़े 12 बजे तक में बीएडधारी व दूसरी
पारी में दोपहर ढाई से शाम पांच बजे तक प्रथम लेवल के अभ्यर्थी शामिल हुए।
इसको लेकर जिला मुख्यालय पर 51 परीक्षा केन्द्र बनाए गए।
दो पारियों में
परीक्षा होने से शहर में दिनभर परीक्षार्थियों की रेलमपेल बनी रही। आलम यह
था कि परीक्षा शुरू होने का समय 10 बजे का था। जबकि सुबह उजाला होने के साथ
ही अभ्यर्थी केन्द्रों के बाहर आ डटे।
साढ़े 12 बजे परीक्षा समाप्त होते ही शहर में कई स्थानों पर जाम की
स्थिति बन गई। ताल कटोरा क्षेत्र स्थित निजी स्कूल, मोदी की चौकी, घंटाघर,
बड़ा कुआ, डिपो आदि क्षेत्रों में कुछ देर के लिए आवाजाही बाधित रही। इस
दौरान मौके पर तैनात यातायात पुलिसकर्मियों ने मशक्कत कर आवाजाही सुचारू
कराई। इसी प्रकार मुख्य बाजार में भी आवाजाही अधिक रहने से वाहन रंैगते नजर
आए। बोर्ड प्रतिनिधि आर. एस. मीणा ने बताया कि परीक्षा शुरू होने के बाद
परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया।
प्रत्येक परीक्षा केन्द्र में गड़बड़ी रोकने के लिए वीडिय़ोग्राफी कराई
गई। इसी प्रकार प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर आधा दर्जन सशस्त्र महिला एवं
पुरुष लगाकर 13 उडऩदस्तों का गठन किया गया। हर दस से 12 मिनट बाद केन्द्र
का निरीक्षण किया गया। परीक्षा को लेकर 9 सरकारी व 35 निजी विद्यालयों में
परीक्षा केन्द्र बनाए गए है। प्रत्येक परीक्षा केन्द्र में दो-दो वीक्षक
लगाए गए हैं। महिला अभ्यर्थियों को कानों, नाक व गले में पहने जेवरात भी
खोलकर जाना पड़ा।
जयपुर रोड स्थित
एक परीक्षा केन्द्र पर निशक्तजन के देरी से पहुंचने पर उसे प्रवेश नहीं
दिया गया। इसके चलते कुछ देर के लिए कहासुनी हुई। इसी प्रकार डिपो क्षेत्र
स्थित एक निजी परीक्षा केन्द्र में गलत ओएमआर सीट वितरित करने का मामला
सामने आया। सैकण्ड लेवल की परीक्षार्थी ममता गुर्जर ने बताया कि परीक्षा
कक्ष में केन्द्राधीक्षक ने जान बूझकर गलत ओएमआर सीट बंटवा दी। इसके बाद
कार्बन कॉपी भी नहीं दी गई।
ये शामिल हुए
प्रथम पारी में शामिल हुए सैकण्ड
लेवल के अभ्यर्थियों में 17 हजार 451 में से 15 हजार 810 उपस्थित रहे।
जबकि 1641 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। दूसरी पारी दोपहर ढाई से शाम 5 बजे तक
हुई। इसमें प्रथम लेवल के परीक्षार्थी शामिल हुए। इसमें 4 हजार 771
अभ्यर्थियों का पंजीयन था। इनमें 4 हजार 203 अभ्यर्थी शामिल हुए, जबकि 568
परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
बसें रही पर्याप्त
बस स्टैण्ड पर
परीक्षार्थियों के लिए आवाजाही की विशेष व्यवस्था की गई। हालांकि इस बार
अधिकतर परीक्षार्थी निजी वाहनों से परीक्षा देने पहुंचे। इसके चलते दिनभर
बाहरी नम्बरों के वाहनों की भरमार रही। अतिरिक्त बसों की व्यवस्था होने से
अभ्यर्थियों को छतों पर बैठने की आवश्यकता ही महसूस नहीं हुई। अजमेर , भीलवाड़ा, नागौर व डीडवाना आदि क्षेत्रों के लिए बसों की व्यवस्था की गई।
ठसाठस रही बसें
देवली ञ्च पत्रिका. शिक्षक भर्ती को
लेकर जिला मुख्यालय टोंक पर आयोजित हुई रीट 2018 परीक्षा के चलते रोडवेज
बसें दिनभर ठसाठस रही। सुबह 7 बजे से बस स्टैण्ड परिसर में दर्जनों
अभ्यर्थी टोंक, बंूदी, भीलवाड़ा, अजमेर आदि परीक्षा केन्द्र पर जाने के लिए
बस का इन्तजार करते रहे। इनमें अधिकतर अभ्यर्थी टोंक व बूंदी जाने वाले
थे। इस अवधि में आने वाली सभी रोडवेज व लोक परिवहन की बसों में अधिकतर रीट
परीक्षा के अभ्यर्थी ही थे।
सीटों पर यात्रियों के बैठे होने के चलते अभ्यर्थियों को टोंक तक खड़े
रहकर ही जाना पड़ा। हालांकि इसके लिए रोडवेज अधिकारियों ने व्यवस्था
प्रबंधन किया था। ओवरलोड बसों को रोकने के लिए देवली रोडवेज बीट प्रभारी
सुरेश शर्मा समूचे टोंक मार्ग के बीच बसों का निरीक्षण करते रहे।
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