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निजी स्कूल भी रहेंगे सरकारी नजरों में, डेटाबेस होगा अपलोड

निजीविद्यालय को वेब पोर्टल पर अपने विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को भी डाटाबेस ऑनलाइन करना पड़ेगा। शिक्षक की शैक्षणिक योग्यता, उन्हें कब से नियुक्ति दी गई, उन्हें दिया जाने वाला मानदेय आदि भी ऑनलाइन फीड करना होगा।
बड़े-बड़े निजी विद्यालयों द्वारा अपने हिसाब से ही विद्यालय का संचालन किया जाता था। निजी विद्यालय सरकारी विभाग में किसी प्रकार की सूचना नहीं देते तथा अपने हिसाब से ही विद्यार्थियों से मनमाना शुल्क वसूला जाता था। लेकिन अब वेब पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड होने के साथ ही उन निजी विद्यालयों पर कड़ी नजर रखी जाएगी तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा निजी विद्यालय के निरीक्षण के समय वह फॉरमेट अपने पास रखकर जांच की जाएगी।

भास्कर संवाददाता | नागौर

सरकारीविद्यालयों में स्टाफ बच्चों की पारदर्शिता के बाद सरकार अब निजी स्कूलों के डेटा बेस पर भी पूरी नजर रखेगी। इसके लिए वेब पोर्टल पर सभी तैयारियां हो गई है।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा सरकार विद्यालयों में अध्यापकों के रिक्त पद, बच्चों के नामांकन अन्य सभी प्रकार की जानकारी शाला दर्पण शाला दर्शन पर अपलोड करवाई गई थी। उसके बाद निजी स्कूलों पर कड़ी निगरानी के लिए आरटीई वेबपोर्टल पर अब निजी विद्यालय अपना पूरा डाटाबेस अपलोड करेंगे।

उसी डाटा बेस के अनुसार अब उन्हें स्कूल संचालित भी करनी होगी। पहले जहां वेब पोर्टल पर केवल आरटीई के तहत नि:शुल्क पढ़ने वाले बच्चों को ही स्थिति अपलोड करनी थी लेकिन अब निजी विद्यालय अपने संसाधनों सहित पूरी प्रविष्टियां ऑनलाइन करेगा। अब जल्दी ही निजी स्कूलों को भी अपनी स्कूल का पूरा डेटा ऑनलाइन करना होगा।

ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि प्रदेश में बच्चों की पूरी स्थिति समझी जा सके और सरकारी निजी दोनों स्कूलों के आंकड़े सही समय पर प्राप्त किए जा सके। शिक्षा विभाग की ओर से अाने वाले दिनों में और भी नए अपडेट किए जाएंगे।

अबहर कक्षा के बच्चे की देनी होगी रिपोर्ट

निजीविद्यालयों को अब आरटीआई वेब पोर्टल पर निजी विद्यालय को उसके हर कक्षा में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे को ऑनलाइन प्रविष्टि करनी होगी। जिसमें बच्चे का आधार नंबर, नाम, पिता का नाम, माता का नाम, जन्मतिथि, स्कूल में प्रवेश लेने की तिथि, वर्तमान कक्षा, पिछली कक्षा में उत्तीर्ण के प्रतिशत के साथ हर प्रकार की जानकारी वेब पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

शिक्षाविभाग के पास नहीं थी जानकारी

शिक्षाविभाग के पास निजी स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों के अलावा कोई सूचना नहीं थी। निजी विद्यालयों द्वारा यू डाइस बुकलेट में ही सूचनाएं दी जाती थी। कई निजी विद्यालय तो मान्यता नहीं होने के बावजूद स्कूल संचालित कर रहे थे तो कई विद्यालय मान्यता के बाद डाइस बुकलेट ही नहीं भरते थे जिससे जिले की वास्तविक स्थिति स्पष्ट ही नहीं हो पाती थी।

^राजस्थानप्रारंभिक शिक्षा परिषद से अभी वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिशा निर्देश दिए थे। अब निजी विद्यालयों को अपने भौतिक संसाधनों, बच्चों के नाम सहित नामांकन शिक्षकों की जानकारी वेब पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। सतीशकुमार गुप्ता, प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी, नागौर

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