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राजस्थान के स्कूली शिक्षकों ने कहा, पाठ्यपुस्तकों में अब परिलक्षित होती है भारतीय संस्कृति और विरासत

बूंदी :राजस्थान:, 28 अगस्त :भाषा: राजस्थान के बूंदी जिले में छात्रों को, खास कर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को यूरोपीय और अमेरिकी संस्कृति से परिचित कराने में खासी परेशानी महसूस करने वाले वाले शिक्षकों ने राज्य सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि अब बच्चे भारतीय पृष्ठभूमि से आसानी से जुड़ सकते हैं।
शिक्षकों का यह भी कहना है कि अब सामग्री अधिक व्यापक एवं सुस्पष्ट है।

दूसरी ओर कांग्रेस ने राजस्थान में स्कूली पाठ्यपुस्तकों के भगवाकरण का आरोप लगाया है।

लड़कियों की एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक शाला की वरिष्ठ अंग्रेजी शिक्षक सुमन शर्मा का कहना है पूर्व में, अंग्रेजी तथा सामाजिक विग्यान की पाठ्यपुस्तकों में यूरोपीय, अमेरिकी और अफ्रीकी देशों से जुड़े अध्याय थे। इनमें से ज्यादातर का लेखन अंग्रेजी लेखकों और रचनाकारों ने किया था।


उन्होंने कहा कि अब किताबों में ज्यादातर अध्याय भारतीय शोधार्थियों द्वारा लिखे हुए हैं तथा उनकी सामग्री देश की पृष्ठभूमि को समेटे हुए है।

इसी स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक अंशुल मीना ने बताया सरकारी स्कूलों, खास कर गांवों में छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों के अंग्रेजी पात्र, विषय वस्तु और सामग्री को समझ पाना बहुत मुश्किल होता है।

मीना ने कहा कि अब बदलाव के बाद पाठ्यक्रम अधिक व्यापक तथा सुस्पष्ट हो गया है। अब यह भारतीय संस्कृति और धरोहर को वास्तविक रूप में परिलक्षित कर रहा है।
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