स्टाफिंगपैटर्न के नाम पर शिक्षा विभाग में शिक्षकों के पदस्थापन अपनाई गई
प्रक्रिया में दिन-ब-दिन घपले उजागर हो रहे हैं। बाबुओं अधिकारियों ने पूरी
तरह से नियमों को ताक पर रखकर काउंसिलिंग करने पर सवाल खड़े करते हुए
शिक्षकों ने अपनी आपत्तियां दर्ज कराई, मगर इनका निस्तारण तक नहीं किया।
एक दिन पहले हुई काउंसलिंग में तो इन बाब़ुओं अपनी सारी हदें ही पार कर दी। स्कूलों में पद नहीं होने के बाद भी शिक्षकों को पदस्थापन का आदेश थमा दिया। शिक्षक ज्वॉइन करने पहुंचे तो पता चला कि यह पद ही स्कूल में स्वीकृत नहीं है। आखिर में उनको डीईओ कार्यालय में ज्वॉइनिंग करनी पड़ी। ऐसे कई मामले सामने आए हैंं।
शिक्षा विभाग के बाबुओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर पदस्थापन की सूची जारी की है, जिसको लेकर समूचा शिक्षक जगत भी हैरान है। जिन स्कूलों में पद ही स्वीकृत नहीं है। इसके बाद भी शिक्षकों को उस विद्यालय में पदस्थापन दे दिया। शिक्षक जब स्कूल में पदस्थापन के लिए पहुंचे तो प्रिंसीपल ने ज्वाइन कराने से ही मना कर दिया। इसके बाद वापस डीईओ ऑफिस पहुंचे तो अधिकारियों के पास कोई ऑप्शन नहीं होने के चलते उनको डीईओ आफिस ही ज्वाइन करा दिया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि यह घपला सामने आने के बाद भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। बाबुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित हुई तो बदल दिया सब्जेक्ट
दलारामअध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांवलता खुर्द राेहट सामाजिक विज्ञान लेवल-2 में अधिशेष था। दोनों काउंसलिंग में अनुपस्थित रहने पर 9 जून 2016 को राउमावि ठंडी बेरी आमलिया बाली में पद स्थापित किया। परंतु उन्होंने आमलिया में ज्वांइन नहीं किया। दलाराम ने इसको लेकर परिवेदना दी गई। जिसमें दलाराम अपने आप को सामाजिक विज्ञान हिंदी का शिक्षक बताया। परिवेदना ठोस आधार नहीं होने के चलते निरस्त की गई। अधिकारियों बाब़ुओं ने अपनी मर्जी से सांवलता खुर्द में विषय विरुद्ध विज्ञान लेवल-2 पर पदस्थापित कर दिया। दैनिक भास्कर द्वारा इसको लेकर खबर प्रकाशित करने के बाद इस मामले का खुलासा होने पर आनन-फानन में 5 सितंबर को दलाराम को राउमावि जेतपुर रोहट में सामाजिक विज्ञान लेवल-2 पर पदस्थापित किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों बाबुओं को इस प्रकार से नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया है।
2. पद नहीं होने के बाद भी लगाया, इसके बाद वापस भेज दिया
सर्वोदयनगर में हिंदी लेवल 2 से अधिशेष शिक्षिका कमला शर्मा को राउमावि विद्यालय सोडावास में पद रिक्त नहीं हाेने के बाद भी पदस्थापन दे दिया। इसके बाद प्रिंसिपल ने ज्वाइन कराने से इनकार कर दिया। जब डीईओ ऑफिस पहुंची तो वही ज्वांइन करा दिया। इसके बाद वापस प्रारंभिक शिक्षा में भेज दिया।
3.पहले पद रिक्त बताया, इसके बाद भरा बता दिया
काउंसलिंगके दौरान सोजत रोड स्कूल में बाबुओं ने पहले रिक्त पद बता दिया। वही शिक्षकों के विरोध करने पर वापस पद को भरा बताते हुए अन्य स्कूलों में खाली पदों के बारे में बता दिया। इस प्रकार बाब़ुओं अपनी मर्जी से जो चाहा कर दिया।
