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कई प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ छात्रवृति फॉर्म अप्लाई करने पर भी संकट

कांग्रेसके मलिक जावेद खां एवं विधानसभा अध्यक्ष उमाशंकर यादव,पार्षद होतम जाटव ने बताया कि कस्बे में जब कोई अपने मूल एवं जाति प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करवाता है तो उसे ये पता नहीं होता कि कितने दिनों में उसके प्रमाण पत्र तैयार हो जाएंगे।
एेसे में उन छात्रों के लिए और भी विकट समस्या खड़ी हो जाती है जो गांव से आते हैं। उन्हें मित्र संचालकों के द्वारा कोई भी निश्चित समय नहीं बताया जाता। वहीं मित्र संचालकों पर कोई स्पष्ट गाइड लाइन नहीं दी गई है।
बाड़ी|इनदिनों कस्बे के छात्र मूल जाति प्रमाणपत्र बनने से खासे परेशान नजर रहे हैं। क्योंकि छात्रवृति से लेकर अन्य महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्मो में मूलनिवास जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है तो वही लगभग 2 माह से कस्बे में मूल निवास जाति प्रमाण पत्र के अप्रूव ना होने से प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे है। जिससे छात्रों पर छात्रवृति फार्म ना भर पाने तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं फार्म के भर पाने का खतरा मंडरा रहा है। नियमानुसार इन प्रमाण पत्रों को अप्रूव करने का अधिकार तहसीलदार कार्यालय के साथ उपखण्डाधिकारी कार्यालय को भी है जो कि सीरियल वाइज इन प्रमाण पत्रों को अप्रूव करते हैं,लेकिन वर्तमान में एेसा कुछ भी नहीं हो रहा है। छात्र ई-मित्रों द्वारा इन प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन कई महीनों पूर्व कर चुके हैं,लेकिन इन दोनों ही कार्यालयों के द्वारा उन्हें अब तक अप्रूव नहीं किया गया है जिससे छात्रों के आगे एक बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। कई बार तहसील एसडीएम कार्यालय से इस प्रमाण पत्रों को बिना कारण बताए रिजेक्ट लिख कर वापस कर दिया जाता है। जिससे छात्रों के आगे ऋुटि सुधार कराने के अवसर भी नहीं।

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