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शिक्षा विभाग ने ऐसा क्या कर दिया कि छात्राओं ने कहा नहीं आएंगी स्कूल

धौलपुर. सरकार भले ही बालिकाओं की अच्छी शिक्षा और भौतिक सुविधाओं को लेकर भरसक प्रयास कर रही हो, लेकिन देखा जाए तो विद्यालयों में दी जाने वाली शिक्षा कुछ अलग ही बयान करती है। कहीं तो शिक्षा के लिए पर्याप्त भवन नहीं है तो कहीं ज्ञान देने वाला ज्ञानदाता नहीं है। देखा जाए तो विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को वो शिक्षा नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए शिक्षा विभाग और सरकार दावे करती है। यही कारण है कि छात्र-छात्राओं का जीवन शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण गहन अंधकार में है।

मनियां कस्बे में संचालित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की करीब 200 छात्राओं का जीवन बिना व्याख्याताओं के कारण मझधार में अटका हुआ है। विद्यालय में व्याख्याताओं के 8 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 6 पद रिक्त हैं। इसी कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। 
स्कूल में व्याख्याता नहीं होने के कारण विषय पूरे नहीं हो पा रहे हैं। छात्रा सुधा, शालिनी, श्वेता, पूनम, शिवानी, सुरभि, दीक्षा आदि ने बताया कि अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं, लेकिन अभी तक कोई भी विषय पूरा नहीं हुआ है। माध्यमिक कक्षाओं के शिक्षक ही समयानुसार पढ़ा जाते हैं। 
छात्राएं पढ़ाई को लेकर काफी चिन्तित हैं। इसीलिए उन्होंने प्रधानाचार्या को व्याख्याताओं की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बताया है कि शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई चौपट हो रही है। स्कूल में मुख्य विषयों के व्याख्याता नहीं होने के कारण पढ़ाई शून्य है। 
छात्राओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही विषयों के व्याख्याता नहीं लगाए जाते हैं तो मजबूरन स्कूल में आना बंद करना पड़ेगा और सड़क पर प्रदर्शन करेंगे। विद्यालय में बालिकाओं को समुचित शिक्षा का वातावरण नहीं मिल पा रहा है। इससे बालिकाएं परेशान हैं।
मुख्य विषय के नहीं शिक्षक
विद्यालय में व्याख्याताओं के 6 पद रिक्त हैं, जिनमें से अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत, गृह विज्ञान, इतिहास विषयों के व्याख्याता तक नहीं है। स्कूल में हिन्दी और राजनीति विज्ञान के व्याख्याता ही हैं, जिन पर ही छात्राओं को भविष्य है। प्रधानाचार्या सुक्खो देवी ने बताया कि विद्यालय 2012 में क्रमोन्नत हुआ है, जब से ही इन विषयों के व्याख्याता नहीं है। 
इसके कारण बालिकाओं की शिक्षा काफी प्रभावित हो रही है। छात्राओं को स्वयं ही अपनी अन्य विषय पढऩी पड़ रही है। छात्राओं ने बताया कि दो कालांश पढऩे के बाद स्कूल में यूं ही बैठे रहते हैं। छात्राओं ने प्रधानाचार्या को शिक्षकों की मांग करते हुए अधूरे पड़े विषयों को पूरा करवाने की मांग की है। 
अवगत कराया है 
प्रधानाचार्य राबाउमावि मनियां सुक्खो देवी ने कहा कि  विद्यालय के क्रमोन्नत होने के समय से ही व्याख्याताओं के अधिकतर पद रिक्त हैं। जिसके कारण बालिकाओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षा विभाग को समस्या से कई बार अवगत करा दिया है।



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