भीलवाड़ा. जिले की पांच बेटियों का आरएएस मुख्य परीक्षा में
चयन हुआ है। इनमें दो शिक्षिकाएं हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर में भी समाज में
कुछ अलग हटकर करने की चाहत थी इसलिए प्रशासनिक सेवा को मकसद बना लिया। वे
कामयाब हो गई लेकिन चाहती हैं रैंक में और सुधार हो। इसलिए प्रयास जारी है।
एक सफल अभ्यर्थी पंचायत समिति में कर्मचारी है। दो युवाओं ने भी इस
प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में की शारीरिक शिक्षिका संगीता व्यास
को दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। संगीता ने 2007 में भी परीक्षा दी
थी। नौकरी में रहते हुए प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य रखा। उपनगर पुर
की रहने वाली संगीता के पिता दामोदरलाल व्यास सेवानिवृत शिक्षक हैं। बड़ी
बहन अंग्रेजी पढ़ाती हैं। पति अजय शर्मा निजी कंपनी में लेखाकार थे। जिनका
2015 में असामयिक निधन हो गया। वे अभी मंगरोप के गर्ल्स स्कूल में पीटीआई
हैं। आरएएस मुख्य परीक्षा के लिए दो माह की जोधपुर से कोचिंग की। उनकी 16
वर्ष की बेटी 7 साल का बेटा है। संगीता वरीयता सूची (विधवा) में टॉप-10 में
है।
परिस्थितियां कभी सफलता में बाधक नहीं रेखा, सड़क हादसे में पति को खोने वाली रेखा शर्मा ने पाई सफलता
हुरड़ा | पारिवारिक परिस्थितियां कभी सफलता में बाधक नहीं होतीं। इसी बात को सही साबित किया हुरड़ा की रेखा शर्मा ने। गुलाबपुरा की मयूर मिल में मजदूरी करने वाले दिनेशचंद शर्मा की पांच बेटियों में से दूसरे नंबर की रेखा का 2006 में किशनगढ़ में विवाह हुआ। शादी को चार साल ही हुए थे कि पीटीआई पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
हुरड़ा | पारिवारिक परिस्थितियां कभी सफलता में बाधक नहीं होतीं। इसी बात को सही साबित किया हुरड़ा की रेखा शर्मा ने। गुलाबपुरा की मयूर मिल में मजदूरी करने वाले दिनेशचंद शर्मा की पांच बेटियों में से दूसरे नंबर की रेखा का 2006 में किशनगढ़ में विवाह हुआ। शादी को चार साल ही हुए थे कि पीटीआई पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
तब
से माता-पिता के पास रह रही हैं। नन्हा बेटा भी साथ है। पंचायत समिति
हुरड़ा में सेवारत रहते हुए रूपाहेली के आयुर्वेदिक औषधालय में नियुक्ति हो
गई। तत्कालीन विकास अधिकारी डॉ. कमलेश उपाध्याय की प्रेरणा से रेखा ने
आरएएस की तैयारी की और पहले प्रयास में ही आरएएस 2013 में (विधवा) प्रथम
स्थान प्राप्त किया। नौकरी करते हुए उसने रोज 7-8 घंटे पढ़ाई की।
कम उम्र में अभिषेक शर्मा को कामयाबी
शाहपुरा | शाहपुरा से राजस्थान प्रशासनिक सेवा में तीन अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इनमें एक बेटी भी है। अभिषेक शर्मा का मेरिट में 26वां नंबर है। उनके पिता जगदीश शर्मा अध्यापक हैं तथा मां शारदा गृहिणी हैं। वे मूलतः बिशनिया के रहने वाले हैं। लंबे समय से शाहपुरा में ही रहते हैं। इनका कहना है कि सफलता के लिए तैयारी का समय तय करना चाहिए। इसी से आगे बढ़ने में कामयाबी हासिल होती है। शाहपुरा की बेटी दुर्गेश बैरवा का भी आरएएस में चयन हुआ है। दुर्गेश पूर्व बैंक मैनेजर लक्ष्मण बैरवा की बेटी तथा वर्तमान में एवीवीएनएल में एईएन धर्मराज बैरवा की प|ी है।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं : अनीता
आसींद | वकील लादूलाल गुर्जर की बेटी अनिता गुर्जर ने सामान्य वर्ग में 206 एसबीसी में राज्य दूसरा स्थान प्राप्त किया। अनिता का ससुराल टोंक जिले के कूकड़ गांव में है। अनिता 2011 से ही प्रयासरत थीं। इसी वर्ष वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा में चयन हुआ और देवरिया (शाहपुरा) में नियुक्ति मिली। 2012 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी। चयन का श्रेय पिता अध्यापिका मां गीता गुर्जर, छोटी बहन प्रियंका को देती हैं। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।
आसींद | वकील लादूलाल गुर्जर की बेटी अनिता गुर्जर ने सामान्य वर्ग में 206 एसबीसी में राज्य दूसरा स्थान प्राप्त किया। अनिता का ससुराल टोंक जिले के कूकड़ गांव में है। अनिता 2011 से ही प्रयासरत थीं। इसी वर्ष वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा में चयन हुआ और देवरिया (शाहपुरा) में नियुक्ति मिली। 2012 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी। चयन का श्रेय पिता अध्यापिका मां गीता गुर्जर, छोटी बहन प्रियंका को देती हैं। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।
इंजीनियरिंग करने के बाद निधि को पहले प्रयास में मिली सफलता
गुलाबपुरा | इंजीनियरिंग करने के बाद निधि कोठारी आरएएस में पहले प्रयास में सफल रही। वे पूना में एक आईटी कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे समाज के लिए कुछ अलग हटकर करना चाहती हैं। इसलिए प्रशासनिक सेवा में जाना तय किया। पिता महेंद्रकुमार कोठारी मूलतः डाबला वर्तमान में गुलाबपुरा रह रहे हैं। वे हिंदुस्तान जिंक में कार्यरत हैं। उन्हें सामान्य में 201वां तथा महिलाओं में 26वां स्थान मिला है। निधि ने बताया कि आरएएस 2016 प्री परीक्षा भी पास कर ली है। उसका फोकस अभी मुख्य परीक्षा पर है। इसके लिए जयपुर में तैयारी कर रही हैं। माता-पिता भी उसे बधाई देने जयपुर गए।
गुलाबपुरा | इंजीनियरिंग करने के बाद निधि कोठारी आरएएस में पहले प्रयास में सफल रही। वे पूना में एक आईटी कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे समाज के लिए कुछ अलग हटकर करना चाहती हैं। इसलिए प्रशासनिक सेवा में जाना तय किया। पिता महेंद्रकुमार कोठारी मूलतः डाबला वर्तमान में गुलाबपुरा रह रहे हैं। वे हिंदुस्तान जिंक में कार्यरत हैं। उन्हें सामान्य में 201वां तथा महिलाओं में 26वां स्थान मिला है। निधि ने बताया कि आरएएस 2016 प्री परीक्षा भी पास कर ली है। उसका फोकस अभी मुख्य परीक्षा पर है। इसके लिए जयपुर में तैयारी कर रही हैं। माता-पिता भी उसे बधाई देने जयपुर गए।
पहले भी हो चुका मनोज का चयन
शाहपुराके मनोज शर्मा की आरएएस परीक्षा में 194वीं रैंक बनी है। मनोज पहले भी इस प्रतिष्ठित सेवा में चयनित हो चुके थे। वे चयन का श्रेय मां विजय शाह को देते हैं।