चित्तौडग़ढ़। जिले में हर बालिका को शिक्षा से जोडऩे की पहल आगामी सन् 2018 तक हर स्कूल जाने के योग्य बालिका को शिक्षा से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया हैं। जनप्रतिनिधि, समाज, प्रशासन व जन-जन की भागीदारी से नववर्ष के आरम्भ से ”उड़ानÓÓ अभियान का आगाज जिले में किया गया हैं।
जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह ने मंगलवार को मीडिया आमुखीकरण चर्चा के दौरान बताया कि इस अभियान के तहत आंगनवाड़ी से माध्यमिक विद्यालय स्तर तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराने को लेकर समग्र प्रयास किये जायेंगे। अभियान के तहत जनवरी से ही स्कूल वंचित बालिकाओं को जोडऩे के लिये घर-घर सर्वे किया जायेगा, जो प्रवेशोत्सव की पूर्व तैयारी की ठोस कार्ययोजना होगा। अभियान की सफलता के लिये अग्रणी स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाली संस्थाओं, संगठनों एवं सेवानिवृत अनुभवी शिक्षकों, गणमान्य लोगों के सुझाव एवं सेवाओं को साझा किया जायेगा। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के सभी ब्लॉक्स में 65 करोड़ की लागत से आदर्श विद्यालयों की स्थापना के लक्ष्य को गुणवत्ता के साथ पूरे करने, शिक्षण संस्थाओं विशेषकर सरकारी विद्यालयों के शिक्षक समुदाय को सेमीनार, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से बच्चों को रूचिवद्र्धक एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे।
सारथी योजना से बालिका स्वास्थ्य को मिलेगा बल – जिले में महिला सशक्तीकरण अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी में नारी शक्ति के स्वास्थ्य को लेकर अभिनव पहल ”सारथीÓÓ योजना के रूप मे की जा रही हैं। जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि इसमें बालिका, शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य पर सर्वाधिक ध्यान दिया जायेगा।
जिला कलक्टर ने जिले में संस्थागत प्रसव का 78 फीसदी ही होना चिंतनीय बताते हुए कहा कि संस्थागत प्रसव न होने से प्रोत्साहन राशि से वंचित रहने के साथ ही सरकार की अन्य महत्वपूर्ण जननी-शिशु स्वास्थ्य एंव प्रोत्साहनकारी योजनाओं के लाभ से भी अनेक परिवार वंचित रह जाते हैं। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नथमल डिडेल, अति कलक्टर सुरेश चन्द्र, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे.सी. हेड़ा, नगरविकास न्यास सचिव सी.डी. चारण, उप वन संरक्षक एस.पी. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. इन्द्रजीत सिंह सहित शिक्षा एवं विभागीय अधिकारीगण भी मौजूद थे।
जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह ने मंगलवार को मीडिया आमुखीकरण चर्चा के दौरान बताया कि इस अभियान के तहत आंगनवाड़ी से माध्यमिक विद्यालय स्तर तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराने को लेकर समग्र प्रयास किये जायेंगे। अभियान के तहत जनवरी से ही स्कूल वंचित बालिकाओं को जोडऩे के लिये घर-घर सर्वे किया जायेगा, जो प्रवेशोत्सव की पूर्व तैयारी की ठोस कार्ययोजना होगा। अभियान की सफलता के लिये अग्रणी स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाली संस्थाओं, संगठनों एवं सेवानिवृत अनुभवी शिक्षकों, गणमान्य लोगों के सुझाव एवं सेवाओं को साझा किया जायेगा। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के सभी ब्लॉक्स में 65 करोड़ की लागत से आदर्श विद्यालयों की स्थापना के लक्ष्य को गुणवत्ता के साथ पूरे करने, शिक्षण संस्थाओं विशेषकर सरकारी विद्यालयों के शिक्षक समुदाय को सेमीनार, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से बच्चों को रूचिवद्र्धक एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे।
सारथी योजना से बालिका स्वास्थ्य को मिलेगा बल – जिले में महिला सशक्तीकरण अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी में नारी शक्ति के स्वास्थ्य को लेकर अभिनव पहल ”सारथीÓÓ योजना के रूप मे की जा रही हैं। जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि इसमें बालिका, शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य पर सर्वाधिक ध्यान दिया जायेगा।
जिला कलक्टर ने जिले में संस्थागत प्रसव का 78 फीसदी ही होना चिंतनीय बताते हुए कहा कि संस्थागत प्रसव न होने से प्रोत्साहन राशि से वंचित रहने के साथ ही सरकार की अन्य महत्वपूर्ण जननी-शिशु स्वास्थ्य एंव प्रोत्साहनकारी योजनाओं के लाभ से भी अनेक परिवार वंचित रह जाते हैं। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नथमल डिडेल, अति कलक्टर सुरेश चन्द्र, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे.सी. हेड़ा, नगरविकास न्यास सचिव सी.डी. चारण, उप वन संरक्षक एस.पी. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. इन्द्रजीत सिंह सहित शिक्षा एवं विभागीय अधिकारीगण भी मौजूद थे।