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काउंसलिंग में गड़बड़ी करने वाले कार्मिक पर कार्रवाई

अजमेर|प्रारंभिकशिक्षा निदेशक जगदीश पुरोहित ने अजमेर में काउंसलिंग के दौरान जूनियर प्रबोधक को सीनियर से ऊपर कर अनुचित लाभ देने के मामले में जांच शुरू करते हुए कहा है कि इस मामले में जो भी कार्मिक कसूरवार होगा,उसे बख्शा नहीं जाएगा।
उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी और जिस प्रबोेेधक के साथ अन्याय किया गया,उसे न्याय दिलाया जाएगा।
दैनिक भास्कर ने 12 जुलाई को जूनियर प्रबोधक को सीनियर से ऊपर कर दे दिया अनुचित लाभ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर में बताया गया था कि अजमेर में हो रही प्रारंभिक शिक्षा की लेवल एक प्रबोधक की काउंसलिंग में नियमों को धता बताते हुए सीनियर प्रबोधक को जूनियर से नीचे कर अनुचित लाभ दे डाला और केवल अधिशेष की सूची को ही बदल दिया गया,बल्कि प्रबोधक कृष्णा वर्मा की कार्यग्रहण करने की तारीख में हेरफेर कर तीन साल बाद की कर दी और सूची की क्रम संख्या भी बदलकर उसे वरीयता से नीचे कर दिया गया। इससे अपने को उपकृत कर प्रबोधक उर्मिला को ग्राम पंचायत से बाहर जाकर शहर की घूघरा घाटी के पास बंदिया स्कूल में लगा दिया गया। मामला उजागर होने पर अब अधिकारी अपने को बचाने में जुट गए हैं। यह गलती बाबू के मत्थे यह कहकर मढ़ने का प्रयास किया जा रहा है कि उन्होंने काउंसलिंग की सूची को देखे बगैर ही दस्तखत कर दिए।
सीपीईडीहै प्रबोधक उर्मिला
इसमामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि उर्मिला को प्रबोधक की काउंसलिंग में शामिल किया जाना भी उचित नहीं था। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि वह सीपीईडी योग्यताधारी है। उसने अपने रिकार्ड में भी इसे स्पष्ट अंकित कर रखा है। सीपीईडी योग्यताधारी शारीरिक शिक्षक होती है। सरकार ने शारीरिक शिक्षक की काउंसलिंग 16 जुलाई को तय कर रखी है। अब देखना यह है कि प्रबोधक उर्मिला को अपनी योग्यता के मुताबिक 16 जुलाई को काउंसलिंग में बुलाया जाता है अथवा नहीं।
यहथा मामला
8जुलाई को हुई काउंसलिंग में कृष्णा वर्मा को रामावि रसूलपुरा से अधिशेष घोषित कर सूची जारी की गई थी। इस सूची में कृष्णा वर्मा को क्रम संख्या 685 पर रखा गया था। सूची में कृष्णा वर्मा की जन्मतिथि 19.6.69 प्रथम कार्यग्रहण तिथि 1.10.2008 अंकित की गई थी,जो कि सेवा रिकार्ड के अनुसार एकदम सही है।
इसी सूची में क्रम संख्या 692 पर प्रबोधक उर्मिला को जन्मतिथि 7.1.79 प्रथम कार्यग्रहण 1.10.2008 के साथ रामावि छातड़ी से अधिशेष कर शामिल किया गया। कृष्णा वर्मा का ब्योरा सूची में सही अंकित था उनसे कनिष्ठ भी सूची में उनके नाम के बाद अंकित थे। इसके चलते कृष्णा वर्मा ने विभाग की सूची को सही मानते हुए कोई आपत्ति नहीं दी। काउंसलिंग के दौरान चस्पा की गई सूची में गड़बड़ी कर उर्मिला को सीनियर बना दिया गया।
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