बाड़मेर. । एकीकरण के बाद खाली हुए राजकीय विद्यालयों के भवनों में
अब पशु अस्पताल खोले जाएंगे। पशुपालन विभाग इसका किराया अदा करेगा। इन
विद्यालयों को कम संख्या होने पर निकटवर्ती विद्यालय में मर्ज कर दिया गया
था।
बच्चों के पढऩे के लिए खोले गए इन विद्यालयों में अब पशुओं का उपचार होगा। जिले में अभी 66 में से 48 भवन पशुपालन विभाग को दिए गए हैं।
जिला कलक्टर ने उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री के जिला भ्रमण के दौरान यह शिकायत हुई थी कि विद्यालय बंद कर दिए गए हैं और लाखों की लागत से बने भवन अनुपयोगी हो रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए गए थे। इसकी पालना में जिले के 66 विद्यालयों के भवनों का आवंटन किया गया है। इसमें से 48 भवन पशुपालन विभाग को दिए गए हैं, जहां विभाग अपने स्वास्थ्य केन्द्र संचालित करेगा।
किराया देना होगा
इन भवनों में तीन कमरें, बरामदा, टांका और कई जगह चारदीवारी बनी हुई है। जिला कलक्टर ने उल्लेख किया है कि इसका किराया विद्यालय विकास समिति तय करेगी। पशुपालन विभाग को यह किराया अदा करना होगा।
घर बैठे गंगा आई
पशुपालन विभाग के तो घर बैठे गंगा आई वाली स्थिति हो गई है। करीब 8 से 10 लाख में बने भवन उनको मिल रहे हैं। अब किराए को लेकर डाला गया पेच उनके लिए किरकिरी बना हुआ है। पशुपालन विभाग इसको लेकर एेतराज कर रहा है कि सरकारी भवन है तो फिर किस तरह का किराया। जनहित में काम में आएगा।
यहां मिले भवन
बलाऊ जाटी, कांकरला, मण्डली, नवोड़ा बेरा, मूलजी की ढाणी, बागावास, चांदेसरा, साजियाली पदमसिंह, सराणा, सरवड़ी पुरोहितान, खण्डप, सिणेर, बामरला, बांटा, भलीसर गांव, गंगासरा, लूखू, पीपरली, रतनपुरा, सिंधासवा हरणियान,
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बच्चों के पढऩे के लिए खोले गए इन विद्यालयों में अब पशुओं का उपचार होगा। जिले में अभी 66 में से 48 भवन पशुपालन विभाग को दिए गए हैं।
जिला कलक्टर ने उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री के जिला भ्रमण के दौरान यह शिकायत हुई थी कि विद्यालय बंद कर दिए गए हैं और लाखों की लागत से बने भवन अनुपयोगी हो रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए गए थे। इसकी पालना में जिले के 66 विद्यालयों के भवनों का आवंटन किया गया है। इसमें से 48 भवन पशुपालन विभाग को दिए गए हैं, जहां विभाग अपने स्वास्थ्य केन्द्र संचालित करेगा।
किराया देना होगा
इन भवनों में तीन कमरें, बरामदा, टांका और कई जगह चारदीवारी बनी हुई है। जिला कलक्टर ने उल्लेख किया है कि इसका किराया विद्यालय विकास समिति तय करेगी। पशुपालन विभाग को यह किराया अदा करना होगा।
घर बैठे गंगा आई
पशुपालन विभाग के तो घर बैठे गंगा आई वाली स्थिति हो गई है। करीब 8 से 10 लाख में बने भवन उनको मिल रहे हैं। अब किराए को लेकर डाला गया पेच उनके लिए किरकिरी बना हुआ है। पशुपालन विभाग इसको लेकर एेतराज कर रहा है कि सरकारी भवन है तो फिर किस तरह का किराया। जनहित में काम में आएगा।
यहां मिले भवन
बलाऊ जाटी, कांकरला, मण्डली, नवोड़ा बेरा, मूलजी की ढाणी, बागावास, चांदेसरा, साजियाली पदमसिंह, सराणा, सरवड़ी पुरोहितान, खण्डप, सिणेर, बामरला, बांटा, भलीसर गांव, गंगासरा, लूखू, पीपरली, रतनपुरा, सिंधासवा हरणियान,
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