1. स्कूल में पद नहीं, इसके बाद भी कर दिया पदस्थापन
एकदिन पहले हुई काउंसलिंग में बाबुओं ने राउप्रावि विद्यालय बोमादड़ा में कार्यरत लेवल 1 की शिक्षिका मंजुला जोशी को बांगड़ स्कूल में पद नहीं होने के बाद भी काउंसलिंग के करके पदस्थापित कर दिया। चौकन्ने वाली बात यह कि जब शिक्षिका मंजुला बांगड़ स्कूल में ज्वाइन करने के लिए पहुंची तो प्रिंसिपल गजेंद्र दवे ने स्कूल में लेवल प्रथम का पद नहीं होने की बात कहते हुए शिक्षिका को ज्वाइन कराने से ही मना कर दिया। अब शिक्षिका वापस डीईओ ऑफिस पहुंची और डीईओ के सामने पूरे घटनाक्रम को बताया। लेकिन इसके बाब़ुओं ने मामले को दबाने के लिए डीईओ ऑफिस में शिक्षकों को ज्वाइन कर दिया। इसी तरह एक शिक्षक का भी किसी स्कूल में पद नहीं होते हुए भी पदस्थापन कर दिया। इसके बाद पता चलने पर आनन-फानन में अन्य स्कूल में ज्वांइन करा दी।
आखिर क्यों नहीं होती इन बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई
इतनेबड़े स्तर नियमों को ताक पर रखकर जिस प्रकार ने शिक्षा विभाग के बाबुओं ने इन काउंसलिंग को अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया। इसके बाद भी इनकी करतूतें सामने आने के बाद भी अधिकारी इन बाब़ुओं पर कार्रवाई करना तो दूर की बात अब तक नोटिस तक जारी नहीं कर रहे है।
^ काउंसलिंग को लेकर जो भी गड़बडिय़ां हुई है। इसको लेकर आज ही दोषियों के खिलाफ जांच करके कार्रवाई करुंगा। चाहे दोषी कोई भी हो कार्रवाई तो होगी। -नवलसिंह राठौड़, डीईओ माध्यमिक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
एक दिन पहले हुई काउंसलिंग में तो इन बाब़ुओं अपनी सारी हदें ही पार कर दी। स्कूलों में पद नहीं होने के बाद भी शिक्षकों को पदस्थापन का आदेश थमा दिया। शिक्षक ज्वॉइन करने पहुंचे तो पता चला कि यह पद ही स्कूल में स्वीकृत नहीं है। आखिर में उनको डीईओ कार्यालय में ज्वॉइनिंग करनी पड़ी। ऐसे कई मामले सामने आए हैंं।
शिक्षा विभाग के बाबुओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर पदस्थापन की सूची जारी की है, जिसको लेकर समूचा शिक्षक जगत भी हैरान है। जिन स्कूलों में पद ही स्वीकृत नहीं है। इसके बाद भी शिक्षकों को उस विद्यालय में पदस्थापन दे दिया। शिक्षक जब स्कूल में पदस्थापन के लिए पहुंचे तो प्रिंसीपल ने ज्वाइन कराने से ही मना कर दिया। इसके बाद वापस डीईओ ऑफिस पहुंचे तो अधिकारियों के पास कोई ऑप्शन नहीं होने के चलते उनको डीईओ आफिस ही ज्वाइन करा दिया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि यह घपला सामने आने के बाद भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। बाबुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित हुई तो बदल दिया सब्जेक्ट
