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प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है यह सरकारी स्कूल

सरकारी स्कूल का नाम आते ही मन में तरह-तरह के विचार जाते हैं। वहां पर पढ़ाई नहीं होती है, शिक्षक तफरी करते हैं। ऐसे कई सवाल मन में उठते हैं। लेकिन एक प्रधानाध्यापक की जिद ने सरकारी स्कूल के मायने ही बदल दिए।
हम बात कर रहे हैं कारी की तन में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल कुम्हाणा जोहड़ की। प्रधानाध्यापक पवन पारस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। पिछले सत्र में स्कूल में 38 विद्यार्थी थे, इस सत्र में बढ़कर 50 हो गए, इनमें 25 छात्र 25 छात्राएं हैं।

नवलगढ़. बच्चों को पढ़ाते पवन शर्मा।

इस तरह से पढ़ाकर देखो

स्कूलमें बच्चों को पढ़ाने का तरीका कुछ अलग है। बच्चों को कक्षाओं में बने हुए ब्लैक बोर्डों पर एक साथ बैठाकर लिखने याद करने का अभ्यास कराया जा रहा है। स्कूल के सूचना पट्ट पर रोज सामान्य ज्ञान के प्रश्न-उत्तर लिखकर बच्चों को तैयारी करवाई जाती है। सभी शिक्षक पूर्व योजना बनाकर शिक्षण कार्य करवाते हैं। शिक्षण सहायक सामग्री के साथ प्रैक्टिकल पर ज्यादा जोर दिया जाता है। छोटी कक्षाओं में खेल-खेल में शिक्षिक विधियों का प्रयोग कर शिक्षण कार्य कराया जाता है। प्रार्थना सभा वाद्य यंत्रों के साथ होती है।

पूरेस्कूल परिसर में महापुरुषों के फोटो : पूरेस्कूल परिसर में महापुरुषों के फोटो लगे हुए हैं। छात्रों को इन महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश दिया जाता है। महापुरुषों के चित्रों के साथ अच्छी बातों का संदेश देने के लिए स्लोगन लिखे हुए हैं।

^शिक्षक छात्र मित्र की तरह रहते हैं। शिक्षक भी मित्र समझ कर बच्चों को पढ़ाई कराते हैं, ताकि बच्चा भयमुक्त होकर पढ़ाई कर सके। -पवनपारस, प्रधानाध्यापक
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