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लोकसभा उपचुनाव की चिंता; चार साल से अटकी भर्तियों की रुकावटें 10 दिन में दूर करने की तैयारी में है सरकार

सीकर. राजस्थान बेरोजगारों का प्रदेश बनता जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, प्रदेश में 77,413 पदों की भर्तियां कोर्ट में अटकी होना। लोकसभा चुनाव के उपचुनाव में कांग्रेस के इसे मुद्दा बनाने के बाद सरकार भी हरकत में आई है। इन पदों की भर्तियों से 10 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है। अजमेर व अलवर में बेरोजगार संघ भी चुनाव मैदान में कूद चुका है। मुख्यमंत्री ने इन भर्तियों की सभी रुकावटों को 10 दिन में दूर कर नियुक्तियां देने के निर्देश जारी किए हैं।

दिलचस्प यह है कि 61,800 पदों पर नियुक्तियां हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अटकी हुई हैं। यह सभी भर्तियां कांग्रेस कार्यकाल की हैं। जबकि 15,613 भर्तियां भाजपा सरकार के कार्यकाल की हैं। सरकार पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पहले यह कहा जा रहा था कि आरपीएससी में चेयरमैन का पद खाली है। इस पद पर नियुक्ति भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। जबकि लोक सेवा आयोग भी इस साल का भर्ती कैलेंडर जारी कर चुका है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ कई महीनों से आंदोलन कर रहा है। उपचुनावों में सरकार के खिलाफ बेरोजगार महासंघ ने प्रत्याशी भी उतारे थे, लेकिन सरकार की नजरअंदाजी को देखते हुए बेरोजगारों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी।
प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि सरकार ने बेरोजगारों के साथ धोखा किया है और उपचुनावों में बेरोजगार सरकार को हराकर ट्रेलर दिखाएंगे और फिल्म 2018 में दिखाएंगे।
कांग्रेस और भाजपा सरकार की लड़ाई में फंसे 10 लाख बेरोजगार
विद्यालय सहायक : 33 हजार पदों के लिए भर्ती साल 2013 में निकाली गई थी। अभी तक नियुक्ति नहीं मिली। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी तक नहीं कराई।
आरपीएससी एलडीसी :आरपीएससी की ओर से सात हजार पदों पर एलडीसी भर्ती निकाली थी। कुछ जगह गड़बड़ी सामने आने के बाद से यह भर्ती अभी तक अटकी हुई है।
एएनएन व जीएनएम : इन पदों के लिए भी साल 2013 में भर्ती निकाली गई थी। करीब 12600 पदों की भर्ती भी आरक्षण के मसले के बाद से अटकी हुई है। कोर्ट में भी सरकार ठीक तरीके से पैरवी नहीं कर रही।
रीट सैकंड लेवल : रीट परीक्षा का परिणाम भी अभी तक अटका हुआ है। 6047 पदों के लिए एक लाख से ज्यादा बेरोजगार भाजपा सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं।
सैकंड ग्रेड :सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती भाजपा सरकार ने निकाली थी। 1568 पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है। कई अभ्यर्थी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। इस भर्ती के लिए आठ लाख बेरोजगारों ने आवेदन किया था।
एलडीसी :9700 पदों की भर्ती साल 2013 में निकाली थी। पंचायत राज मंत्री व अधिकारियों की आपसी लड़ाई में कोई भी इस भर्ती पर ध्यान नहीं दे रहा और बेरोजगार सिर्फ चक्कर लगाने को
मजबूर हैं।
संस्कृत शिक्षा :1821 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा की कट ऑफ अभी तक जारी नहीं हुई है। सरकार से लगातार मांग उठा रहे हैं बेरोजगार अभ्यर्थी।
...और लोकसभा के उपचुनाव के बाद सरकार हरकत में कैसे आई 4 मामलों से समझें
1. ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती-2016 लेवल-2 नॉन टीएसपी अभ्यर्थियों ने स्कूल शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवाल से मुलाकात की। अभ्यर्थियों ने रिजल्ट जारी करने की मांग की थी। गंगवार ने कहा कि दस दिन में रिजल्ट जारी किया जाएगा। रिजल्ट तैयार हो चुका है। जिलों का आवंटन बाकी है।
2. संस्कृत शिक्षा में भर्तियों का रास्ता खुलता नजर आ रहा है। निर्वाचन विभाग ने भर्तियों को लेकर सरकार को अनुमति दे दी है। रीट फर्स्ट लेवल के पदों पर जल्द रिजल्ट जारी करने की अनुमति दे दी है।
3. सैकंड लेवल की विज्ञप्ति भी जल्द जारी होने की संभावना खुल गई है। निर्वाचन विभाग से अनुमति मिलने के बाद संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह तक विज्ञप्ति जारी हो सकेगी।
4. रीट के जरिए इस साल 35 हजार पदों पर होने वाली भर्ती काे लेकर सरकार ने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि 11 फरवरी 2018 को होने वाली परीक्षा में किसी तरह की रुकावट नहीं आनी चाहिए। परीक्षा में 9.50 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे।

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