राज्य बजट में 1.8 लाख नई भर्तियों की घोषणा की गई है। पर, सरकार ने इनमें सरकारी दिमाग लगाना शुरू कर दिया है। राज्य बजट में ग्रेड थर्ड के 54 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की है। लेकिन, इन्हें हाल ही में 35 हजार पदों के लिए कराई गई रीट परीक्षा में ही मर्ज करने की तैयारी है।
शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा में 19 हजार पद और बढ़ा दिए जाएंगे। बेरोजगार युवा साफ तौर से धोखाधड़ी बता रहे हैं। क्योंकि-लाखों स्टूडेंट्स जो इस साल एसएसटी व बीएड करेंगे, वे इस परीक्षा से वंचित रह गए। सरकार ने बजट घोषणा में यह जिक्र नहीं किया था कि वर्तमान 35 हजार पदों की भर्ती के साथ इसे जोड़ा जाएगा। असल में, सरकार को डर है कि विधानसभा चुनाव में करीब छह महीने का वक्त ही उनके पास बचा है। ऐसे में अगर 54 हजार नए पदों की भर्ती के लिए तैयारी करेंगे तो उसमें वक्त लग सकता है। इसलिए सरकार ने चुपके से वर्तमान पदों में ही बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है। सरकार की मंशा पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि-चार साल में 93 हजार भर्तियों को ही पूरा नहीं किया जा सका है। पिछली सरकार की 76 हजार और वर्तमान सरकार की 18 हजार भर्तियां अभी तक लंबित हैं। इसका मतलब यह है कि 1460 दिनों में सरकार जो अटकी भर्तियां पूरी नहीं कर सकी। वह 180 दिनों में 1.8 लाख भर्तियां कैसे पूरी करेगी। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार को करीब 180 दिन ही मिलेंगे। जाहिर है कि सरकार को हर दिन करीब 600 नौकरी देनी पड़ेगी। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि सरकार ने घोषणाएं तो की, लेकिन यह पूरी कैसे होगी, इस पर संशय है।
क्या भाजपा सरकार नर्सिंग भर्तियों और सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती की घोषणा को भी पुराने से नया करेगी?
...क्योंकि-कांग्रेस सरकार की भर्ती, इसलिए अटकी
नर्सिंग भर्ती : नर्सिंग भर्ती 2013 की 6778 एएएनएम व 4648 जीएनएम के पदों पर भर्ती की घोषणा थी। पूरा मामला ठंडे बस्ते में है।
विद्यालय सहायक : 33 हजार पदों की भर्ती आज तक नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले का हल नहीं निकाला जा रहा।
पंचायतीराज एलडीसी : 9128 पदों की भर्ती अभी तक पूरी नहीं हुई।
आयुर्वेद नर्सिंग : 953 पदों के लिए होने वाली इस भर्ती में पदों में कटौती कर दी गई है। नियुक्ति प्रक्रिया अटकी है।
एसएसआर भर्ती : 2013 की भर्ती 4913 पदों के लिए होनी थी, लेकिन पंचायतीराज विभाग में लंबित है।
कृषि पर्यवेक्षक : 257 पदों की भर्ती का मामला भी ठंडे बस्ते में ही दबा हुआ है।
चिकित्सा विभाग : 9407 पदों की भर्ती का मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
भर्तियों में पांच साल की छूट देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक वह भी पूरा नहीं हुआ
एक लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती की घोषणा पर सवाल उठने की एक बड़ी वजह यह भी है। सरकार के चार साल पूरे होने पर 13 दिसंबर को सरकारी भर्तियों में सामान्य वर्ग को अधिकतम आयु सीमा में 5 साल की छूट देने का ऐलान किया था। इस घोषणा को दो माह हो गए हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की है। इसकी वजह से संस्कृत शिक्षा विभाग में निकाली गई 571 पदों की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट नहीं मिल सकी है। नौकरियों में सामान्य वर्ग की अधिकतम आयु सीमा 35 साल है। इसमें 5 साल की छूट देकर इसको 40 साल करने का ऐलान किया था। गुर्जरों को एमबीसी में 1 फीसदी आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। लंबे समय से सवर्णों के लिए आर्थिक आधार पर 14 फीसदी आरक्षण की मांग की जा रही है। सरकार कानूनी पेचीदगियों की वजह से इस आरक्षण को लागू नहीं कर सकती है। सवर्ण युवाओं को भी राजी रखने के लिए सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए सरकारी भर्तियों में सामान्य वर्ग की आयु सीमा 5 साल बढ़ाने का ऐलान किया था। अधिसूचना नहीं निकलने से फायदा नहीं मिल रहा।
हर दिन 600 पदों पर नियुक्ति दी जाए, तब ही छह महीने में एक लाख पदों पर हो सकती है भर्तियां
