जैसलमेर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गलत तथ्यों के आधार पर रोकी गई छात्रवृति के मामले में दायर याचिका मंजूर करते हुए अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय को नियमानुसार छात्रवृति राशि जारी करने के आदेश दिए हैं।
महाराजा उम्मेद कायमखानी छात्रावास के विधि छात्र को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय जोधपुर की लापरवाही के कारण भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति से इस आधार पर वंचित कर दिया गया कि उनके प्राप्तांक 50 प्रतिशत से कम है। जबकि वास्तविकता में उनके प्राप्तांक 62.75 फीसदी थे।
विभागीय अधिकारियों को ढेरों प्रतिवेदन और पत्राचार करने के बावजूद वह छात्रवृत्ति नहीं देने के लिए अड़े रहे। आखिरकार उन्होंने अधिवक्ता हनुमान सिंह चौधरी माध्यम से राजस्थान हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। न्यायाधीश ने मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद याचिका मंजूर करते हुए अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय को नियमानुसार छात्रवृति की राशि याचिकाकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।

महाराजा उम्मेद कायमखानी छात्रावास के विधि छात्र को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय जोधपुर की लापरवाही के कारण भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति से इस आधार पर वंचित कर दिया गया कि उनके प्राप्तांक 50 प्रतिशत से कम है। जबकि वास्तविकता में उनके प्राप्तांक 62.75 फीसदी थे।
विभागीय अधिकारियों को ढेरों प्रतिवेदन और पत्राचार करने के बावजूद वह छात्रवृत्ति नहीं देने के लिए अड़े रहे। आखिरकार उन्होंने अधिवक्ता हनुमान सिंह चौधरी माध्यम से राजस्थान हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। न्यायाधीश ने मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद याचिका मंजूर करते हुए अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय को नियमानुसार छात्रवृति की राशि याचिकाकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।
