जयपुर। लगातार मनमाने फैसले कर रही राज्य सरकार अब तबादलों में भी
भेदभाव करेगी। सिर्फ ऐसे कर्मचारियों को इच्छित स्थानों पर लगाएगी, जो
भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजन हैं। इस आशय के दो पत्र वायरल हो रहे हैं,
जिनमें तबादलों के लिए कार्यकर्ताओं से अनुशंसा मांगी गई है।
इनके हस्ताक्षर से जारी हुए पत्र
- पहला शिक्षा
राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के विशिष्ट सहायक भरतकुमार शर्मा के हस्ताक्षर
से। यह पत्र 16 फरवरी का है। राजस्थान पत्रिका ने इस संबंध में बात करने
के लिए उन्हें कई बार फोन किया मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया। वहीं देवनानी
ने कहा कि फोन पर कोई जवाब नहीं दूंगा।
- दूसरा राजस्थान जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण
पाटीदार के हस्ताक्षर से। पाटीदार ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में
स्वीकार किया, हां पत्र जारी कर पार्टी कार्यकर्ताओं से स्थानांतरण के
प्रस्ताव मांगे हैं।
यह लिखा है पत्र में
सरकार ने सर्वाधिक कर्मचारियों
वाले शिक्षा विभाग, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति सहित कुछ विभागों में
तबादलों के लिए अनुशंसाएं मांगी हैं। ये पत्र विधायकों व जिलाध्यक्षों को
भेजे गए हैं। पत्र से स्पष्ट है कि केवल बीजेपी के पदाधिकारियों, पूर्व
पदाधिकारियों या वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों के ही तबादले
किए जाएंगे। पत्र के अनुसार प्रारम्भिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग में
पदस्थापन के प्रस्ताव के लिए कार्मिक का नाम, पद, विषय, विभाग में प्रथम
नियुक्ति तिथि, वर्तमान पदस्थापन, जिला, वांछित विद्यालय/विद्यालयों के
नाम, कार्यकर्ता का नाम, कार्मिक से संबंध सहित अन्य जानकारी मांगी है। यह
तय प्रपत्र में भरकर ई-मेल करवाने की बात कही गई है।
इधर हजारों शिक्षक परेशान, लम्बे समय से कतार में
गौरतलब
है कि प्रदेश में हजारों शिक्षक-कर्मचारी लम्बे समय से तबादले की उम्मीद
लिए कतार में हैं। लेकिन अब वायरल हो रहे पत्र के अनुसार जिन कर्मचारियों
का भाजपा कार्यकर्ता के परिवार से सम्बन्ध नहीं है, उनकी उम्मीद इस बार भी
टूटेगी।
शिक्षक संगठन बोले, सरकार की तानाशाही
राज्य सरकार
के इस रवैये पर शिक्षक संगठनों ने कड़ा आक्रोश जताया है। राजस्थान शिक्षक
एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रवक्ता नारायण सिंह ने बताया कि यह
सरकार की तानाशाही है। पार्टी कार्यकर्ताओं को रिझाने के लिए सरकार उनके
सगे-संबंधियों को मनचाही जगह पर लगा रही है। राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक
शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिनप्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार
को सभी शिक्षकों से आवेदन लेने चाहिए। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ
प्रतिबंधित जिलों के स्थानांतरण भी खोलने चाहिए।
जनहित पर तुष्टिकरण हावी : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट
ने कहा कि भाजपा पदाधिकारियों से अपने रिश्तेदारों के स्थानान्तरण के लिए
विशेष प्रारूप में अभिशंसा मांगना नैतिक और कानूनी रूप से गलत है। सरकार के
मंत्री के कार्यालय से ऐसा पत्र भाजपा नेताओं के पास भेजना दर्शाता है कि
सरकार शिक्षकों व आमजन के हितों को दरकिनार कर रही है। इससे पहले भी भाजपा
कार्यालय में सुनवाई में आने वालों के लिए भाजपा पदाधिकारियों की अभिशंसा
लाना अनिवार्य किया गया था। विधानसभा की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती,
धौलपुर में पुलिस विभाग की भर्ती और पंचायत सहायक भर्ती में भी
भाई-भतीजावाद देखने को मिला है।
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