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सीकर कोर्ट के निर्देश पर पुलिस कर रही है पूरे फर्जीवाड़े की जांच, 5 हजार पदों पर नए अभ्यर्थियों को नहीं मिल पाएगा मौका

ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती-2018 में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है। पांच हजार से ज्यादा युवा ऐसे हैं, जो साल 2016 में शिक्षक भर्ती में चयनित हो गए और नौकरी कर रहे हैं, लेकिन घर के नजदीक आने के लिए 2018 में भी चयनित हो गए। इसके लिए इन्होंने झूठे घोषणा पत्र व शपथ पत्र पेश कर दिए।
एडीजे-3 सीकर कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में जांच शुरू हुई है। इसमें कई फर्जीवाड़ा सामने आने की संभावना है। दैनिक भास्कर के पास 5500 पोस्टेड शिक्षकों की सूची है, जो 2016 की भर्ती में चयन हुए थे और अब नौकरी कर रहे हैं। यह अभ्यर्थी 2018 की भर्ती में भी चयनित हो गए। सीकर पुलिस इस पूरे फर्जीवाड़े की पड़ताल में जुटी है। विज्ञप्ति की शर्तों में स्पष्ट लिखा था कि जो अभ्यर्थी तथ्य छिपाकर आवेदन करेंगे, उन्हें नियुक्ति के लिए अपात्र माना जाएगा। अब तक की जांच में पता चला है कि इसमें 46 विशेष शिक्षक है, जिनका चयन हुआ है। इन फर्जीवाड़ों को लेकर सीकर में तीन, जयपुर में एक और धौलपुर में एक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जबकि अन्य जिलों में कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन देकर जांच की मांग की गई है।

2016 की शिक्षक भर्ती में चयनित हो ज्वॉइन कर लिया, झूठे शपथ पत्र से खुद को बेरोजगार बता 2018 में भी चयनित हो गए 5500 अभ्यर्थी

गलत तथ्य पेश करके नौकरी हासिल करने के खेल को इन उदाहरणों से समझिए

एचआई : विशेष शिक्षक

रविकुमार पुत्र औंकार सिंह भरतपुर के रहने वाले हैं। दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने वाले विशेष शिक्षक हैं। राज्य कर्मचारी के कॉलम में नहीं भरकर गलत शपथ पत्र पेश किया। 2016 की भर्ती में चयन होकर बारां में कार्यरत है। अब 2018 की नई भर्ती में भरतपुर जिला मिला है। राजकुमार पुत्र शिव भगवान नोहर हनुमानगढ़ के रहने वाले हैं। दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने वाले विशेष शिक्षकों में से है। 2016 की भर्ती में बारां में शिक्षक लग गए। साल 2018 की भर्ती में हनुमानगढ़ में चयन हुआ है। पहले से कार्यरत होने के बाद गलत शपथ पत्र पेश कर झूठ बोला। बलराज पचार पुत्र दौलतराम भादरा हनुमानगढ़ के रहने वाले हैं। दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने वाले विशेष शिक्षकों में है। इनका 2016 की भर्ती में उदयपुर में चयन हो गया था। इसके बावजूद 2018 भर्ती में हनुमानगढ़ में चयन करा लिया। इन्होंने भी गलत जानकारी लेकर विभाग से बिना अनुमति लेकर गलत शपथ पत्र पेश किया।

एमआर : मंदबुद्धि बच्चों के लिए

मंदबुद्धि बच्चों को पढ़ाने वाले विशेष शिक्षकों में आते हैं। जांच में सामने आया कि 21 एमआर 2016 की भर्ती में चयन होने के बावजूद भी 2018 की भर्ती में चयनित हो गए। कालूराम मीणा सवाईमाधोपुर के रहने वाले हैं और मंदबुद्धि बच्चों को पढ़ाने वाले विशेष शिक्षक हैं। 2016 की भर्ती में राजसमंद में चयनित हो गए थे। अब 2018 की भर्ती में सवाईमाधोपुर में चयन हो गया है। आभा बब्बर मंदबुद्धि बच्चों को पढ़ाने वाले विशेष शिक्षकों में शामिल है। 2016 की भर्ती में पाली में चयन हुआ था। अब 2018 की भर्ती में हनुमानगढ़ में चयन हुआ।

नियम : गैर जमानती अपराध माना जाता है

सुप्रीमकोर्ट ने भी गलत जानकारी छुपाकर नौकरी पाना कांउसिलमेंट आफ फैक्ट्स के तहत अपराध की श्रेणी में माना है। नियम यह है कि विभाग द्वारा मांगी गई सूचना आपको सही देनी होगी। गलत जानकारी देना 420 के तहत गैर जमानती अपराध के तहत माना जाएगा। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों का मामला शिक्षा निदेशालय को भी भेजा गया है। ऑल राजस्थान बेरोजगार संघ के अध्यक्ष भवानी ने बताया कि उन्होंने बीकानेर निदेशालय में विभाग को गड़बड़ी को लेकर शिकायत दी थी। इसके अलावा डाक व ईमेल के जरिए भी कई बार शिकायत दी जा चुकी है। विभाग ने खुद शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। संघ की ओर से कई जिलों में चयनित राजकीय कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। सीकर में भी कोर्ट ने याचिका मिलने के बाद अपराध का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच करने के लिए डीएसपी ग्रामीण अयूब खान को सौंपी। कोर्ट ने 13 अगस्त को अगली सुनवाई का समय दिया है।

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