चुनावी साल में वसुंधरा राजे सरकार ने अपने कार्यकाल (2013 के बाद) में
नौकरी पर लगाए गए प्रदेशभर के करीब 50 हजार शिक्षकों को राज्य स्तरीय
शिक्षक सम्मान समारोह के लिए आमंत्रित किया है।
हैरानी की बात यह है कि अभी
तक किसी भी सरकार ने वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों को इतनी बड़ी संख्या
में सम्मान समारोह में आमंत्रित नहीं किया, लेकिन चुनावी साल में भाजपा
सरकार पहली बार सरकारी खर्चे पर नए शिक्षकों को ही बुला रही है। सरकार के
दबाव के बाद अफसरों ने ऐसे हर शिक्षकों को सम्मान समारोह में हर हाल में
पहुंचना अनिवार्य कर दिया है। जिले में ऐसे करीब 2085 शिक्षक हैं। खास बात
यह है कि पहले से ही जिले के करीब 150 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे ही
चल रहे हैं। ऐसे में इतने शिक्षकों के एक साथ जयपुर समारोह में चले जाने से
5 सितंबर को स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित होगी। समारोह
में शिक्षकों को परिचय पत्र से एंट्री मिलेगी, इसके लिए शिक्षक परिचय पत्र
बनवा रहे हैं।
वहीं डीईओ प्रारंभिक मणिलाल छगण ने बताया कि जाना सभी के लिए अनिवार्य
है, लेकिन जहां जहां एक ही शिक्षक कार्यरत है, वहां के लिए पीईईओ को
निर्देशित किया है कि एकल शिक्षक स्कूल में व्यवस्था करे। ताकि शिक्षक
जयपुर कार्यक्रम में जा पाए।
डीईओ का दावा, पीईईओ को आदेश दिए है कि वैकल्पिक व्यवस्था करें, अन्यथा नहीं जाने दें, एक स्कूल वाले स्कूल में समस्या
खर्चे पर नजर : 2013 के बाद प्रदेश में 50 हजार से अधिक नए शिक्षक लगे हैं
सरकार के सम्मान समारोह पर करीब 11.51 करोड़ रुपए का खर्चा होगा।
8.51 करोड़ शिक्षकों को यात्रा भत्ता मिलेगा। 3 करोड़ रुपए आयोजन पर खर्च
किए जाएंगे। क्योंकि हम डूंगरपुर की ही बात करे तो यहां से 2085 शिक्षक भाग
ले रहे है और जयपुर जाने की टिकट 600 रुपए है। आने और जाने में एक शिक्षक
को 1200 रुपए लगेंगे। वहीं भोजन के लिए करीब 300 रुपए का भत्ता मिलेगा। इस
तरह से एक शिक्षक के पीछे 1500 रुपए का खर्चा आएगा। इस तरह से डूंगरपुर
जिले से ही करीब 31 लाख 27 हजार रुपए का खर्चा आएगा।
सम्मेलन के मायने, सरकार ये आभास कराएगी कि उन्हें नौकरी हमने दी है :
दूसरी ओर इस सम्मेलन के पीछे सरकार का तर्क कुछ भी हो, लेकिन सच तो यह है
कि इस सम्मेलन के माध्यम से सरकार यह आभास कराएगी कि उन्हें सरकारी नौकरी
मौजूदा सरकार ने दी है। ताकि इसका लाभ आने वाले विधानसभा चुनाव में मिले।
हालांकि बताया जाता है कि सरकार को इसका आइडिया भी पिछले माह 7 अगस्त को
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम लाभार्थियों के साथ संवाद की तर्ज पर है।
दूसरी ओर देखे तो इस बार शिक्षा विभाग में कई तरह के प्रयोग भी हुए है तो
करीब 60 हजार शिक्षकों के तबादले भी हुए है। ऐसे में कई शिक्षक नाराज भी है
तो कइयों को खुशी भी मिली है। वहीं ऐसा भी माना जा रहा है कि एक शिक्षक
यदि सरकार के समर्थन में आया तो औसत 5 लोगों को भी समर्थन में ला सकता है।
वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे : उपनिदेशक
करीब
दो हजार शिक्षक सम्मान समारोह में जाएंगे, इनकी जगह स्कूलों में वैकल्पिक
व्यवस्था के लिए पीईईओ को पाबंद किया है। जिन शिक्षकों को जाने में समस्या
या परेशानी है उन्हें छूट दी जा रही है।\'\' शिवजी गौड़, उपनिदेशक
प्रारंभिक उदयपुर मंडल
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