अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने घर या कोचिंग सेंटर पर बच्चों को ट्यूशन
नहीं पढ़ा सकेंगे। नए सत्र से वह अगर ट्यूशन पढ़ाते हुए मिले तो उनके खिलाफ
अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल
डिडेल ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने वाले हर विषय अध्यापक को सत्र शुरु होते
ही शपथ पत्र पर खिलकर देना होगा कि वह ट्यूशन नहीं करवा रहे है। इसके अलावा
हर माह लिखित में सूचना देनी होगी। शिक्षा विभाग ने ट्यूशन की प्रवृत्ति
पर शिकंजा कसने के लिए यह निर्णय किया है। पूर्व में केवल निर्देश जारी किए
जाते रहे हैं लेकिन अब ट्यूशन नहीं कराने के लिए बाध्य किया जाएगा। माशि.
निदेशक ने माना है कि शिक्षण व्यवस्था में ट्यूशन की प्रवृत्ति बुराई है।
बच्चे भौतिक विज्ञान, गणित, अंग्रेजी जैसे कठिन विषय की ट्यूशन के आदी
हो जाते हैं। ऐसे में स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक कथित तौर पर इनको
ट्यूशन के लिए बाध्य करते हैं। ऐसे में अब अध्यापक डायरी पर नजर रखते हुए
विद्यार्थी व अभिभावकों से संस्था प्रधान को समय-समय पर संपर्क करना होगा।
पाठ्यक्रम समय पर पूरा करने के लिए भी संस्था प्रधान को अध्यापकों से
प्रतिमाह पढ़ाए गए पाठ्यक्रम की रिपोर्ट लिखित में लेनी होगी।
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