दलारामअध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांवलता खुर्द राेहट सामाजिक विज्ञान लेवल-2 में अधिशेष था। दोनों काउंसलिंग में अनुपस्थित रहने पर 9 जून 2016 को राउमावि ठंडी बेरी आमलिया बाली में पद स्थापित किया। परंतु उन्होंने आमलिया में ज्वांइन नहीं किया। दलाराम ने इसको लेकर परिवेदना दी गई। जिसमें दलाराम अपने आप को सामाजिक विज्ञान हिंदी का शिक्षक बताया। परिवेदना ठोस आधार नहीं होने के चलते निरस्त की गई। अधिकारियों बाब़ुओं ने अपनी मर्जी से सांवलता खुर्द में विषय विरुद्ध विज्ञान लेवल-2 पर पदस्थापित कर दिया। दैनिक भास्कर द्वारा इसको लेकर खबर प्रकाशित करने के बाद इस मामले का खुलासा होने पर आनन-फानन में 5 सितंबर को दलाराम को राउमावि जेतपुर रोहट में सामाजिक विज्ञान लेवल-2 पर पदस्थापित किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों बाबुओं को इस प्रकार से नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया है।
2. पद नहीं होने के बाद भी लगाया, इसके बाद वापस भेज दिया
सर्वोदयनगर में हिंदी लेवल 2 से अधिशेष शिक्षिका कमला शर्मा को राउमावि विद्यालय सोडावास में पद रिक्त नहीं हाेने के बाद भी पदस्थापन दे दिया। इसके बाद प्रिंसिपल ने ज्वाइन कराने से इनकार कर दिया। जब डीईओ ऑफिस पहुंची तो वही ज्वांइन करा दिया। इसके बाद वापस प्रारंभिक शिक्षा में भेज दिया।
3.पहले पद रिक्त बताया, इसके बाद भरा बता दिया
काउंसलिंगके दौरान सोजत रोड स्कूल में बाबुओं ने पहले रिक्त पद बता दिया। वही शिक्षकों के विरोध करने पर वापस पद को भरा बताते हुए अन्य स्कूलों में खाली पदों के बारे में बता दिया। इस प्रकार बाब़ुओं अपनी मर्जी से जो चाहा कर दिया।
1. स्कूल में पद नहीं, इसके बाद भी कर दिया पदस्थापन
एकदिन पहले हुई काउंसलिंग में बाबुओं ने राउप्रावि विद्यालय बोमादड़ा में कार्यरत लेवल 1 की शिक्षिका मंजुला जोशी को बांगड़ स्कूल में पद नहीं होने के बाद भी काउंसलिंग के करके पदस्थापित कर दिया। चौकन्ने वाली बात यह कि जब शिक्षिका मंजुला बांगड़ स्कूल में ज्वाइन करने के लिए पहुंची तो प्रिंसिपल गजेंद्र दवे ने स्कूल में लेवल प्रथम का पद नहीं होने की बात कहते हुए शिक्षिका को ज्वाइन कराने से ही मना कर दिया। अब शिक्षिका वापस डीईओ ऑफिस पहुंची और डीईओ के सामने पूरे घटनाक्रम को बताया। लेकिन इसके बाब़ुओं ने मामले को दबाने के लिए डीईओ ऑफिस में शिक्षकों को ज्वाइन कर दिया। इसी तरह एक शिक्षक का भी किसी स्कूल में पद नहीं होते हुए भी पदस्थापन कर दिया। इसके बाद पता चलने पर आनन-फानन में अन्य स्कूल में ज्वांइन करा दी।
आखिर क्यों नहीं होती इन बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई
इतनेबड़े स्तर नियमों को ताक पर रखकर जिस प्रकार ने शिक्षा विभाग के बाबुओं ने इन काउंसलिंग को अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया। इसके बाद भी इनकी करतूतें सामने आने के बाद भी अधिकारी इन बाब़ुओं पर कार्रवाई करना तो दूर की बात अब तक नोटिस तक जारी नहीं कर रहे है।
^ काउंसलिंग को लेकर जो भी गड़बडिय़ां हुई है। इसको लेकर आज ही दोषियों के खिलाफ जांच करके कार्रवाई करुंगा। चाहे दोषी कोई भी हो कार्रवाई तो होगी। -नवलसिंह राठौड़, डीईओ माध्यमिक
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