दौसा ग्रामीण | पढ़ाई के लिए वर्षों से सरकारी स्कूलों के गिरते स्तर को
लेकर अभिभावकों के मन में जगह करके बैठे मानस को खारिज करने के साथ साथ
अभिभावकों असलियत बताने के लिए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा
कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
शिक्षकों को सौंपे नामांकन के लक्ष्य को
पूरा करने के लिए शिक्षक घर घर जाकर अभिभावकों के सामने शिक्षा के स्तर में
आए बदलाव व सरकारी स्कूलों को गिरी साख को बढ़ाएं जाने के लिए नये नये
तरीके अपना रहे है। कहीं विभागीय अधिकारी बालकों के द्वारा रैली निकलवा रहे
है तो कहीं बालको व अभिभावकों को पर्चे बांटकर स्कूलों में बालको को
उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं ट्रेवल वाउचर, निशुल्क ड्रेस, पाठ्य पुस्तकों
के साथ साथ दी जाने वाली सुविधाओं के अलावा प्रशिक्षित शिक्षकों की खासियत
बताकर अभिभावकों से बालको को निजी स्कूलों में भर्ती नहीं कराकर सरकारी
स्कूल में ही भर्ती कराए जाने की गुहार कर रहे है। राजकीय सीनियर माध्यमिक
विद्यालय द्वारा प्रचार सामग्री प्रकाशित करवाई है। इसमें बताया है कि
विद्यालय में बेटियों के आगे बढ़ने और पढ़ने के संपूर्ण अवसर है। प्रचार
सामग्री में खेल शैक्षणिक,सह शैक्षणिक,गतिविधियों के अलावा परिणाम को भी
बेहतर बताया गया है। साथ ही शिक्षकों की शैक्षणिक, व अशैक्षणिक योग्यता का
भी उल्लेख किया गया है।कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में अव्वल आने के बाद ही
शिक्षक बने है। प्रचार सामग्री में सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को दिए
जाने वाले गार्गी पुरस्कार ,आपणी बेटी योजना, निशुल्क साइकिलें, ट्रांसफर
वाउचर, और छात्रवृति जैसी कई सुविधाओं का जिक्र किया गया है।
प्रधानाचार्य गोपाल लाल मीणा का कहना है कि विद्यालय में कार्यरत
प्रत्येक शिक्षक को 20/20 बालकों का नामांकन दर्ज कराने का लक्ष्य सौंपा
गया है। अब तक 56 बालको को प्रवेश दिया जा चुका है। इस दौरान नंदलाल मीणा,
निर्मला शर्मा सहित अनेक शिक्षक मौजूद थे।
दौसा ग्रामीण. तिलक लगाकर बालकों को प्रवेश देते।
दौसा ग्रामीण | पढ़ाई के लिए वर्षों से सरकारी स्कूलों के गिरते स्तर को
लेकर अभिभावकों के मन में जगह करके बैठे मानस को खारिज करने के साथ साथ
अभिभावकों असलियत बताने के लिए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा
कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। शिक्षकों को सौंपे नामांकन के लक्ष्य को
पूरा करने के लिए शिक्षक घर घर जाकर अभिभावकों के सामने शिक्षा के स्तर में
आए बदलाव व सरकारी स्कूलों को गिरी साख को बढ़ाएं जाने के लिए नये नये
तरीके अपना रहे है। कहीं विभागीय अधिकारी बालकों के द्वारा रैली निकलवा रहे
है तो कहीं बालको व अभिभावकों को पर्चे बांटकर स्कूलों में बालको को
उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं ट्रेवल वाउचर, निशुल्क ड्रेस, पाठ्य पुस्तकों
के साथ साथ दी जाने वाली सुविधाओं के अलावा प्रशिक्षित शिक्षकों की खासियत
बताकर अभिभावकों से बालको को निजी स्कूलों में भर्ती नहीं कराकर सरकारी
स्कूल में ही भर्ती कराए जाने की गुहार कर रहे है। राजकीय सीनियर माध्यमिक
विद्यालय द्वारा प्रचार सामग्री प्रकाशित करवाई है। इसमें बताया है कि
विद्यालय में बेटियों के आगे बढ़ने और पढ़ने के संपूर्ण अवसर है। प्रचार
सामग्री में खेल शैक्षणिक,सह शैक्षणिक,गतिविधियों के अलावा परिणाम को भी
बेहतर बताया गया है। साथ ही शिक्षकों की शैक्षणिक, व अशैक्षणिक योग्यता का
भी उल्लेख किया गया है।कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में अव्वल आने के बाद ही
शिक्षक बने है। प्रचार सामग्री में सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को दिए
