अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की पेन डाउन
हड़ताल जारी रही। इससे कामकाज प्रभावित रहा। उधर दोपहर को सरकार ने वेतनमान
निर्धारण का पत्र भिजवाया। इसमें स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की जांच1
रिपोर्ट की पालना और आक्षेप अनुसार वेतनमान निर्धारण करने को कहा गया है।
सातवें वेतनमान नहीं मिलने से विश्वविद्यालय कर्मचारी 12 सितम्बर से पेन
डाउन हड़ताल पर थे।
कर्मचारियों ने कामकाज का बहिष्कार कर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
मंत्रालयिक कर्मचारी संघ अध्यक्ष दिलीप शर्मा, सहायक कर्मचारी संघ अध्यक्ष
गुट्टाराम सेन, डॉ. आर. के. जैन, विजय तिवारी, कौशल शर्मा, सुरेंद्र कुमावत
और अन्य मौजूद रहे। उधर दोपहर में सरकार के आदेश मिलने के बाद कर्मचारी
संघों की बैठक हुई। अखिल राजस्थान विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के आह्वान
पर हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया गया।
आदेश के खास बिन्दु...
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव राजेंद्र जोशी ने विश्वविद्यालय को
वेतनमान से संबंधित आदेश भेजे। इसके सातवें बिन्दु में कहा गया है, कि
कार्मिकों के वेतनमान निर्धारण में स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की विशेष
जांच रिपोर्ट अनुसार पालना करानी होगी। साथ ही बिन्दु संख्या एक से चार तक
उल्लेखित पदों के संदर्भ में जांच दल ने आक्षेप लगाया है। इस आक्षेप के
अनुसार वेतमान निर्धारित कर पालना सुनिश्चित करनी होगी। संशोधित वेतनमान
स्थिरीकरण के कारण 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2016 तक के बकाया वेतन-भत्तों का
भुगतान देय नहीं होगा।
संत वाणी....मानव को नहीं करना चाहिए कभी अहंकार
मानव को कभी जीवन में अहंकार नहीं करना चाहिए। यह बात फागी वाले रमेश
महाराज ने गीता कॉलोनी में साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महोत्सव में
कही।
उन्होंने वामन अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा बलि को बड़े
दानवीर होने का अहंकार हो गया था। प्रभु वामन अवतार लेकर राजा बलि के द्वार
पहुंचे। उन्होंने तीन पग भूमि दान स्वरूप मांगी। बलि ने अपने अहंकार में
कहा नादान बालक दान मांगना भी नहीं आता।
छोटी सी जमीन की जगह कुछ और मांग लेता। तब प्रभु ने कहा मुझे तीन पग
भूमि ही चाहिए। बलि की अनुमति ने प्रभु ने पहले कदम से पृथ्वी, दूसरे कदम
से आकाश नाप लिया। तीसरा कदम रखने की बात बलि ने अपना सिर झुका लिया।
यह कथा बताती है, कि मानव को प्राणी मात्र से अहंकार नहीं करना चाहिए।
इस दौरान सूर्यवंश की कथा के दैारान राम जन्मोत्सव एवं चन्द्र वंश की कथा
के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। स्वागतम कृष्णा.., कन्हैया झूले
पलना...,जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी..., नन्द के आनन्द भयो... भजन
पर श्रोता झूम उठे।
शुक्रवार को भागवान की माखन लीला, बाल लीला का वर्णन होगा। छप्पन भोग की
झांकी सजाई जाएगी। मुख्य आयोजक सुखदेव प्रसाद, राजेन्द्र कुमार वर्मा,
अशोक टांक-इन्दू टांक, राजेन्द्र-सोनल, ओमप्रकाश, नाथूलाल, द्वारका प्रसाद
मंगल और अन्य मौजूद थे।
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