जयपुर
। अगर आप अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते है, तो जरूर
पढ़ाएं, लेकिन कंप्यूटर शिक्षा को लेकर सरकारी स्कूलों से कोई अपेक्षा ना
रखे। प्रदेश का शिक्षा विभाग बीते 4 वर्ष से एक भी कंप्यूटर शिक्षक की
भर्ती नहीं कर सका है।
सिर्फ मौजूदा शिक्षकों को ही ट्रेनिंग देकर कभी-कभार
कंप्यूटर की कक्षाएं लगा दी जाती है। वहीं प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा
राजे को डिजिटल राजस्थान बनाने को लेकर ई-रत्न ऑफ इंडिया का पुरस्कार मिल
चुका है, लेकिन प्रदेश का शिक्षा विभाग पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम वसुंधरा राजे के
डिजिटल इंडिया, डिजिटल राजस्थान के दावों की खिल्ली उड़ा रहा है। अभी तक
प्रदेश के 8500 सरकारी स्कूलों में एक भी कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति नहीं
हो सकी है। इसके चलते सैकंडरी और सीनियर सैकंडरी तक के स्कूलों में
कंप्यूटर शिक्षा स्कूली छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रही है।
ऑल
राजस्थान कंप्यूटर शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार श्रौत्रिय
के मुताबिक प्रदेश के 4500 राजकीय स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा आईटीसी
योजना के तहत ठेके पर चल रही थी। लेकिन इस योजना का पहला चरण 30 अप्रैल
2014 को और दूसरा चरण 31 अगस्त 2015 को पूरा हो गया। इसके बाद इन स्कूलों
में निुयक्त 4500 कंप्यूटर सहायक बेरोजगार हो गए। श्रौत्रिय के मुताबिक
वर्ष 2015 से ही ऑल राजस्थान कंप्यूटर शिक्षक संघ के बैनर तले सभी 4500
कंप्यूटर शिक्षक रोजगार की मांग लेकर वसुंधरा सरकार से बातचीत कर रहे है।
साथ ही कई बार उग्र धरना-प्रदर्शन भी कर चुके है। उन्होंने बताया कि सरकारी
स्कूलों में सेवा के दौरान एक कंप्यूटर सहायक को सिर्फ 2500 से लेकर 2800
रुपये ही प्रतिमाह वेतनमान मिलता था। साथ ही कंप्यूटर सहायक की योग्यता
स्नातक होने के साथ-साथ एक वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा थी।
उन्होंने
बताया कि भाजपा जनता पार्टी, राजस्थान प्रदेश ने अपने भाजपा सुराज संकल्प
पत्र 2013 में कंप्यूटर शिक्षा के लिए सभी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और
उच्च माध्यमिक स्कूलों में अलग से कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की
थी, जो अभी तक नहीं हो सकी है।
आपको बता दे कि राज्य सरकार
ने जेम्स स्कूल फाउंडेशन के सहयोग से एजुकेशन फेस्टिवल भी आयोजित किया था।
वहीं राज्य सरकार यह भी दावा कर रही है कि स्कूली शिक्षा में राजस्थान 26
वें पायदान से ऊठकर अब टॉप फाइव में आ गया है। लेकिन अगर कंप्यूटर शिक्षा
की बात की जाए, तो यह सभी दावें खोखले नजर आते है।
प्रदेश के स्कूली शिक्षा के विशिष्ट सचिव अशफाक हुसैन ने
बताया कि अभी शिक्षा विभाग की कंप्यूटर शिक्षक भर्ती की कोई योजना नहीं
है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के करीब 1000 सरकारी स्कूलों में स्कूल की
सोसायटी की तरफ से कंप्यूटर ट्रेनिंग देने वाला शिक्षक जरूर लिया जा रहा
है, लेकिन बाकी सरकारी स्कूलों में विभिन्न विषयों के शिक्षकों को ही
कंप्यूटर का कोर्स करवा कर स्कूली छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही
है।
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