रीट के आयोजन का वादा भूली राजस्थान सरकार, बेरोजगारों का बढ़ रहा है आक्रोश
राजस्थान में शिक्षक भर्ती के लिए रीट परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का इन्तजार लम्बा होता जा रहा है.
निराशा के शिकर हुए छात्र
प्रदेश के दूर-दराज इलाकों से राजधानी के कोचिंग संस्थानों
में लाखों रुपया अपनी पढाई पर खर्च कर चुके युवा इस भर्ती का बेसब्री से
बाट जोह रहे हैं. लम्बे समय से रीट की राह तक रहे युवा अब निराशा के शिकार
होते जा रहे हैं साथ ही उनमें आक्रोश भी पनप रहा है.
11 लाख से अधिक युवाओं को इंतजार
प्रदेश के करीब ग्यारह लाख बेरोजगार युवा शिक्षक बनने की
आस संजोए बैठे हैं लेकिन यह सपना कब पूरा होगा कहा नहीं जा सकता. शिक्षक
बनने के लिए रीट की तैयारी कर रहे युवाओं को पिछले डेढ साल से केवल आश्वासन
दिेए जा रहे हैं. हर बार रीट की विज्ञप्ति जारी होने की तारीख एक महीने
आगे खिसक जाती है.
वादे करके भूली सरकार
पहले अप्रेल महीने में रीट की विज्ञप्ति जारी करने की
घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई थी लेकिन उसके बाद अब तक करीब आधा दर्जन
बार इस तारीख को आगे खिसकाया जा चुका है. शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव
देवनानी खुद कई बार रीट की विज्ञप्ति को लेकर घोषणाएं कर चुके हैं जो अब तक
थोथी ही साबित हुई हैं. पिछले महीने शिक्षा राज्यमंत्री द्वारा पन्द्रह
दिन में रीट की विज्ञप्ति जारी करने की घोषणा की गई थी लेकिन एक बार फिर से
यह घोषणा खोखली साबित हुई है. रीट की विज्ञप्ति का अब भी बेरोजगार युवाओं
को बेसब्री से इन्तजार है.
जयपुर में कोचिंग संचालकों को फायदा
राजधानी जयपुर की ही अगर बात करें तो यहां एक लाख से भी
ज्यादा युवा दूर-दराज के क्षेत्र से आकर रीट की तैयारी कर रहे हैं. कोचिंग
और रहने-खाने जैसी व्यवस्थाओं पर इन युवाओं का लाखों रुपया भी खर्च हो चुका
है. रीट की तैयारी कर रहे इन युवाओं में बडी तादाद उन युवाओं की भी है जो
गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं. रीट की राह तक रहे ये युवा अब निराशा
और डिप्रेशन के शिकार होते जा रहे हैं. खास बात यह भी है कि अब तक रीट का
सिलेबस ही जारी नहीं किया गया है जिसके चलते युवाओं को बिना किसी दिशा के
ही इस परीक्षा की तैयारी करनी पड रही है. अभ्यर्थियों को तीस हजार की जगह
पहले केवल पन्द्रह हजार पदों पर ही भर्ती किए जाने की खबर से भी बडा धक्का
लगा है.
प्रदर्शन करने लगे है छात्र
एनसीईआरटी ने शिक्षक पात्रता के लिए प्रत्येक छह महीने में
टेट परीक्षा के आयोजन का प्रावधान किया हुआ है. राज्य सरकार ने अपने स्तर
पर आरटेट की जगह रीट परीक्षा का प्रावधान किया है लेकिन यहां बेरोजगार युवा
करीब दो साल से इस परीक्षा के आयोजन का इंतजार कर रहे हैं. रीट के लम्बे
होते इंतजार से बेरोजगार युवाओं में निराशा के साथ ही आक्रोश पनप रहा है और
यह आक्रोश अब सडकों पर भी नजर आने लगा है. शुक्रवार को भाजपा कार्यालय के
बाहर हुआ वाकया भी इसी निराशा और आक्रोश का नतीजा है.