जयपुर: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की शेष रही परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी कर दिया गया
है. 18 जून से 30 जून तक इन परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा तो वहीं अब
परीक्षा आयोजन से पहले प्रदेशभर के शिक्षक संगठनों ने 7 जून तक कोरोना
वॉरियर्स के रूप में लगे शिक्षकों को मुक्त करने की शिक्षा मंत्री और
मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है.
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश के करीब डेढ़ लाख शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना वॉरियर्स के रूप में कई विभागों में लगी हुई है. शिक्षक संगठनों ने यह मांग विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को देखते हुए की है.
राजस्थान प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ नेता विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि 18 जून से शेष रही बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होनी है. ऐसे में जितने भी शिक्षक कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनको यदि 7 जून तक कार्यमुक्त किया जाता है तो वह 10 दिन तक होम आइसोलेशन में रह सकेंगे.
यदि इस दौरान किसी शिक्षक का स्वास्थ्य बिगड़ता है तो उसकी जानकारी मिल सकेगी. अगर शिक्षकों को सीधा कोरोना वॉरियर्स की ड्यूटी से स्कूलों में परीक्षा के लिए भेज दिया जाता है तो कोई शिक्षक अगर इस बीमारी से ग्रसित है तो विद्यार्थियों को भी खतरा बढ़ जाएगा. अगर शिक्षा विभाग के शिक्षकों को 10 दिन के होम आइसोलेशन का समय देता है तो इससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ने का खतरा नहीं रहेगा.
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश के करीब डेढ़ लाख शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना वॉरियर्स के रूप में कई विभागों में लगी हुई है. शिक्षक संगठनों ने यह मांग विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को देखते हुए की है.
राजस्थान प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ नेता विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि 18 जून से शेष रही बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होनी है. ऐसे में जितने भी शिक्षक कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनको यदि 7 जून तक कार्यमुक्त किया जाता है तो वह 10 दिन तक होम आइसोलेशन में रह सकेंगे.
यदि इस दौरान किसी शिक्षक का स्वास्थ्य बिगड़ता है तो उसकी जानकारी मिल सकेगी. अगर शिक्षकों को सीधा कोरोना वॉरियर्स की ड्यूटी से स्कूलों में परीक्षा के लिए भेज दिया जाता है तो कोई शिक्षक अगर इस बीमारी से ग्रसित है तो विद्यार्थियों को भी खतरा बढ़ जाएगा. अगर शिक्षा विभाग के शिक्षकों को 10 दिन के होम आइसोलेशन का समय देता है तो इससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ने का खतरा नहीं रहेगा.