सरकार ने राज्य बजट में 1.8 लाख से ज्यादा पदों के लिए भर्तियों की घोषणा की है, लेकिन यह पूरी कैसे होगी। इसे लेकर बेरोजगार युवा लगातार सवाल पूछ रहे हैं। सबसे ज्यादा 77 हजार भर्तियाें की घोषणा शिक्षा विभाग में की गई है। इसके अलावा 1161 पुलिस, दो हजार पटवारी और एक हजार नर्सिंग के पद हैं। वहीं, 11923 पदों पर भर्ती प्रशासनिक सुधार विभाग में कराने का दावा है।
ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती : 54 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की, लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि रीट के वर्तमान 35 हजार पदों में ही 19 हजार पद जोड़कर ही भर्ती कराई जाएगी।
सैकंड ग्रेड : नौ हजार पदों पर भर्ती की बात कही गई है। बेरोजगार का तर्क है, सरकार वर्तमान सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती में ही जोड़कर पूरा करेगी या फिर पुरानी भर्ती को ही नई भर्ती बता दिया जाएगा।
पीटीआई : 4500 पदों पर ग्रेड थर्ड पीटीआई की भर्ती की घोषणा भी की गई है। लेकिन, सरकार लंबे समय से इसके लिए प्रयास नहीं कर रही थी। अचानक भर्ती कैसे होगी।
संस्कृत : संस्कृत शिक्षा विभाग में 1500 पदों पर भर्ती होगी। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार की पुरानी भर्ती को अब नए सिरे से शुरू करके इसे भी नई भर्ती बताकर शुरू करेगी।
प्रधानाध्यापक : माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के 1200 पदों पर भर्ती होगी। दिलचस्प यह है कि प्रधानाध्यापकों की भर्ती सीधे तो होती ही नहीं है। ऐसे में इस पर सवाल उठ रहे हैं।
नर्सिंग : एक हजार पदों पर नर्सिंगकर्मियों की भर्ती होगी। नर्सिंग सैकंड ग्रेड के 4514 अौर 5558 पदों पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती की घोषणा की है।
प्रयोगशाला : प्रयोगशाला सहायक के 1200 पदों पर भर्ती की घोषणा भी की गई है। इसे लेकर लंबे समय से मांग हो रही थी।
पुलिस : 1161 पुलिस कर्मियों की भर्ती की बात कही गई है, लेकिन कांस्टेबल भर्ती अभी पूरी नहीं हो सकी है।
पटवारी भर्ती : सरकार ने दो हजार पटवारी भर्ती की घोषणा तो की है, लेकिन कम समय में इसे पूरी कराना बड़ी चुनौती है।
...भाजपा सरकार की भर्तियां हैं, लेकिन कोशिश धीरे-धीरे
सैकंड ग्रेड शिक्षक : 2016 की सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती का रिजल्ट निकालना शुरू कर दिया है। यह 9568 पदों के लिए होनी है।
जेल प्रहरी : 2016 में 6045 पदों की भर्ती अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया में ही अटकी हुई है। इसे लेकर कोई उम्मीद नजर नहीं है।
रीट : रीट के जरिए 2016 की शिक्षक भर्ती में कई पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया बाकी है। हालांकि इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
एसआई : 2016 की भर्ती 330 पदों के लिए थी। फार्म भरवा लिए गए, लेकिन अभी तक परीक्षा ही आयोजित नहीं कराई गई।
संस्कृत शिक्षा : संस्कृत शिक्षा विभाग में प्रथम व द्वितीय श्रेणी के 799 पदों के लिए भर्ती होनी है। करीब छह महीने पहले आरपीएससी को अभ्यर्थना भेजी थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
रीट परीक्षा : पेपर सुबह नौ बजे ही वाट्सएप पर वायरल था, जांच क्यों नहीं करा रही सरकार
11 फरवरी को हुई रीट परीक्षा में नौ लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लेकिन, भर्ती आंसर-की और रिजल्ट आने से पहले ही विवादों में आ गई है। आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित रीट के सैकंड लेवल का पेपर सुबह नौ बजे ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। जबकि परीक्षा सुबह दस बजे शुरू होनी थी। अभ्यर्थियों ने अलग-अलग जिलों के कलेक्टर को ज्ञापन देकर शिकायत भी की है। आरोप है कि पेपर जब वाट्सएप पर सुबह नौ बजे ही वायरल हो गया और वाट्सएप पर समय भी दिखा रहा था तो वह झूठ कैसे हो सकता है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार इस मामले को दबा रही है। इस मामले की जांच की जानी चाहिए। वाट्सएप पर पेपर वायरल होने से तैयारी करने वाले हजारों अभ्यर्थियों के साथ धोखा होगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए। ताकि ईमानदारी से तैयारी करके परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को नुकसान नहीं हो। सरकार के रुख के खिलाफ हजारों अभ्यर्थियों का गुस्सा सोशल मीडिया पर भी निकल रहा है, लेकिन सरकार जांच कमेटी बनाने को लेकर भी गंभीर नहीं दिख रही।
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