जाने वाले गार्गी पुरस्कार ,आपणी बेटी योजना, निशुल्क साइकिलें, ट्रांसफर
वाउचर, और छात्रवृति जैसी कई सुविधाओं का जिक्र किया गया है।
प्रधानाचार्य गोपाल लाल मीणा का कहना है कि विद्यालय में कार्यरत
प्रत्येक शिक्षक को 20/20 बालकों का नामांकन दर्ज कराने का लक्ष्य सौंपा
गया है। अब तक 56 बालको को प्रवेश दिया जा चुका है। इस दौरान नंदलाल मीणा,
निर्मला शर्मा सहित अनेक शिक्षक मौजूद थे।
दौसा ग्रामीण | पढ़ाई के लिए वर्षों से सरकारी स्कूलों के गिरते स्तर को
लेकर अभिभावकों के मन में जगह करके बैठे मानस को खारिज करने के साथ साथ
अभिभावकों असलियत बताने के लिए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा
कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। शिक्षकों को सौंपे नामांकन के लक्ष्य को
पूरा करने के लिए शिक्षक घर घर जाकर अभिभावकों के सामने शिक्षा के स्तर में
आए बदलाव व सरकारी स्कूलों को गिरी साख को बढ़ाएं जाने के लिए नये नये
तरीके अपना रहे है। कहीं विभागीय अधिकारी बालकों के द्वारा रैली निकलवा रहे
है तो कहीं बालको व अभिभावकों को पर्चे बांटकर स्कूलों में बालको को
उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं ट्रेवल वाउचर, निशुल्क ड्रेस, पाठ्य पुस्तकों
के साथ साथ दी जाने वाली सुविधाओं के अलावा प्रशिक्षित शिक्षकों की खासियत
बताकर अभिभावकों से बालको को निजी स्कूलों में भर्ती नहीं कराकर सरकारी
स्कूल में ही भर्ती कराए जाने की गुहार कर रहे है। राजकीय सीनियर माध्यमिक
विद्यालय द्वारा प्रचार सामग्री प्रकाशित करवाई है। इसमें बताया है कि
विद्यालय में बेटियों के आगे बढ़ने और पढ़ने के संपूर्ण अवसर है। प्रचार
सामग्री में खेल शैक्षणिक,सह शैक्षणिक,गतिविधियों के अलावा परिणाम को भी
बेहतर बताया गया है। साथ ही शिक्षकों की शैक्षणिक, व अशैक्षणिक योग्यता का
भी उल्लेख किया गया है।कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में अव्वल आने के बाद ही
शिक्षक बने है। प्रचार सामग्री में सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को दिए
जाने वाले गार्गी पुरस्कार ,आपणी बेटी योजना, निशुल्क साइकिलें, ट्रांसफर
वाउचर, और छात्रवृति जैसी कई सुविधाओं का जिक्र किया गया है।
प्रधानाचार्य गोपाल लाल मीणा का कहना है कि विद्यालय में कार्यरत
प्रत्येक शिक्षक को 20/20 बालकों का नामांकन दर्ज कराने का लक्ष्य सौंपा
गया है। अब तक 56 बालको को प्रवेश दिया जा चुका है। इस दौरान नंदलाल मीणा,
निर्मला शर्मा सहित अनेक शिक्षक मौजूद थे।
दौसा ग्रामीण | पढ़ाई के लिए वर्षों से सरकारी स्कूलों के गिरते स्तर को
लेकर अभिभावकों के मन में जगह करके बैठे मानस को खारिज करने के साथ साथ
अभिभावकों असलियत बताने के लिए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा
कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। शिक्षकों को सौंपे नामांकन के लक्ष्य को
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आए बदलाव व सरकारी स्कूलों को गिरी साख को बढ़ाएं जाने के लिए नये नये
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बताकर अभिभावकों से बालको को निजी स्कूलों में भर्ती नहीं कराकर सरकारी
स्कूल में ही भर्ती कराए जाने की गुहार कर रहे है। राजकीय सीनियर माध्यमिक
विद्यालय द्वारा प्रचार सामग्री प्रकाशित करवाई है। इसमें बताया है कि
विद्यालय में बेटियों के आगे बढ़ने और पढ़ने के संपूर्ण अवसर है। प्रचार
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प्रधानाचार्य गोपाल लाल मीणा का कहना है कि विद्यालय में कार्यरत
प्रत्येक शिक्षक को 20/20 बालकों का नामांकन दर्ज कराने का लक्ष्य सौंपा
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निर्मला शर्मा सहित अनेक शिक्षक मौजूद थे।
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