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सरकार से उम्मीद लगाना बेकार, अब यह यूनिवर्सिटी बनाएगा अपना कैंपस कॉलेज

अजमेर। केवल स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और गिनने लायक विद्यार्थियों के भरोसे संचालित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अब खुद का कैंपस कॉलेज बनाएगा। प्रस्तावित स्नातक कॉलेज में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के कोर्स चलेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने जमीन चिन्हित कर ली है।
कुलपति ने राजस्थान स्टेट रोड डवेलपमेंट कॉरपॉरेशन को भवन का डिजाइन और योजना बनाने को कहा है।
1 अगस्त 1987 को स्थापित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में सिर्फ स्नातकोत्तर कोर्स संचालित हैं। इमें अर्थशास्त्र, हिंदी, संस्कृत वैदिक वांग्मय, राजनीति विज्ञान, प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री, बॉटनी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, पर्यावरण विज्ञान, खाद्य एवं पोषण, माइक्रोबायलॉजी, जनसंख्या अध्ययन, पत्रकारिता, रिमोट सेंसिंग, ईएएफएम, एबीएसटी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, एमसीए, एमबीए, एलएलएम और अन्य शामिल हैं। पिछले 31 साल से विद्यार्थियों का ग्राफ एक हजार से 1100 तक ही सिमटा हुआ है। एम.एस.सुखाडिय़ा, जयनारायण व्यास और राजस्थान विश्वविद्यालय की तरह कैंपस में विद्यार्थियों की चहल-पहल नहीं दिखती।
बनाएंगे खुद का स्नातक कॉलेज
कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने कैंपस में विद्यार्थियों की सीमित संख्या को देखते हुए स्नातक कॉलेज बनाने का फैसला किया है। इसके लिए अजमेर-पुष्कर रेल लाइन से सटी दूसरी तरफ की जमीन चिन्हित की गई है। दोनों तरफ आवाजाही के लिए रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण भी कराया जाएगा। इससे भविष्य में विद्यार्थियों, शिक्षकों और आगंतुकों को दोनों कैंपस में आने-जाने में सहूलियत होगी।
चलेंगे स्नातक स्तर के कोर्स
विश्वविद्यालय के कैंपस कॉलेज में स्नातक स्तर के नियमित और विशेष कोर्स चलेंगे। इनमें कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय के अलावा कौशल विकास, बैंकिंग, इंश्योरेंस कोर्स, शॉर्ट टर्म कोर्स चलाए जाएंगे। कॉलेज के लिए फेकल्टी की भर्ती होगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय के शिक्षक भी कक्षाएं ले सकेंगे।
आरएसआरडीसी को जिम्मा
विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजस्थान स्टेट रोड डवेलपमेंट कॉरपॉरेशन को कैंपस कॉलेज के भवन का डिजाइन और योजना बनाने का काम सौंपा है। इसके लिए सरकार से कोई बजट नहीं मांगा जाएगा। विश्वविद्यालय अपने वित्तीय स्त्रोत से कॉलेज भवन बनवाएगा। कमरे इतने बड़े होंगे, जिनमें सौ विद्यार्थी एक साथ बैठकर पढ़ सकेंगे। कॉलेज में खेल मैदान, मिनी ऑडिटेरियम, कम्प्यूटर लेब और अन्य सुविधाएं भी होंगी।
नहीं है कोई संघठक कॉलेज
राज्य में राजस्थान विश्वविद्यालय, उदयपुर के एम.एल. सुखाडिय़ा और जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के संघठक कॉलेज हैं। मदस विश्वविद्यालय का कोई संघठक कॉलेज नहीं है। हाल में प्रशासन ने लॉ कॉलेज की बदहाली को देखते हुए इसका अपना संघठक कॉलेज बनाने की योजना बनाई है। इसका विस्तृत प्रस्ताव बनाकर उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को भेजा जाएगा।


विश्वविद्यालय अपना कैंपस कॉलेज बनाएगा। इस स्नातक स्तरीय कॉलेज में नियमित और नए कोर्स चलेंगे। इससे विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या भी बढ़ेगी। जल्द इसका कामकाज शुरू कराएंगे। प्रो. विजय श्रीमाली, कुलपति मदस विश्वविद्यालय

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