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आवेदन में गलत अंक भरकर बने शिक्षक, ज्वाइनिंग से पहले 59 को पकड़ा

शिक्षक भर्ती परीक्षा-2018 के ऑनलाइन आवेदन में अध्यापक पात्रता परीक्षा के गलत अंक दर्शा नागौर के 3 सहित प्रदेशभर के 59 अभ्यर्थी शिक्षक बनने का मामला सामने आया है। इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के जरिए स्कूलें भी आवंटित हो चुकी है।
लेकिन निदेशालय ने आवंटित स्कूल में ज्वाइनिंग से पहले इनके फर्जीवाड़ा को उजागर कर दिया है। अब इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तौर पर मुकदमा दर्ज करवाने के आदेश दिए है। गौरतलब है माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की ओर से रीट का परिणाम जारी होते ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग की तरफ से तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल प्रथम के 26 हजार पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। प्रारंभिक निदेशालय ने जून शुरूआत में प्रथम लेवल के कुल 24,675 पदों के लिए कट ऑफ जारी की और उसके बाद नवचयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच, फिर काउंसलिंग के माध्यम से नियुक्ति की प्रक्रिया चली। इधर, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक भर्ती 2018 में ऐसे 59 अभ्यर्थियों का फर्जीवाड़ा पकड़ा है जिन्होंने इस भर्ती के लिए आवेदन में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट/आरटेट)के अंक गलत भरे थे। खास बात ये है कि इस भर्ती में अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन करके हाल ही काउंसलिंग के जरिए सरकारी स्कूल आवंटित किए गए हैं और नियुक्त आदेश होना बाकी है।

गड़बड़ी का पूरा सच

अध्यापक पात्रता परीक्षा में थे 0 अंक, आवेदन में भर दिए 100 से ज्यादा तक

राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा में कई अभ्यर्थियों के 0 अंक थे। उन्होंने शिक्षक बनने की ऐसी चाहत लगी कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन के दौरान खुद के अंक 100 से ज्यादा तक भर दिए। जब निदेशालय की तरफ से कटऑफ जारी हुई तो इनका शिक्षक पद पर चयन भी हो गया। जबकि इनमें कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनके अध्यापक पात्रता परीक्षा में 0 अंक थे।

ऐसे पकड़ में आए तो खुली पोल

विभाग ने जब प्रत्येक अभ्यर्थी के ऑनलाइन आवेदन में पात्रता परीक्षा के भरे गए अंक और आरबीएसई में पात्रता परीक्षा के दर्ज अंकों का आपस में मिलान किया गया तो यह गड़बड़ी उजागर हुई। गलत और झूठी जानकारी देने के आरोप में विभाग अब इन अभ्यर्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेगा।

सबसे ज्यादा करौली से 16, नागौर के 3 अभ्यर्थी शामिल

शिक्षक भर्ती-2018 के ऑनलाइन आवेदन में अध्यापक पात्रता परीक्षा की झूठी जानकारी देकर शिक्षक का दर्जा पाने वाले शिक्षकों में सबसे ज्यादा करौली से 16 है। इस मामले में नागौर के 3 अभ्यर्थी शामिल है। उन्होंने ऑनलाइन आवेदन के दौरान गलत अंक भरकर शिक्षक बन गए। बाकी अन्य जिलों से अभ्यर्थी शामिल है। इस प्रकार डूंगरपुर से 9, बांसवाड़ा से 2, दौसा के 9 सहित जोधपुर, बीकानेर, टोंक, अजमेर, पाली, अलवर, जयपुर, भरतपुर और भीलवाड़ा जिले से दो से तीन अभ्यर्थी इस गड़बड़ी में शामिल हैं। नागौर से रामेश्वर लाल, हिम्मत सिंह और तारा मेघवाल शामिल है।

769 अभ्यर्थियों को नागौर जिला हुआ था आवंटित

जानकारी के अनुसार शिक्षक भर्ती-2018 के तहत नव चयनित अभ्यर्थियों में से 769 को नागौर जिला आवंटित हुआ था। जिसमें से 89 अभ्यर्थी ऐसे थे, जो दस्तावेज जांच के दौरान अनुपस्थित रहे। वहीं 24 अभ्यर्थियों का मामला विचाराधीन है। वहीं हाल ही में हुई काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान 596 को स्कूल आवंटित कर नियुक्ति भी दे दी गई है। 27 के अब नियुक्ति देने के आदेश मिले है।

इनके 0 अंक थे, आवेदन में 100 से ज्यादा बताए

करौली के उमंग मीणा, नागौर के रामेश्वर लाल और दौसा के मोहरपाल मीणा ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनके आरबीएसई वेबसाइट के अनुसार अध्यापक पात्रता परीक्षा में 0 अंक थे, लेकिन ऑनलाइन आवेदन में 100 से ज्यादा अंक बताए।

आगे क्या

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्यामसिंह राजपुरोहित ने सभी डीईओ को 59 अभ्यर्थियों की सूची भेज उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। अजमेर संभाग के उप निदेशक ने डीईओ को निदेशक के आदेश की पालना के निर्देश दिए हैं।

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