जोधपुर। जेएनवीयू में शिक्षक भर्ती 2013 के
तहत नियुक्त 34 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को बर्खास्त करने के सिंडिकेट के
निर्णय की पालना में रविवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इधर शिक्षकों ने
इसके पक्ष में धरना दे दिया है और वो सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
इन लोगों का कहना है कि सरकार जमकर भेदभाव कर रही है और एक ही राज्य में दो कायदे चलाकर अपनी मनमानी पर उतर आई है। उदयपुर में शिक्षकों को प्रमोशन और यहां टर्मिनेशन की नीति निंदनीय है और उन्हें अब भी भरोसा है कि उनके साथ न्याय होगा।
छुट्टी के दिन भी खुले दफ्तर
आपको बताते चलें कि रविवार को अवकाश होने के उपरांत सरकारी केंद्रीय कार्यालय विशेष रूप से खुलवाया गया। दिनभर मशक्कत के बाद शाम बाद सभी को बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए। ये आदेश स्पीड पोस्ट से भेजे गए है। अन्य 77 पदों की राज्य सरकार की ओर से गठित प्रो. पीके दशोरा कमेटी की ओर से जांच चल रही है। जांच के बाद राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिए जाएंगे, जिसकी अक्षरश: पालना की जाएगी। ये सभी आदेश न्यायालय के आदेशों के अधीन रहेंगे। ऐसे में ये तो तय है कि सरकार किसी भी सूरत में इस मामले में पीछे हटने को राजी नहीं है। इधर जेएनवीयू के कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने कहा है कि 2013 में हुई अनियमितताओं में 34 शिक्षकों की नियुक्तियों को नियमों को ताक में रखकर होने की पुष्टि हो गई है। इसी आधार पर सिंडीकेट ने ये निर्णय लिया है कि इन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। यह निर्णय पूर्ण रूप से सिंडीकेट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया है।
इन लोगों का कहना है कि सरकार जमकर भेदभाव कर रही है और एक ही राज्य में दो कायदे चलाकर अपनी मनमानी पर उतर आई है। उदयपुर में शिक्षकों को प्रमोशन और यहां टर्मिनेशन की नीति निंदनीय है और उन्हें अब भी भरोसा है कि उनके साथ न्याय होगा।
छुट्टी के दिन भी खुले दफ्तर
आपको बताते चलें कि रविवार को अवकाश होने के उपरांत सरकारी केंद्रीय कार्यालय विशेष रूप से खुलवाया गया। दिनभर मशक्कत के बाद शाम बाद सभी को बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए। ये आदेश स्पीड पोस्ट से भेजे गए है। अन्य 77 पदों की राज्य सरकार की ओर से गठित प्रो. पीके दशोरा कमेटी की ओर से जांच चल रही है। जांच के बाद राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिए जाएंगे, जिसकी अक्षरश: पालना की जाएगी। ये सभी आदेश न्यायालय के आदेशों के अधीन रहेंगे। ऐसे में ये तो तय है कि सरकार किसी भी सूरत में इस मामले में पीछे हटने को राजी नहीं है। इधर जेएनवीयू के कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने कहा है कि 2013 में हुई अनियमितताओं में 34 शिक्षकों की नियुक्तियों को नियमों को ताक में रखकर होने की पुष्टि हो गई है। इसी आधार पर सिंडीकेट ने ये निर्णय लिया है कि इन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। यह निर्णय पूर्ण रूप से सिंडीकेट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया है।