आखिर शिक्षक काउंसलिंग फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र की गड़बड़ी की जांच के
लिए कमेटी को क्या इतना समय लगता है, जबकि मामला सबके सामने है। वही अब
पूरे मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी आरोपों के दायरे में आए अधिकारियों
संबंधित बाबू को बचाने में लग गए हैं?
तीन महीने के बाद भी तो जांच रिपोर्ट तक नहीं आई, ही संबंधित बाबुओं से चार्ज लिया जा रहा है। पूरे मामले में अधिकारी खुद बाबुओं को बचाने में जुट गए हैं।
भास्करसंवाददाता | पाली
शिक्षाविभाग में स्टाफिंग पैटर्न में हुई गड़बडिय़ों के बाद संबंधित अधिकारियों बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जवरीलाल प्रजापत के नेतृत्व में 1 दर्जन से अधिक शिक्षक 14 दिसंबर से कलेक्ट्रेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसको लेकर शुक्रवार को शिक्षकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। आरोप है कि शिक्षा विभाग के तत्कालीन एडीईओ धन्नाराम परिहार लिपिक अनुज दवे की द्वारा शिक्षिका को फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने अधिकारियों बाबुओं ने स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर अपने चहेते शिक्षकों को फायदा पहुंचाया था। इसके बाद उनकी जांच करने को लेकर कमेटी का भी गठन किया गया था। 3 माह बाद भी अब तक जांच कमेटी में अब तक अपनी रिपोर्ट ही तैयार नहीं है। इसको लेकर शिक्षकों ने इस मामले में जांच को लेकर आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है।
शिक्षिकाके खिलाफ स्पष्ट सबूत इसके बाद भी कार्रवाई नहीं : वहीबगड़ी नगर स्कूल में कार्यरत शिक्षिका रेखा सोनी ने तो डीईओ ऑफिस में एक दिन भी ज्वाइन नहीं किया था। इसके बाद भी एडीईओ धन्नाराम परिहार ने उनको 10 दिन का फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। इस मामले में एडीईओ को एपीओ किया गया था। लेकिन शिक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की।
डीईओमाध्यमिक ने जिनके खिलाफ जांच, उस बाबू को ही दे दिया संस्थापन का चार्ज : काउंसलिंगशिक्षिका को फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में जिन लिपिकों पर आरोप है और उनके खिलाफ जांच चल रही है। जबकि चौकाने वाली बात यह कि डीईओ माध्यमिक नवलसिंह राठौड़ ने तो लिपिक अनुज दवे के खिलाफ फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप है इसके बाद भी इसी लिपिक को संस्थापन जैसे महत्वपूर्ण विभाग का चार्ज दे दिया।
^शिक्षाधिकारियों की तरफ से स्पष्ट तौर पर बाबुओं को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, अब 14 दिसंबर से 1 दर्जन से अधिक शिक्षकों के साथ आमरण अनशन पर बैठेंगे। -जवरीलाल प्रजापत, शिक्षक प्रतिनिधि
तीन महीने के बाद भी तो जांच रिपोर्ट तक नहीं आई, ही संबंधित बाबुओं से चार्ज लिया जा रहा है। पूरे मामले में अधिकारी खुद बाबुओं को बचाने में जुट गए हैं।
भास्करसंवाददाता | पाली
शिक्षाविभाग में स्टाफिंग पैटर्न में हुई गड़बडिय़ों के बाद संबंधित अधिकारियों बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जवरीलाल प्रजापत के नेतृत्व में 1 दर्जन से अधिक शिक्षक 14 दिसंबर से कलेक्ट्रेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसको लेकर शुक्रवार को शिक्षकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। आरोप है कि शिक्षा विभाग के तत्कालीन एडीईओ धन्नाराम परिहार लिपिक अनुज दवे की द्वारा शिक्षिका को फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने अधिकारियों बाबुओं ने स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर अपने चहेते शिक्षकों को फायदा पहुंचाया था। इसके बाद उनकी जांच करने को लेकर कमेटी का भी गठन किया गया था। 3 माह बाद भी अब तक जांच कमेटी में अब तक अपनी रिपोर्ट ही तैयार नहीं है। इसको लेकर शिक्षकों ने इस मामले में जांच को लेकर आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है।
शिक्षिकाके खिलाफ स्पष्ट सबूत इसके बाद भी कार्रवाई नहीं : वहीबगड़ी नगर स्कूल में कार्यरत शिक्षिका रेखा सोनी ने तो डीईओ ऑफिस में एक दिन भी ज्वाइन नहीं किया था। इसके बाद भी एडीईओ धन्नाराम परिहार ने उनको 10 दिन का फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। इस मामले में एडीईओ को एपीओ किया गया था। लेकिन शिक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की।
डीईओमाध्यमिक ने जिनके खिलाफ जांच, उस बाबू को ही दे दिया संस्थापन का चार्ज : काउंसलिंगशिक्षिका को फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में जिन लिपिकों पर आरोप है और उनके खिलाफ जांच चल रही है। जबकि चौकाने वाली बात यह कि डीईओ माध्यमिक नवलसिंह राठौड़ ने तो लिपिक अनुज दवे के खिलाफ फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप है इसके बाद भी इसी लिपिक को संस्थापन जैसे महत्वपूर्ण विभाग का चार्ज दे दिया।
^शिक्षाधिकारियों की तरफ से स्पष्ट तौर पर बाबुओं को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, अब 14 दिसंबर से 1 दर्जन से अधिक शिक्षकों के साथ आमरण अनशन पर बैठेंगे। -जवरीलाल प्रजापत, शिक्षक प्रतिनिधि