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'एक तो घर की जिम्मेदारी, ऊपर से आरपीएससी अजमेर के 5वें चक्कर की बारी'

राजस्थान सरकार के लिए स्कूल व्याख्याता परीक्षा 2015 में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देना काफी मुश्किल होता जा रहा है. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग आदेशों के बीच आरपीएससी पहले विधिक राय लेना बेहतर समझ रही है और यही कारण है कि अभी आयोग की और से शिक्षा विभाग को चयनितों की सूची नहीं भेजी गई है.
इस बीच बीकानेर में नियुक्ति की मांग को लेकर शुरू हुए धरने के साथ ही अजमेर में भी आरपीएससी कार्यालय के बाहर धरने-प्रर्दशन शुरू हो गए हैं. स्कूल व्याख्याता गृह विज्ञान विषय की चयनित महिला अभ्यर्थियों ने सोमवार को हाथों में तख्तियां लेकर आयोग कार्यालय के बाहर प्रर्दशन किया और अपना अंतिम परिणाम निकालने की मांग की.

इन महिला अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग पिछले 5 महीनों से उन्हें अंतिम परिणाम निकालने का आश्वासन दे रहा है, जबकि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.

107 पदों के लिए कुल 229 अभ्यर्थियों को अस्थाई रूप से सफल तो घोषित कर दिया, लेकिन अंतिम परिणाम नहीं निकालने की वजह से अभ्यर्थी अपने चयन को लेकर आंशकित हैं.

इधर, आरपीएससी के सामने इस पूरे मामले में कानूनी अड़चन सामने आ गई है. एसबीसी के 5 फीसदी आरक्षण व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्णयों के बीच आयोग अध्यक्ष ललित के पंवार खुद जयपुर और दिल्ली के चक्कर लगाकर विधिक राय ले रहे हैं और इसका समाधान निकालने में लगे हैं.

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